list of corruption of Food Supply Department Inspector is long, depot holders revealed the secret
खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के इंस्पेक्टर की गिरफ्तारी के बाद 9 राइस मिलों की होगी वेरिफिकेशन
Karnal News : भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार किए गए खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के इंस्पेक्टर नीरज वधवा के खिलाफ एक और नई शिकायत डीसी, डीएफएससी और एसीबी को की गई है। इसके अधीन राइस मिलों की फिजिकल वेरिफिकेशन की मांग की गई है। क्योंकि इसके नेतृत्व में एक राइस मिल में 04 हजार क्विंटल सरकारी धान कम पाया गया।
राशन कम देकर मंथली लेता था इंस्पेक्टर, नाराज दो डिपो होल्डर दे चुके हैं रिजाइन
कुंजपुरा एरिया के डिपो होल्डरों का कहना है कि जब इंस्पेक्टर नीरज वधवा डिपो होल्डरों से भी मंथली लेने से नहीं चूकता था तो राइस मिलों में बड़ी गड़बड़ जरूर की होगी। डीएफएससी ने भी इंस्पेक्टर नीरज वधवा के अधीन राइस मिलों को दूसरे इंस्पेक्टर को टेकओवर करने की प्रक्रिया शुरू की है। पीवी करवाने के बाद ही नीरज वधवा के अधीन राइस मिलों का चार्ज दूसरे इंस्पेक्टर संभाल पाएंगे। नीरज वधवा के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए डिपो होल्डरों ने रोष जाहिर किया है।
40 से 50 किलो राशन की सप्लाई कम देने पर भी ठेकेदार के बिल पास कर देता था आरोपी इंस्पेक्टर
खराजपुर के डिपो होल्डर रजनी के पति विकास ने बताया कि उनके डिपो पर करीब 5 महीने से 40 से 50 किलोग्राम राशन रूटीन में कम आता था। वह ठेकेदार के बिल पर नोट भी करते थे कि उनके पास राशन कम आया है। बिल से इस राशन की कटौती की जाए। लेकिन आरोपी इंस्पेक्टर नीरज वधवा ने ठेकेदार का एक भी बिल नहीं रोका और ठेकेदार के बिल पास कर देते थे। इससे सरकार को नुकसान होता रहा। गरीब लोगों को राशन नहीं मिला। अधिकारी वसूली करते रहे।
यह स्थिति एक डिपो होल्डर की नहीं है, बल्कि जिलेभर के काफी डिपो होल्डरों के साथ इस तरह से दबाव बनाकर पैसे वसूले जाते हैं। इस मामले में डीएफएससी अनिल कुमार ने बताया कि विभागीय जांच की जा रही है। डिपो होल्डरों सेजो-जो आरोप लगाए जाते हैं, उनकी भी जांच की जाएगी।
इंस्पेक्टर द्वारा जब छोटे-छोटे डिपो होल्डरों से पैसे लिए जाते थे तो यह बड़े-बड़े राइस मिलों को कैसे छोड़ता होगा। इन सभी राइस मिलों की स्टॉक जांच व पीवी करवाई जाए, ताकि सरकार को चावल देते समय किसी प्रकार की देरी न हो।
शिकायतकर्ता डिपो होल्डर के प्रतिनिधि विकास शर्मा ने बताया कि इंस्पेक्टर नीरज वधवा वसूली के लिए खूब दबाव बनाता थ। बगैर शिकायत के भी डिपो पर पहुंच जाता था और छोटी-छोटी बातों पर धमकाता रहता था। नोटिस जारी कर देता था। इस कारण परेशान होकर इंस्पेक्टर को मंथली देनी पड़ती थी। कुंजपुरा एरिया के दो डिपो होल्डर तो इंस्पेक्टर के दबाव से परेशान होकर रिजाइन भी दे चुके हैं। विभाग के अधिकारी भी इंस्पेक्टर को रोक नहीं पाते थे। इंस्पेक्टर की शिकायत करने के बाद भी उसको कुंजपुरा सेंटर से नहीं बदला गया था। इस कारण आरोपियों की प्रॉपर्टी और संपत्ति की जांच की जाए। आय से अधिक संपत्ति बना रखी है, जो भ्रष्टाचार करके ही बनाई गई है।
आरोपी इंस्पेक्टर के अधीन एक राइस मिल में डेढ़ करोड़ रुपए का धान कम मिला
गांव खराजपुर वासी विकास शर्मा ने अब शिकायत दी है कि वह काफी समय से खाद्य एवं आपूर्ति विभाग में चल रहे भ्रष्टाचार की पोल खोल रहा है। 2 जनवरी को कुंजपुरा सेंटर पर एंटी करप्शन ब्यूरो की रेड के दौरान कुंजपुरा में तैनात इंस्पेक्टर नीरज वधवा, एएफएसओ राजेंद्र सिंह और रिटायर्ड कर्मचारी को गिरफ्तार किया था। जो अब जेल में हैं। इसी इंस्पेक्टर नीरज वधवा की ड्यूटी कुंजपुरा मंडी में जीरी खरीद में लगाई हुई थी।
इंस्पेक्टर वधवा द्वारा अग्रवाल फूड, जीडी फूड, अग्रवाल राइस, एनआर वधवा राइस व 5 से 6 अन्य राइस मिलों को सरकारी धान अलॉट कर रखी है। ताकि वह समय रहते सरकार को चावल लौटा सके। इन सभी राइस मिलों की पीवी करवाई जाए। जिससे यह स्पष्ट हो जाएगा कि नीरज वधवा द्वारा इन राइस मिलों से मिलकर कोई बड़ा स्कैम तो नहीं कर रखा है। कुछ दिन पहले अग्रवाल फूड में जांच में 4 हजार क्विंटल (डेढ़ करोड़ रुपए की) जीरी कम पाई गई थी। सभी राइस मिलों की जांच वीडियोग्राफी द्वारा उच्च अधिकारियों द्वारा अन्य विभाग से करवाई जाए।
ये समाचार भी पढ़ें:-
राखी गढ़ी पर बनेगी फिल्म, ग्रामीणों की बढ़ेगी परेशानी,
लिव-इन रिलेशनशिप में रहने वाली युवती ने लगाया फंदा,
उचाना में स्कूटी सवार बाप बेटे को कार ने मारी टक्कर,
जींद पानीपत रोड पर हादसा, तेज रफ्तार पिकअप गाड़ी ने कार को मारी टक्कर,
भारत की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म,
Discover more from Haryana News
Subscribe to get the latest posts sent to your email.