Sonipat News : नागरिक अस्पताल सोनीपत की आपातकालीन वार्ड में एक बच्चे के गले में पांच रुपये का सिक्का फंस जाने पर इलाज के लिए लाया गया। चिकित्सकों ने उसे पीजीआई रोहतक रेफर कर दिया, लेकिन पौन घंटे तक एंपुलेंस नहीं मिली तो स्वजन ने कर्मचारी से पूछा। इस पर कर्मचारी ने कहा कि अभी डेढ़ घंटा और लगेगा। इस पर आक्रोशित स्वजन में अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया।
Coin stuck in child throat in Sonipat, family members created ruckus when ambulance was not available
परिजनों ने अस्पताल के अधिकारियों व चिकित्सकों पर कार्रवाई की मांग करते हुए नाराजगी जताई। बच्चे का पिता उसे माइक पर ही दूसरे अस्पताल लेकर चल दिए थे। इससे पहले भी टोपी के मरीज एक युवक को दो घंटे तक एंपुलेंस नाहीं मिलने का मामला सामने आया था। एंबुलेंस में आक्सीजन सिलिंडर नहीं था। ( Latest Sonipat News in Hindi)
रविवार दोपहर साढ़े तीन बजे दहिया कालीनों के गुलशन अपने बेटे ईशान को अस्पताल लेकर पहुंचे। बको ने पांच रुपये का सिरकका निगल लिया था। उसे गंभीर अवस्था में नागरिक अस्पताल को इमरजेंसी में लाया गया, जपं डाक्टरों ने प्राथमिक जांच के पाद उसे पीजीआद रोहतक रेफर कर दिया, लेकिन 45 मिनट तक अस्पताल परिसर में जमकर हंगामा किया। ( Delhi NCR Haryana News Today)
उन्होंने डाक्टरों पर इलाज न करने और समय राहते एंबुलेंस उपलब्ध न कराने का आरोप लगाया। इस दौरान लोगों की भीड़ भी इकट्ठा हो गई और स्थिति तनावपूर्ण हो गई। हंगामे का वीडियो इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित हो गया, जिससे स्वास्थ्य विभाग को कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो गए। बच्चे के याचा अनुराग ने कहा कि यदि समय पर एंबुलेंस मिल जाती तो यच्चे को तुरंत उच्च चिकित्सा सुविधा मिल सकती थी। माचे के स्वजन उसे बाइक पर लेकर यस अड्डे पर पहुंचे और वहां से ईको किराये पर रोहतक पीजीआई पहुंचे। वहां पर बच्चे को दखिल करने के बाद डाक्टर उसके आपरेशन की बात कह रहे थे। ( Sonipat latest News in Hindi )
टीबी मरीज को भी नहीं मिली थी एंबुलेंस जिला नागरिक अस्पताल में मुरधार गांव के एक टीबी मरोज को एक सप्ताह पहले एंबुलेंस नहीं मिली थी। जिस एंबुलेंस में उसे रेफर किया गया, उसमें आक्सीजन सिलिंडर नहीं था। जब मरोज के स्वजन ने अधिकारियों से शिकायत की, तो आपातकालीन वार्ड से आक्सीजन सिलिंडर उपलब्ध कराकर उसे गंभीर हालत में खानपुर मेडिकल कालेज रेफर किया गया। ( Sonipat Hindi News Today )
जिले में कुल 30 एंबुलेंस इनमें से छह खराब
स्वास्थ्य विभाग के पास 30 एंबुलेस और तीन मोबाइल मेडिकल यूनिट (एमएमयू) है जिनमें से छह एंबुलेस खराब है। इन्हें वर्कशाप में खड़ा किया गया है। एंबुलेंसी की कमी के कारण गंभीर मरीजों को अस्पताल पहुंचाने में मुश्किलें आ रही थीं और लोगों को निजी वाहन या प्राइवेट एबुलेंस की महगी सेकाए लेनी पड़ रही थी। हालांकि अब खराब एंबुलेसों को सीएमओ 25 हनार रुपये तक खर्च में ठीक करा सकती है।
बच्ची की मौत के मामले में दर्ज हुआ था केस
गांव रायपुर में पानी में डूबने से एक बच्ची की मौत के बाद उसके पिता ने नागरिक अस्पताल के डाक्टरी पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगाते हुए सेक्टर-27 थाने में केस दर्ज करवाया था। रोहतक पीजीआई में वेंटिलेटर न मिलने के बाद बच्ची ने दम तोड़ दिया था। इस मामले में सेक्टर-25 थाना प्रभारी ने सिविल सर्जन से रिपोर्ट मांगी थी।
इस तरह का मामला संज्ञान में लिखित शिकायत नहीं मिली है। यदि कोई मामला सामने आता है, तो उसकी गहनता से जांच कराई जाएगी। अस्पताल में मरीजों को बेहतर इलाज उपलब्ध कराने का प्रयास किया जाता है। ( Abtak Haryana News Today )
- डा. संदीप लठयाल, विकि