Huge trawlers reached Narwana from Kandla port of Gujarat, power cut, traffic jam from railway to road, it will take 15 days to reach Panipat refinery
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!436 टायरों वाले 2 विशालकाय ट्रालों को रेलवे फाटक क्रास करवाने के लिए बहाना पड़ा दिन भर पसीना
Narwana Jind News : गुजरात की कांडला बंदरगाह से पानीपत रिफाइनरी के लिए बाऊलर मशीनें लेकर जा रहे 436 टायरों वाले 2 विशालकाय ट्रक-ट्रालों को निकालने के लिए मंगलवार को यहां रेलवे को एक बार फिर कड़ी मशक्कत करनी पड़ी।
डेढ़ घंटे के लिए रेल यातायात रहा अवरुद्ध, नरवाना शहर की बिजली सप्लाई दिन गुल
रेलवे ने मंगलवार दोपहर इन ट्रक-ट्रालों को रेलवे फाटक क्रॉस करवाने के लिए विशेष मंजूरी दी जिसके लिए रेलवे ने हिसार रोड़ पर स्थित रेलवे फाटक के पास रेलवे लाइन के ऊपर से गुजर रही बिजली की तारों ओ.एच.ई. को हटाना पड़ा और रेलवे फाटक के दोनों तरफ भारी वाहनों को रोकने के लिए लगाए गए लोहे के पोलो हाइट गेज को भी 2 क्रेनों की मदद से हटाया गया। इस कार्य को करवाने के लिए रेलवे के कई कर्मचारियों को लगाया गया।इस मौके पर रेलवे के सीनियर सैक्शन इंजीनियर टी. आर. डी. सुशील कुमार, ट्रैफिक इंस्पैक्टर जींद अनिल यादव व स्टेशन अधीक्षक नरवाना रणधीर सिंह रेलवे कर्मचारियों के साथ मौजूद रहे। नरवाना पुलिस ने भी हिसार रोड़ के दोनों ओर बैरिकेट्स लगाकर वाहनों को यहां से डायवर्ट किया। रेलवे के कर्मचारियों ने जब रेलवे फाटक के पास रेलवे लाइन के ऊपर से बिजली की तारों को हटा दिया, तब इन बड़े ट्रक-ट्रालों को रेलवे फाटक से सफलतापूर्वक क्रॉस करवा दिया गया।
जींद-पटियाला नैशनल हाईवे पर बनी जाम की स्थिति
ट्रक-ट्राला क्रॉस होते ही रेलवे कर्मचारियों ने तय समय में दोबारा बिजली की तारों को जोड़ दिया और रेलवे यातायात बहाल कर दिया गया। इस दौरान करीह डेढ़ घंटे तक रेलवे यातायात बाधित रहा। रेलवे फाटक क्रॉस करने के बाद जब यह ट्रक- ट्राले हरियल चौक जींद-पटियाला नैशनल हाईवे पर पहुंचे तो हाईवे पर भी जाम की स्थिति बन गई और दोनों ओर वाहनों की लंबी कतारें लग गईं।विशालकाय ट्राले को निकालने के लिए सिरसा ब्रांच नहर पर लोहे का विशेष पुल तैयारइन भीमकाय विशाल ट्रालों को देखने के लिए लोगों की भारी भीड़ उमड़ी। अब इन ट्रालों को नरवाना की सिरसा ब्रांच नहर से क्रॉस करवाया जाएगा जिसके लिए सिरसा ब्रांच नहर पर लोहे का विशेष पुल तैयार किया गया है।उल्लेखनीय है कि इससे पूर्व इसी तरह की 4 बड़ी बाऊलर मशीनें पानीपत रिफानरी के लिए पिछले महीने यहां से क्रॉस कर चुकी हैं। उन गुजरात से मशीनों को निकालने के लिए भी तमाम प्रबंध किए गए थे।पानीपत रिफाइनरी पर मशीनें पहुंचाने पर होते हैं करोड़ों रुपए खर्च : संजीव वर्माइन मशीनों को पहुंचाने वाली ट्रांसपोर्ट कंपनी के मैनेजर संजीव वर्मा ने बताया कि इन मशीनों को पानीपत रिफाइनरी तक पहुंचाने के लिए करोड़ों रुपए का खर्च होते हैं। उन्होंने बताया कि ये मशीनें कांडला बंदरगाह से 1 अप्रैल से पानीपत रिफाइनरी के लिए चली थीं। कांडला से पानीपत रिफाइनरी तक कुल 1300 कि.मी. के सफर को पूरा करने में अभी 15 दिन और लगेंगे।