Punjab farmers’ bandh, preparations being made to admit Jagjit Singh Dallewal to hospital
खनौरी बॉर्डर पहुंची पंजाब पुलिस, कल सुप्रीम कोर्ट में देना है जवाब, पंजाब में बंद का असर
पंजाब के किसान पिछले काफी समय से हरियाणा पंजाब के बॉर्डर पर बैठकर फसल खरीद पर एमसपी की गारंटी मांग रहे हैं और किसानों की मांग को लेकर किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल पिछले 35 दिनों से खनोरी बॉर्डर पर अमरण अनशन पर बैठे हुए हैं। उनकी तबीयत लगातार गिरती जा रही है और सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब के चीफ सेक्रेटरी और डीजीपी को ऐसा न करने पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान आदेश दिया था कि किसान नेता को तुरंत अस्पताल में भर्ती करवाया जाए और ऐसा न करने पर उनके खिलाफ अदालत की अवमानना का केस चल सकता है। इसी को लेकर पंजाब पुलिस के एडीजीपी जसकरण सिंह की अगुवाई में भारी पुलिस बल खनोरी बॉर्डर पहुंच गया। किसान नेताओं ने कहा है कि पंजाब सरकार व केंद्र की मोदी सरकार के साथ मिलकर किसानो की आवाज को दबाना चाहती है और इस आंदोलन को कुचलना की योजना बना रही है।
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पंजाब में किसान सुबह सात बजे ही सड़कों व रेलवे ट्रैक पर पर आ गए। जिसकी वजह से पंजाब में सड़कों पर वाहनों की लंबी कतारें देखी जा सकती हैं। वहीं हरियाणा से गुजरने वाली ट्रेनों को या तो रद्द कर दिया गया है और कुछ के रुट को डायवर्ट किया गया है। वहीं हरियाणा सरकार ने भी पंजाब से होकर जाने वाले रास्तों को डायवर्ट कर दिया है।
आपको बता दें कि रविवार को पंजाब पुलिस और प्रशासन के अधिकारी खनोरी बॉर्डर पर किसान नेताओं से मिलने के लिए पहुंचे थे और कहा था कि किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल को उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती करवा दें क्योंकि डॉक्टर ने कहा है कि उनकी तबीयत इतनी खराब हो चुकी है कि उनके साथ किसी भी समय अनहोनी हो सकती है। क्योंकि वह कैंसर पीड़ित हैं और इतने लंबे समय तक उनके शरीर को खुराक ना मिलने के कारण उनका शरीर काफी कमजोर हो चुका है लेकिन किसानों और प्रशासन की यह बात सिरे नहीं चढ़ी।
वही किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने एक जारी वीडियो में कहा है कि उन्होंने किसानों के हकों की आवाज उठाई है और उठा रहे हैं लेकिन सरकार उनकी मांगों को मानने की बजाय उनके आंदोलन को कुचलना की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि अंग्रेजो के राज्य में भी आम लोगों को सत्याग्रह आंदोलन करने का अधिकार था लेकिन हमारे देश की सरकार हमारी आवाज को दबाने के लिए शांतिपूर्ण तरीके से भी आंदोलन भी नहीं करने दे रही।
उन्होंने कहा कि अगर सरकार को हमारी ओर किसानों की इतनी ही चिंता है तो वह किसानो की मांग पर सुनवाई क्यों नहीं कर रही। किसान नेताओं ने कहा कि सरकार उन पर हमले की तैयारी कर उनके आंदोलन को कुचलना की कोशिश में लगी हुई है लेकिन आप यहां ज्यादा से ज्यादा संख्या में पहुंचे ताकि आंदोलन को बचाया जा सके। इस बार पंजाब हरियाणा के खनौरी बॉर्डर और शंभू बॉर्डर पर किसान गैर राजनीतिक किसान संगठनों के बैनर तले आंदोलन कर रहे हैं। आंदोलन कर रहे किसान नेताओं का कहना है कि यह आंदोलन किसी राजनीति से प्रेरित नहीं है और ना ही इसका कोई राजनीतिक फायदा उठाने की कोशिश की जा रही है बल्कि किसानों के हकों की लड़ाई लड़ने के लिए यह आंदोलन किया जा रहा है।
सुप्रीम कोर्ट में 31 दिसंबर को फिर से इस मामले को लेकर सुनवाई होगी। सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होने से ठीक 1 दिन पहले पंजाब के एडीजीपी जसकरण सिंह, पटियाला के डीआईजी मंदीप सिद्धू, पटियाला के पुलिस अधीक्षक नानक सिंह सहित भारी पुलिस बल खनौरी बॉर्डर पर पहुंच गया है। सुप्रीम कोर्ट में पंजाब सरकार ने भी तर्क दिया था कि किसान नेता को अस्पताल में भर्ती करवाया जाना चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि उनसे लोगों की भावनाएं जुड़ी हुई है और पंजाब में पंजाब सरकार को अपने हालात काबू में रखने होंगे। इसलिए राज्य सरकार को इसके लिए कुछ करना चाहिए। जब पंजाब सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में जलील दी कि किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ठीक है तो सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ऐसा कौन सा डॉक्टर है और किसने टेस्ट किए हैं जो 70 साल का आदमी इतने दिनों से भूखा प्यासा बैठा हुआ है और उन्हें ठीक बता रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार से पूछा कि आप कैसे कह सकते हैं कि वह ठीक है जब तक उनकी अभी तक नहीं तो खून की जांच हुई है और ना ही ईसीजी सहित दूसरे कोई टेस्ट हुए हैं।
कोर्ट ने पंजाब सरकार को फटकार लगाते हो कहा कि किसान नेता डल्लेवाल की तबीयत लगातार खराब होती जा रही है और उसके स्वास्थ्य की जिम्मेवारी पंजाब सरकार की बनती है। वह किसान नेता को अस्पताल में क्यों भारती नहीं करवा रही। अगर उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाने की जरूरत महसूस होती है तो इसका निर्णय अधिकारी लें। 28 दिसंबर को हुई सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट में पंजाब सरकार के अटॉर्नी जनरल ने तर्क दिया कि किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल को वहां से नहीं ले जाने दे रहे।
सुप्रीम कोर्ट ने फटकार लगाते हुए कहा कि आप पहले तो समस्या खड़ी होने देते हैं और बाद में हाथ खड़े कर देते हैं इसलिए उन्हें अस्पताल में शिफ्ट करने के लिए या तो कोई कदम उठाए या फिर असमर्थ है तो इसके लिए केंद्र सरकार से मदद लें। सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार के किसानों द्वारा विरोध करने के तर्क पर कहा किसी को अस्पताल में उपचार के लिए ले जाने से रोकने का आंदोलन उन्हें तो आज तक नहीं सुना। यह किसी व्यक्ति को आत्महत्या के लिए उखाणे जैसा है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह कैसे किसान नेता हैं जो चाहते हैं कि उनका नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल मर जाए। इससे जाहिर होता है कि जगजीत सिंह डल्लेवाल पर इन लोगों का दबाव है जो उन्हें अस्पताल में भर्ती होने से रोक रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल अनशन जारी रखना चाहते हैं तो वह अस्पताल में भी रख सकते हैं।
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30 दिसंबर को पंजाब बंद के चलते रूट डायवर्ट
- अंबाला से चंडीगढ़ जाने वाले वाहन अंबाला छावनी कैपिटल चौक से साहा, शहजादपुर, रामगढ़, पंचकूला होते हुए चंडीगढ़ जा सकते हैं।
- अंबाला से नारायणगढ़ जाने वाले वाहन अंबाला छावनी कैपिटल चौक से साहा, शहजादपुर होते हुए नारायणगढ़ जा सकते हैं।
- चंडीगढ़ से दिल्ली जाने वाले वाहन पंचकूला, रामगढ़, बरवाला, शहजादपुर, मुलाना, राष्ट्रीय राजमार्ग नंबर 344 से होकर यमुनानगर, रादौर, लाडवा, इंद्री, करनाल, पानीपत, सोनीपत, दिल्ली जा सकते हैं। या फिर चंडीगढ़ से दिल्ली जाने वाले वाहन पंचकूला, रामगढ़, शहजादपुर, साहा, शाहबाद, पीपली, करनाल से होकर भी दिल्ली जा सकते हैं।
- हिसार से चंडीगढ़ जाने वाले वाहन बरवाला, नरवाना, कैथल, कुरूक्षेत्र, शाहबाद, साहा, शहजादपुर, पंचकूला होते हुए भी चंडीगढ़ जा सकते हैं। व हिसार से चंडीगढ़ जाने वाले वाहन बरवाला, नरवाना, कैथल, पेहवा, ठोल, शाहबाद, साहा, शहजादपुर, पंचकूला होते हुए भी चंडीगढ़ जा सकते हैं।
- चंडीगढ़ से हिसार जाने वाले वाहन पंचकूला, शहजादपुर, साहा, शाहबाद, कुरूक्षेत्र, कैथल, नरवाना, बरवाला होते हुए भी हिसार जा सकते हैं।
- दिल्ली से चंडीगढ़ जाने वाले वाहनों के लिए दिल्ली, सोनीपत, करनाल, इंद्री, लाडवा या करनाल, कुरूक्षेत्र, उमरी चौक, लाडवा, रादौर, यमुनानगर एन एच344ए, मुलाना, शहजादपुर, पंचकुला होते हुए चंडीगढ़ जा सकते हैं।
- दिल्ली से चंडीगढ़ जाने वाले वाहनों के लिए सोनीपत, पानीपत, करनाल, कुरूक्षेत्र, शाहबाद, साहा, शहजादपुर, पंचकुला होते हुए भी चंडीगढ़ जा सकते हैं।
– आमजन किसी भी असहज परिस्थिति में डायल 112 पर सम्पर्क करके सहायता प्राप्त कर सकते हैं।
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