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भेदभावपूर्ण ट्रांसफर नीति के विरोध में HSEB यूनियन का धरना जारी, प्रबंध निदेशक ने बातचीत के लिए बुलाया|Hisar News

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Hisar News : भेदभावपूर्ण स्थानांतरण नीति के विरोध में एच.एस.ई.बी. वर्कर्स यूनियन हेड ऑफिस भिवानी  द्वारा विद्युत सदन मुख्यालय हिसार में किए जा रहे प्रदर्शन के आठवें दिन बिजली कर्मचारियों ने जोर शोर से भाग लिया।  वहीं दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम के प्रबंध निदेशक की ओर से 19 जून को यूनियन को बातचीत के लिए बुलाया।

 

HSEB union protests against discriminatory transfer policy

इस आंदोलन की अध्यक्षता व अगुवाई कर रहे यूनियन के राज्य महासचिव यशपाल देशवाल ने प्रबंधन को कड़े शब्दों में चेताया कि यदि निगम प्रबंधन ने हमारी मांगों को नहीं माना और भेदभावपूर्ण स्थानांतरण नीति को वापिस नहीं लिया तो 20 जून से इसी स्थान पर दोबारा से यूनियन अपना विरोध प्रदर्शन जारी रखेगी। उन्होंने कहा कि अब यूनियन कर्मचारियों की जायज मांगों के लिए किसी भी संघर्ष से पीछे नहीं हटेगी। उन्होंने कहा कि एच.एस.ई.बी. वर्कर्स यूनियन हेड ऑफिस भिवानी हिसार का इतिहास रहा कि कर्मचारियों की मांगों के आगे उन्होंने कभी हार नहीं मानी। ( HSEB union protests Haryana News )

 


 महासचिव देशवाल ने कहा कि एक तरफ तो सरकार महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा दे रहा है जबकि इसके विपरीत दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम प्रबंधन द्वारा महिला कर्मचारियों को अपने गृह क्षेत्र से बहुत दूर 200 किलोमीटर पोस्टिंग दी जा रही है। यह केवल निगम प्रशासन की स्थानांतरण नीति को अपने हिसाब से लागू करना है। ( discriminatory transfer policy Haryana )

 


उन्होंने कहा कि यह नीति उस समय थोप दी गई जब कर्मचारियों के बच्चों के स्कूलों में दाखिले पूर्ण हो चुके हैं और शैक्षणिक सत्र आरंभ हो चुका है। यह निर्णय न केवल असंवेदनशील प्रतीत होता है बल्कि ईश्वर के बनाए हुए मानवीय दृष्टिकोण के भी विपरीत है। यह भेदभावपूर्ण नीति न केवल  प्रशासन की मनमानी को दर्शा रहा है बल्कि कर्मचारियों के हितों की उपेक्षा का प्रमाण भी है।
राज्य महासचिव श्री यशपाल देशवाल ने चेतावनी देते हुए स्पष्ट किया कि जब तक मुख्य प्रशासक (हिसार) द्वारा ऑनलाइन ट्रांसफर नीति पर पुनर्विचार नहीं किया जाता, तब तक यह निरंतर आंदोलन जारी रहेगा। साथ ही, यह मांग भी रखी गई कि यूनियन और निगम प्रबंधन के बीच वार्ता होने तक किसी भी कर्मचारी को जबरन रिलीव न किया जाए। यदि ऐसा हुआ, तो आंदोलन और अधिक उग्र रूप लेगा जिसकी पूर्ण जिम्मेदारी निगम प्रशासन की होगी। ( Abtak Haryana News )


इस अवसर पर बड़ी संख्या में नए ALM/LM साथी आंदोलन में शामिल हुए और उन्होंने “होम सर्कल ऑर्डर” (घर वापसी) की पुरजोर मांग रखी। इस पर महासचिव यशपाल देशवाल ने उन्हें पूर्ण आश्वासन दिया कि उनकी सभी मांगों को पूरा करवाया जाएगा। ( ALM/LM protest update )

यूनियन के नेताओं ने एक सुर में बोलते हुए कहा कि हमारी प्रमुख मांगें:
1. मिड-सेशन ट्रांसफर पॉलिसी को तत्काल रद्द किया जाए।
2. सभी कर्मचारियों को समान आधार पर स्थानांतरण का अवसर मिले।
3. ब्लॉक की गई सभी पोस्टों को तुरंत अनब्लॉक किया जाए।
4. अफसरशाही के दबाव में तैयार की गई “चहेतों की सूची” की निष्पक्ष जांच करवाई जाए।
5. ALM/LM/AFM को उनके गृह सर्कल में उपलब्ध रिक्त पदों पर तैनात किया जाए।
एच.एस.ई.बी. वर्कर्स यूनियन ने इस तानाशाही और भेदभावपूर्ण नीति के विरुद्ध सख्त नाराज़गी जताई और चेतावनी दी कि यदि इन मांगों पर शीघ्र कार्रवाई नहीं हुई, तो एक व्यापक और जोरदार आंदोलन छेड़ा जाएगा।

इससे पूर्व विरोध प्रदर्शन के दौरान मुख्य संगठनकर्ता श्री अशोक शर्मा ने चेताया कि निगम प्रबंधन हमारे धैर्य की परीक्षा न ले। यदि कर्मचारियों की मांगों को गंभीरता से नहीं लिया गया तो यह आंदोलन और अधिक तीव्र किया जाएगा। उन्होंने कहा कि निगम द्वारा 27 कर्मचारियों को ट्रांसफर से छूट दी गई, जो वरिष्ठ अधिकारियों के ‘चहेते’ माने जाते हैं, यह खुला भेदभाव और भाई-भतीजावाद का प्रतीक है।

यूनियन के सहसचिव सतेन्द्र सहारण ने कहा कि उन्होंने कहा कि कई कर्मचारियों को पारिवारिक जीवन से दूर अन्य जिलों में तैनात कर मानसिक, सामाजिक और आर्थिक तनाव दिया गया। उन्होंने ने कहा कि यूनियन द्वारा कर्मचारियों की मांगों को लेकर जोरदार तरीके से संघर्ष किया जाएगा। ( Haryana Abtak News )

यूनियन के पूर्व महासचिव जसवंत सिंह ने इस विरोध प्रदर्शन को संबोधित करते हुए कहा कि हिसार ज़ोन की लगभग सभी पोस्ट जानबूझकर ब्लॉक कर दी गई, जिसके परिणामस्वरूप यहां के कर्मचारियों को 200–300 किलोमीटर दूर स्थानांतरित किया गया।
 आज हुए विरोध प्रदर्शन के मंच संचालन का कार्य प्रदेश वरिष्ठ उपप्रधान श्री मनोज सैनी ने प्रभावशाली रूप से किया।

इस धरने के प्रमुख उपस्थित प्रमुख पदाधिकारीगण अशोक शर्मा (राज्य मुख्य संगठनकर्ता), राजेश शर्मा (पूर्व उपमहासचिव), जसवंत सिंह चौहान, अनिल पहल, वीरेंद्र गोयत, राजा शामदो, मलकीत सैनी, दलबीर श्योराण, सतिंदर मोंगा, राजेश आशन, विकास नेहरा, साधु राम, संजय सांगवान, शमशेर सिंह, अमित संधू , राजमंदिर, शमशेर सिंह (टोहाना), अनिल, सोनू, रामनिवास, भगत सिंह, संदीप एमसीसी, रामहेर, कृष्ण सैनी, धर्मबीर बैरागी, महाबीर (नरवाना), बलवान ढिल्लों, अनिल इंडेल, सुरेंद्र, राकेश (AFM), सुनील (JE), दर्शन (AFM), रत्तन लाल, नसीब (नरवाना), रामफल (प्रधान, जींद), मदन लाल (हांसी), साहिल मित्तल, रमेश, वेदपाल शर्मा, राजेंद्र कथूरिया, जोगिंदर सिंह, जयभगवान (बरवाला), वीरेंद्र (बरवाला), दिनेश गिल, सुनील सोथा, अनिल राखी, जगबीर पंवार, सतपाल (AFM), गिरधारी (LM), पवन (LM), सोमबीर (SA), दीपक शर्मा (SA), राजेश बतरा (AFM), नरेश बतरा (AFM), श्याम सुंदर (JE), मनजीत (JE), अमित पेटवार, सुरेश पेटवार, सतीश बुरा, जयप्रकाश (प्रधान, नारनौंद), आज़ाद सिंह, वीरेंद्र (नारनौंद), सत्यवान शर्मा, शमशेर यादव, सचिन भाकर, सुरेश (सतरोड़), सन्नी (प्रधान, सतरोड़), सतीश लोहान, सुमंत (सचिव, सीसाय), सुरेश (सचिव, सब-अर्बन हांसी), नवीन, सुरेंद्र (उमरा), प्रदीप मलिक, मन्नू यादव (ALM), संदीप सैनी (हांसी) और अनेक अन्य कर्मचारी साथी मौजूद थे।

 

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