Civil Defence mock drill operation in Hisar
हिसार जिला प्रशासन की ओर से बुधवार को राष्ट्रव्यापी नागरिक सुरक्षा अभ्यास के तहत हिसार जिले में सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया। यह मॉक ड्रिल सायं 4 बजे लघु सचिवालय परिसर, महावीर स्टेडियम, नगर निगम, बरवाला, हांसी और नारनौंद उपमंडल में एक साथ शुरू हुई। उपायुक्त एवं जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के चेयरमैन अनीश यादव की अगुवाई में यह अभ्यास सुनियोजित ढंग से संपन्न हुआ, जिसका मुख्य उद्देश्य आपदा की स्थिति में जान-माल की सुरक्षा सुनिश्चित करना रहा।

उपायुक्त अनीश यादव ने बताया कि गृह मंत्रालय भारत सरकार द्वारा निर्देशित इस अभ्यास का मुख्य उद्देश्य जिला में आपातकालीन प्रतिक्रिया तंत्र की मजबूती व नागरिक सुरक्षा प्रणाली की तैयारियों की जांच करना है। उन्होंने बताया कि निर्धारित समय पर सायरन बजते ही सभी चिन्हित स्थानों पर मॉक ड्रिल की प्रक्रिया शुरू हो गई और भवनों में फंसे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया।

मॉक ड्रिल के दौरान एयर रेड अलार्म सिस्टम एक्टिव होने के बाद एसडीआरएफ, फायर ब्रिगेड कर्मियों, हरियाणा पुलिस, गृह रक्षी, आपदा मित्रों और स्वास्थ्य विभाग की टीमों ने संयुक्त रूप से कार्य किया। नगर निगम के मुख्य भवन पर हमले की परिस्थितियां बनाई गई। इसके बाद ऊपरी मंजिलों पर फंसे लोगों को सुरक्षित रूप से नीचे उतारा गया। तीन विक्टिम को प्राथमिक चिकित्सा उपरांत घर भेज दिया गया और तीन की गंभीर स्थिति को देखते हुए उन्हें नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया। नियंत्रण कक्ष लघु सचिवालय में स्थापित किया गया था, जहां से संपूर्ण गतिविधियों पर नजर रखी गई। यहीं पर अधिकारियों को डी-ब्रीफिंग भी की गई। मॉक ड्रिल के दौरान एसडीआएफ के सभी उपकरण सही प्रकार से क्रियान्वित मिले। फायर ब्रिगेड और एबुंलेस का रिस्पोंस टाइम भी सही रहा।

उपायुक्त ने आमजन को सहयोग के लिए धन्यवाद करते हुए कहा कि किसी भी आपात स्थिति की पूर्व तैयारी अत्यंत आवश्यक है। मॉक ड्रिल के माध्यम से लोगों को यह जानकारी दी गई कि किसी भी आपदा की स्थिति में तुरंत सुरक्षित स्थान की पहचान करें, लाइट बंद करें और निर्धारित समय में एकत्रित हों। इस तरह की ड्रिल नागरिकों को आपातकालीन स्थितियों से निपटने के लिए तैयार करती हैं। लोगों को बताया गया कि ब्लैक आउट के दौरान घरों और कार्यालयों की बिजली बंद रखें और मोबाइल या एलईडी डिवाइसों का खिड़कियों के पास प्रयोग न करें। इस मॉक ड्रिल में हॉटलाइन कंट्रोल रूम, फायर ब्रिगेड, एम्बुलेंस और संचार साधनों की भी सक्रियता सुनिश्चित की गई।

इस अवसर पर उपायुक्त अनीश यादव, पुलिस अधीक्षक शशांक कुमार सावन, एडीसी सी. जयाश्रद्धा, नगर निगम आयुक्त नीरज, सीईओ जिला परिषद हरबीर सिंह, रोडवेज जीएम डॉ. मंगल सेन, नगराधीश हरिराम, जिला राजस्व अधिकारी विजय कुमार यादव, सिविल सर्जन डॉ. सपना गहलावत सहित अन्य अधिकारियों ने समीक्षा बैठक कर आपदा प्रबंधन तैयारियों की विस्तार से चर्चा की। उपायुक्त ने बताया कि राज्य सरकार ने आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के तहत प्रतिक्रिया प्रणाली को औपचारिक रूप से लागू किया है, जिससे आपदा के समय प्रभावी निर्णय लिए जा सकें और भ्रम की स्थिति न बने।


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