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CSC Center संचालक द्वारा नाबालिग लड़कियों से छेड़छाड़ का मामला, CBI के रिमांड में CSC संचालक उगलेगा राज

Narnaund CSC Center संचालक द्वारा नाबालिग लड़कियों से छेड़छाड़ का मामला, CBI के रिमांड में CSC संचालक उगलेगा राज

Case of molestation of minor girls by Narnaund CSC Center operator, CSC operator will reveal the secret in CBI remand

सीबीआइ ने नाबालिगों से दुष्कर्म के आरोपित Narnaund CSC Center संचालक पर कसा शिकंजा

 

Narnaund Hisar News Today : नाबालिगों के साथ कुकर्म और यौन उत्पीड़न के मामले में सेंट्रल जेल एक में बंद नारनौंद क्षेत्र के एक गांव के रहने वाले और आरोपित Narnaund CSC Center संचालक सोमनाथ को मंगलवार को पुलिस ने अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत में पेश किया। सीबीआइ के तरफ से अदालत में आरोपित से पूछताछ करने के लिए रिमांड मांगा गया।

 

अदालत ने आरोपित का दो दिन के रिमांड पर भेजा है। अदालत से रिमांड मिलने के बाद सीबीआइ टीम के सदस्य आरोपित सोमनाथ को अपने साथ ले गए। रिमांड के दौरान आरोपित से पूछताछ की जाएगी कि वह नाबालिगों से कब से दुष्कर्म कर रहा है और उनकी अश्लील वीडियो इंटरनेट पर कब से अपलोड कर रहा है। ये भी पता लगाय जाएगा कि इस कृत्य अपराध में उसके साथ कोई अन्य तो शामिल नहीं है। अगर कोई और युवक उसका साथ दे रहा है तो वो कौन है। इस दौरान सीबीआइ टीम के पांच अधिकारी मौजूद थे।

व्हील चेयर पर लेकर आए पुलिस कर्मी

नाबालिगों के साथ दुष्कर्म और यौन उत्पीड़न मामले में फंसे CSC Center opretor सोमनाथ को पुलिसकर्मी दोपहर को सेंट्रल जेल से लेकर आए। बक्शी खाने में आने के बाद कड़ी सुरक्षा के बीच आरोपित को व्हील चेयर पर लेकर आए। दोपहर तीन बजे के बाद आरोपित को अदालत में पेश किया। अदालत के अंदर सीवीआइ के पांच अधिकारी बैठे हुए थे। दो दिन का रिमांड मिलने के बाद सीबीआइ की टीम पूछताछ के लिए उसे अपने साथ लेकर चली गई।

यह था मामला

सीबीआइ ने कई नाबालिग के साथ दुष्कर्म और यौन उत्पीड़न के मामले में 29 मई को हिसार में नारनौंद क्षेत्र के एक गांव के CSC Center opretor सोमनाथ को गिरफ्तार किया था। सोमनाथ दिव्यांग है और गांव में सीएससी सेंटर चलाता है। सीबीआइ ने आरोप लगाया गया था कि आरोपित इलेक्ट्रोनिक रूम में बच्चों को यौन कृत्यों में चित्रित करने वाली वाल यौन शोषण सामग्री (सीएसएएम) का निर्माण, ब्राउज, संग्रह, कब्जा, आदान-प्रदान और अपलोड कर रहा था। बच्चों से संबंधित अश्लील सामग्री का भंडारण कर रहा था। सीबीआइ ने बाल यौन शोषण की घटना का पता खुद ही लगाया, क्योंकि मामला दर्ज होने तक पीड़ितों या उनके परिवार ने किसी भी कानून प्रवर्तन एजेंसी को घटना की सूचना नहीं दी थी।

सुरेश सहारण की क़लम से

 

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