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Latest report of NCRB : ताजा रिपोर्ट में चौंकाने वाला खुलासा

 Shocking revelation in the latest report of NCRB

एनसीआरबी के अनुसार वर्ष 2022 में हरियाणा में औसतन प्रतिदिन हुई 10 आत्महत्या : हेमंत कुमार

 देश भर में गत वर्ष सुसाइड का आंकड़ा रहा 1 लाख 71 हजार, गत 5 वर्षो से संख्या में हो रही निरंतर वृद्धि

हरियाणा न्यूज चंडीगढ़  : केंद्रीय गृह मंत्रालय के अंतर्गत पड़ने वाले राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (latest report of NCRB ) द्वारा देश में वर्ष 2022 में हुई आकस्मिक मौतें और आत्महत्याओं (एक्सीडेंटल डेथ एंड सुसाइड) का आधिकारिक ब्यौरा वार्षिक रिपोर्ट के तौर पर प्रकाशित किया गया है। ताजा प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2022 में भारत में 1 लाख 70 हजार 924 लोगो ने आत्महत्या ( सुसाइड) की, जिसमें से 71.8 प्रतिशत पुरुष एवं 28.2 प्रतिशत महिलाएं थी। घरेलू समस्याओं (वैवाहिक के अलावा), विवाह संबधी परेशानियों और गंभीर बीमारियों से ग्रस्त होने की वजह से 55 प्रतिशत लोगों ने स्वयं अपनी जीवन लीला समाप्त की। 

देश के शहरों में आत्महत्या की दर गांवो से अधिक रही। आत्महत्या करने वालों में 68 प्रतिशत पुरुष विवाहित थे जबकि 64 प्रतिशत महिलाएं शादीशुदा थी। देश में सबसे अधिक करीब 58 प्रतिशत लोगों के फंदा लगाकर आत्महत्या की, जबकि जहरीला पदार्थ निगलने से 25 प्रतिशत, डूबने से 5 प्रतिशत जबकि चलते-दौड़ते वाहन/रेलगाड़ी के नीचे आकर 3 प्रतिशत लोगों ने आत्महत्या की। पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में एडवोकेट एवं कानूनी विश्लेषक हेमंत कुमार ने कहा कि वर्ष 2022 में हरियाणा में 3783 लोगों ने आत्महत्या की।

प्रदेश में सुसाइड दर 12.6 रही जबकि राष्ट्रीय स्तर पर यह दर 12.4 रही। उससे पिछले वर्ष 2021 में हरियाणा में आत्महत्या का आंकड़ा 3692 रहा था एवं सुसाइड दर 12.5 रही थी जबकि उस वर्ष राष्ट्रीय स्तर पर औसत दर 12 रही थी। वर्ष 2020 में हरियाणा में सुसाइड दर 13.7 रही थी जबकि राष्ट्रीय स्तर पर औसत दर 11.3 रही थी। वर्ष 2019 में हरियाणा में सुसाइड दर 14.5 रही थी, जबकि राष्ट्रीय स्तर पर औसत दर 10.3 रही थी।

पड़ोसी राज्यों में यह स्थिति रही हेमंत कुमार ने कहा कि पड़ोसी राज्य

पंजाब में गत वर्ष 2022 में 2441 एवं यूटी चंडीगढ़ में 131 लोगों ने सुसाइड की। देश की राजधानी दिल्ली में गत वर्ष यह आंकड़ा 3417 रहा। वर्ष 2022 में सबसे अधिक 22 हजार 746 आत्महत्या के मामले महाराष्ट्र में रहे, जिसके बाद दूसरे स्थान पर तमिलनाडु में 19 हजार 834 और उसके बाद तीसरे स्थान पर मध्य प्रदेश में 15 हजार 386 सुसाइड के केस रहे। चौथे स्थान पर 13 हजार 606 मामलो के साथ कर्नाटक, पांचवें स्थान पर 12 हजार 669 के साथ पश्चिम बंगाल और छठे स्थान पर 10 हजार 162 के साथ केरल रहा। इन 6 राज्यों के अतिरिक्त देश के शेष हर राज्य में वर्ष 2022 में सुसाइड के मामले दस हजार की संख्या से कम ही रहे। उन्होंने कहा कि वर्ष 2021 में देश भर में 1 लाख 64 हजार 33 लोगो ने आत्महत्या की थी जबकि वर्ष 2020 में 1 लाख 53 हजार 52 लोगों ने, वर्ष 2019 में 1 लाख 39 हजार 123 लोगों ने जबकि वर्ष 2018 में 1 लाख 34 हजार 516 लोगों ने आत्महत्या की थी। इस प्रकार गत पांच वर्षों में लगातार देश में सुसाइड करने वालों की संख्या में वृद्धि हो रही है।

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