Meham Flood Area Visit Ex CM Bhupender Hooda
Meham Flood Area News : तमाम हरियाणा बाढ़ की चपेट में आया हुआ है और सरकार इस आपदा के समय भी लोगों को पोर्टल के खेल में उलझाए हुए हैं। सरकार को पोर्टल का खेल बंद करके पीड़ित किसानों के साथ-साथ अन्य पीड़ितों को भी तुरंत मुआवजा देना चाहिए ताकि वह अपने दिनचर्या फिर से शुरू कर सकें। अगर सरकार ने समय रहते पानी निकासी के ठोस पर बंद किए होते तो आज हरियाणा को यह दिन नहीं देखना पड़ता। उक्त शब्द हरियाणा के पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने रोहतक जिले के महम चौबीसी के बाढ़ ग्रस्त एरिया के गांव का जायजा लेते हुए कहे

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा खुद ट्रैक्टर पर सवार होकर Meham चौबीसी के गांव फरमाना, भैणी सूरजन, भैणी महाराजपुर, मातो भैणी, सैमाण, भैणी भैरो, भैणी चंद्रपाल, बेडवा इत्यादि गांव में जलभराव से फसलों को हुए नुकसान का जायजा लिया। उन्होंने कहा कि इस बार बाढ़ से किसानों की फसल के साथ-साथ लोगों के घरों में भी पानी घुस गया है यहां तक की शहरी क्षेत्रों में छोटे बड़े दुकानदारों की दुकानें व अन्य इमारतें भी इसकी चपेट में आ गई हैं। जिसकी वजह से मकान में दरार आ गई है और खेतों में खड़ी फसल तबाह हो गई है। धरातल पर देखने से पता चलता है कि किसानों की यह फसल तो नष्ट हो गई है साथ ही आने वाली फसल की बिजाई भी संभव दिखाई नहीं दे रही। सरकार को स्पेशल गिरदावरी करवा कर किसानों को तुरंत मुआवजा देना चाहिए।
पूर्व मुख्यमंत्री ने भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार किसानों और अन्य पीड़ितों को मुआवजा देने की बजाय उससे बचने के लिए पोर्टल के जाल में उलझा रही है। किसान और पीड़ित परिवार पोर्टल के जंजाल में उलझे रहे हैं या अपने परिवार को सुरक्षित रखें सरकार को इन बातों का ध्यान रखते हुए स्पेशल गिरदावरी करवरकर तत्काल मुआवजा देना चाहिए। क्योंकि काफी किसान दूसरों की जमीन ठेके पर लेकर कास्त करते हैं ऐसे में इस वार्ड की सबसे ज्यादा मार किसानों पर पड़ी है और पोर्टल के खेल में वह किसान सरकार के मुआवजे से वंचित रह जाते हैं। जबकि स्पेशल गिरधारी से यह पता लग सकेगा कि किसी जमीन पर कौन खेती कर रहा है और उसे पर मुआवजे का हक किसका है।
पूर्व सीएम ने Meham में भाजपा सरकार पर अटैक करते हुए कहा कि अगर समय रहते सरकार ने धरातल पर जल भराव से बचने के लिए उचित प्रबंध किए होते तो आज यह दिन नहीं देखना पड़ता। सरकार ने कागजात में सब काम कर दिए, लेकिन धरातल पर कोई काम नहीं किया। जिसका खामियाजना किसान, मजदूर, दुकानदार को उठाना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि खेतों से जल निकासी का उचित प्रबंध केवल ड्रेन सिस्टम है लेकिन भाजपा सरकार की नाकामी के चलते सब बर्बाद हो गया है। शहरों में थोड़ी सी बारिश में ही सीवरेज सिस्टम फेल हो जाते हैं और बारिश रुकने के कई कई घंटे तक शहरों में जल भराव की स्थिति बनी रहती है।
उन्होंने कहा कि जब 1995 में बाढ़ आई थी तो वह खुद कृषि मंत्री को लेकर हरियाणा पहुंचे थे और उन्हें हरियाणा के हालातो से अवगत करवाया था। इसके बाद किसानों को उनकी फसल के नुकसान के साथ-साथ ट्यूबवेल, खेतों में बने कोठड़े, सहित अन्य लोगों के घरों व दुकानों में हुए नुकसान की भरपाई सरकार ने स्पेशल गिरदावरी और सर्वे के आधार पर करवाया था जिसका फायदा पीड़ित परिवारों को मिल गया था।
उन्होंने Meham में कहा कि भाजपा सरकार अपने शासन में केवल पोर्टल के खेल में ही उलझी हुई है। जब भी कोई पोर्टल पर आवेदन करने जाता है तो अधिकतर समय सरकार का पोर्टल बंद मिलता है। कभी सर्वर डाउन तो कभी साइट बंद तो कभी गांव में बिजली न होने के कारण 90% लोग पोर्टल पर अपने नुकसान के लिए आवेदन ही नहीं कर पाते और जो इक्का दुक्का लोग अनेक परेशानियां खेलते हुए आवेदन कर देते हैं उन्हें मुआवजा मिलने में काफी समय लग जाता है। उन्होंने कहा कि सरकार को पोर्टल सिस्टम को छोड़कर इस समय पूरे हरियाणा को बाढ़ग्रस्त घोषित करके किसानों को तुरंत मुआवजा देना चाहिए।
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