Instructions to take action against child protection homes operating without registration
एडीसी अनुपमा अंजलि ने जिला बाल संरक्षण विभाग के अधिकारियों को दिए निर्देश
रेवाड़ी जिले की एडीसी अनुपमा अंजलि ने कहा कि रेवाड़ी जिला में कोई भी बाल संरक्षण गृह बिना पंजीकरण के संचालित नहीं होना चाहिए। जिला में सभी बाल गृह जुवेनाइल जस्टिस एक्ट के तहत पंजीकृत होने चाहिएं। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि जिला में कोई भी बाल गृह बिना पंजीकरण के संचालित पाया जाता है तो उसके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाए।
एडीसी अनुपमा अंजलि मंगलवार को राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की सदस्य डा. दिव्या गुप्ता की वीसी उपरांत जिला के बाल गृह से संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दे रही थीं। उन्होंने कहा कि बाल संरक्षण गृहों का उद्देश्य बच्चों को सुरक्षित और स्वस्थ वातावरण प्रदान करना है, जहां वे अच्छे नागरिक के रूप में विकसित हो सकें। बाल संरक्षण गृहों में बच्चों को न केवल रहने की सुविधाएं दी जाए, बल्कि उनके शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक विकास का भी ध्यान रखा जाए।
उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य होना चाहिए कि बाल संरक्षण गृह में रहने वाला कोई भी बच्चा असुरक्षित या उपेक्षित महसूस न करे। बच्चों के अधिकारों की रक्षा करना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए, क्योंकि वे देश का भविष्य हैं। बाल संरक्षण गृहों में बच्चों को उनकी उम्र और जरूरतों के हिसाब से सेवाएं दी जाए ताकि वे मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ रह सकें।
इस अवसर पर डीसीपीओ दीपिका यादव, पीओआईसी सरस्वती यादव, काउंसिल नीतू सैनी सहित जिला बाल संरक्षण विभाग के अन्य संबंधित अधिकारी मौजूद रहे।