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Ek Horror Story : भूत बोला तूं तो गयो – एक डरावनी कहानी

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भूत और किसान का हुआ आमना-सामना – एक रहस्यमयी कहानी

Ek Horror Story : Ghost said you are gone 

KPS Story : भारत के गाँवों में सदियों से भूत-प्रेत और आत्माओं की कहानियाँ सुनी और सुनाई जाती रही हैं। चाहे पेड़ों पर मंडराते साये हों या सुनसान रास्तों पर होने वाली अजीब घटनाएँ, ग्रामीण जीवन में इनका खास महत्व है। यह कहानी भी एक ऐसे ही किसान की है, जिसका आमना-सामना एक रहस्यमयी भूत से हुआ। जब पहली बार किसान का सामना भूत से हुआ तो वह बहुत ही डर गया। भूत बोला रामलाल तू यहां क्या करने आया है , यह सुनकर रामलाल पसीना पसीना हो गया और उसके चेहरे पर भी डर साफ झलक रहा था।


गाँव का सुकून भरा जीवन

चितंग नहर किनारे बसा एक छोटा-सा गाँव था—बिलासपुर। यहाँ के लोग मेहनती थे और खेती ही उनकी रोज़ी-रोटी थी। इसी गाँव में रामलाल नाम का एक किसान रहता था, जो ईमानदार और परिश्रमी था। उसकी एक छोटी-सी जमीन थी, जिस पर वह गेहूं और सब्ज़ियाँ उगाया करता था।

रामलाल का जीवन सीधा-सादा था। उसकी पत्नी और दो बच्चे थे, जो उसे बहुत प्यार करते थे। लेकिन उसके खेत के पास एक सुनसान इलाका था, जिसे गाँव वाले “भूतिया कुआँ” कहते थे। इस जगह के बारे में कहा जाता था कि वहाँ एक आत्मा रहती है, जो रात में निकलती है।


भूतिया कुएँ की कहानी

गाँव के बुजुर्गों के अनुसार, वर्षों पहले इस कुएँ में एक जमींदार का बेटा गिरकर मर गया था। तब से, इस जगह पर अजीब घटनाएँ होने लगीं। कई लोगों ने रात में कुएँ के पास किसी साये को घूमते हुए देखा था। कुछ ने वहाँ से अजीब आवाजें भी सुनी थीं।

गाँव के लोग इस कुएँ के पास जाने से डरते थे। यहाँ तक कि दिन में भी कोई वहाँ अकेले नहीं जाता था। लेकिन रामलाल इन बातों को नहीं मानता था। उसे लगता था कि ये सिर्फ अफवाहें हैं, जिनका कोई आधार नहीं है।


एक डरावनी रात

एक दिन रामलाल को खेत में देर हो गई। बारिश के कारण खेत की मिट्टी गीली हो गई थी, इसलिए उसे काम खत्म करने में ज्यादा समय लगा। जब वह घर लौटने लगा, तो आसमान में अंधेरा छा चुका था।

जैसे ही वह कुएँ के पास पहुँचा, उसे अजीब-सी ठंड महसूस हुई। हवा में सिहरन थी, और अचानक उसे ऐसा लगा कि कोई उसके पीछे चल रहा है। उसने मुड़कर देखा, लेकिन वहाँ कोई नहीं था।

अचानक कुएँ के अंदर से किसी के रोने की आवाज़ आई। रामलाल का दिल जोर-जोर से धड़कने लगा। उसने हिम्मत जुटाई और कुएँ के पास जाकर झाँका, लेकिन अंदर कुछ भी नजर नहीं आया।


भूत का दिखना

जैसे ही रामलाल आगे बढ़ा, अचानक एक सफेद साया उसके सामने आ गया। वह छायादार आकृति हवा में तैर रही थी, और उसकी आँखें जलती हुई लाल रोशनी की तरह चमक रही थीं।

रामलाल का पूरा शरीर काँपने लगा। वह जमीन पर गिर पड़ा और घबराकर पीछे हटने लगा। तभी वह साया बोल पड़ा—

“रामलाल, क्यों आया तू यहाँ?”

रामलाल को यकीन नहीं हो रहा था कि कोई भूत सच में उसके सामने था। लेकिन उसने हिम्मत नहीं हारी। उसने काँपती आवाज़ में कहा—

“मैं बस अपने खेत से लौट रहा था। मुझे नहीं पता था कि यहाँ कोई आत्मा है।”


भूत की सच्चाई

भूत कुछ देर तक उसे घूरता रहा और फिर बोला—

“मैं इस कुएँ का रखवाला हूँ। वर्षों पहले मुझे यहाँ मारा गया था, और मेरी आत्मा अब तक शांति नहीं पा सकी है। जो कोई भी इस कुएँ के पास आता है, मैं उसे डराने के लिए प्रकट हो जाता हूँ।”

रामलाल को लगा कि इस आत्मा की कोई अधूरी इच्छा होगी, जो इसे इस दुनिया में रोके हुए है। उसने हिम्मत जुटाकर पूछा—

“तुम्हारी आत्मा को शांति कैसे मिल सकती है?”

भूत ने गहरी सांस ली और कहा—

“मुझे इंसाफ चाहिए। मेरी हत्या हुई थी, लेकिन मेरे हत्यारों को कभी सजा नहीं मिली। अगर गाँव वाले मेरे लिए प्रार्थना करें और इस कुएँ को पवित्र करें, तो मेरी आत्मा मुक्त हो सकती है।”


गाँव वालों का डर

अगले दिन रामलाल ने गाँव के लोगों को सारी बात बताई। कुछ लोग डर गए, तो कुछ को यकीन नहीं हुआ। लेकिन गाँव के बुजुर्गों ने बताया कि कई साल पहले यहाँ सच में एक नौजवान की हत्या हुई थी, और उसका शव इसी कुएँ में फेंक दिया गया था।

यह सुनकर गाँव वालों ने तय किया कि वे इस आत्मा की शांति के लिए एक हवन करवाएँगे और कुएँ को पवित्र करेंगे।


हवन और आत्मा की मुक्ति

गाँव के पंडित ने बताया कि अगर आत्मा को मुक्ति दिलानी है, तो पूरे गाँव को मिलकर इस कुएँ के पास एक हवन करना होगा। गाँव वालों ने पंडित जी की बात मानी और एक शुभ दिन तय करके हवन शुरू किया।

जैसे-जैसे मंत्रों का उच्चारण हुआ, कुएँ के आसपास का माहौल हल्का होने लगा। अंत में, हवन पूरा होते ही अचानक एक तेज हवा चली और कुएँ से एक रोशनी निकलकर आसमान में विलीन हो गई।

गाँव के लोगों को महसूस हुआ कि आत्मा अब मुक्त हो चुकी थी।


गाँव की शांति लौट आई

इस घटना के बाद गाँव वालों ने कुएँ के पास एक छोटा सा मंदिर बना दिया। धीरे-धीरे उस इलाके की भूतिया कहानियाँ खत्म हो गईं, और गाँव के लोग अब बिना डर के वहाँ जा सकते थे।

रामलाल की हिम्मत और सूझबूझ के कारण गाँव को एक बड़ी मुसीबत से छुटकारा मिल गया। अब गाँव पहले की तरह शांतिपूर्ण और सुरक्षित हो गया था।


नैतिक शिक्षा

इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि—

  1. डर का सामना करने से ही समाधान निकलता है। अगर रामलाल भाग जाता, तो यह रहस्य कभी नहीं खुल पाता।
  2. हर आत्मा की एक कहानी होती है। कई बार जो हमें डरावना लगता है, उसके पीछे एक सच्चाई छुपी होती है।
  3. सामूहिक एकता से बड़ी से बड़ी समस्या हल हो सकती है। गाँव वालों ने मिलकर आत्मा को मुक्ति दी और अपने डर पर विजय पाई।

यह कहानी सिर्फ एक भूतिया किस्सा नहीं, बल्कि एक सीख भी है कि कभी-कभी डर के पीछे छुपी सच्चाई को जानना जरूरी होता है।

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