Bahadurgarh city is again in the grip of encroachment
Bahadurgarh city की सब्जी मंडी व सुभाष चौक पर 10-20 फीट तक अतिक्रमण
बहादुरगढ़ शहर ( Bahadurgarh city ) के मेन बाजार स्थित पुरानी सब्जी मंडी व सुभाष चौक सहित कई अन्य प्रमुख मार्ग फिर दुकानदारों के अतिक्रमण की जकड़ में हैं। यहां हालत यह है कि कई दुकानों के अंदर कम बल्कि बाहर सामान ज्यादा रखा रहता है। कई मार्गों पर 10 से 20 फुट तक बढ़े अतिक्रमण से हर रोज यहां शाम के वक्त तो हालत यह हो जाती है कि पैदल राहगीरों व वाहन चालकों को आवागमन करने में भी परेशानी होती है। कई बार तो मेन बाजार एरिया में जाम की समस्या तक गहरा जाती है।
पिछले कुछ दिनों से सड़कों पर फिर से बढ़े अतिक्रमण से राहगीरों को निजात नहीं मिल रही। कई प्रमुख बाजारों में तो स्थिति यह हो जाती है कि पैदल राहगीरों को निकलने में ही परेशानी तक उठानी पड़ती है। रेलवे रोड व मेन बाजार, दिगी-रोहतक रोड व झज्जर रोड की स्थिति यह है कि अब यहां कदम-कदम पर अतिक्रमण की भरमार है। महीने भर पहले पुलिस व नगर परिषद की ओर से लगातार अतिक्रमण हटाओ मुहिम चलाई गई मगर अब ज्यादा कार्रवाई नहीं होते देख अनेक दुकानदारों, अस्थाई दुकानदारों, रेहड़ी वालों व फुटपाथ पर सामान रखकर बेचने वालों के हौसले बढ़े हुए हैं।
नाहरा-नाहरी मोड के आस-पास भी यही हालात रहते हैं। रेलवे रोड़ व उसके आस-पास एरिया में तो अतिक्रमण हटने का नाम ही नहीं लेता। दिगी-रोहतक रोड पर दुकानों के आगे फ्लैक्स व सामान तो रखा रहता ही है साथ ही सड़क पर खड़े होने वाले वाहनों की वजह से भी यहां व्यवस्था गड़बड़ा रही है।
दुकानों के आगे सड़क पर 10 से 20 फीट तक एक अवैध कब्जों की भरमार हो रही है। इसके कारण वाहन चालकों व पैदल राहगीरों को निकलने में भी परेशानी हो रही है। आए दिन कोई न कोई वाहन चालक एक-दूसरे से उलझता भी दिखाई देता है।
बहादुरगढ़ में अतिक्रमण से हालात हुए बद से बदतर
बहादुरगढ़ मेन बाजार स्थित पुरानी सब्जी मंडी व सुभाष चौक के पास हालात बेहद खराब है। यहां दुकानदारों ने अपनी दुकानों के आगे 10-20 फुट तक अतिक्रमण किया हुआ है। मगर आश्चर्य की बात तो यह है कि यहां कार्रवाई के नाम पर कुछ नहीं है। इस अवैध अतिक्रमण के कारण लोगों को रोजाना भारी परेशानी झेलनी पड़ती है। यहां अतिक्रमण के कारण वाहनों के आवागमन के लिए कुछ ही रास्ता शेष रह जाता है। शाम को तो हालात ये होते है कि 5 मिनट का रस्ता तय करने में लोगों को आधा घंटे से ज्यादा का समय लग जाता है। ऐसे में लोग नगर परिषद की इस व्यवस्था को कोसते हुए नजर आते है। कई दुकानदारों ने जितना सामान अंदर रखा हुआ उससे कही ज्यादा बाहर सड़क पर रखा हुआ है।
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