Kisan Andolan 2024 : Clash between farmers and police at Shambhu border: Ambulances fell short to take the injured to hospital
शंभू बॉर्डर पर पुलिस ने छोड़े आंसू गैस के गोले, करीब एक दर्जन किसान घायल
हरियाणा पंजाब सीमा शंभू बॉर्डर पर तीसरी बार 14 दिसंबर को किसान दिल्ली कूच के लिए शंभू से 101 किसानों का जत्था दिल्ली कूच के लिए आगे बढ़ा तो उन्हें पुलिस ने रोक लिया। पुलिस और किसानों के बीच काफी बहस बाजी हुई लेकिन किसान नहीं माने तो पुलिस ने उनके ऊपर आंसू गैस के गले और पानी की बहुत सारे कर दी। हरियाणा सीमा में पुलिस और पैरामिलिट्री फोर्स पहले से ही नाकेबंदी किए हुए है पुलिस ने बैरिकेडिंग को और पुख्ता किया था और किसानों को आगे बढ़ने से रोकने के लिए जाल भी लगाई हुई थी। लेकिन किसानों ने पुलिस बेरिकेटिंग को तोड़ने का प्रयास किया तो पुलिस ने उनके ऊपर आंसू गैस के गले और पानी की बौछार कर दी।

दिल्ली कूच की दो कोशिशों को हरियाणा पुलिस ने नाकाम कर दिया था जबकि इस दौरान छोड़े गए आस गैस के गोलों की चपेट में आने से कई किसान घायल हुए थे अब शनिवार को दिल्ली कूच के लिए जहां किसान तैयार हुए और आगे बढ़े तो इनको रोकने के लिए पुलिस ने पहले ही अपनी तैयारी की हुई थी। सुरक्षा के लिहाज से शंभू बॉर्डर के आसपास के गांव में इंटरनेट सेवाओं को भी बंद किया हुआ है। लेकिन सूत्रों से पता चला है कि किसने और पुलिस के बीच हुए टकराव में करीब एक दर्जन किसान घायल हो गए और घायलों को अस्पताल पहुंचने में मौके पर एंबुलेंस की कमी पड़ गई। इसके बाद किसानों ने अपने निजी साधनों से गंभीर रूप से घायल किसानों को अस्पताल पहुंचाया। करीब 2 घंटे के टकराव के बाद किसानों को वापस बुला लिया गया।

बता दें कि फसलों की एमएसपी पर खरीद सहित अन्य की मांग को लेकर 13 फरवरी से शंभू बॉर्डर पर डटे हुए हैं इस दौरान कई बार किसानों ने अंबाला में प्रवेश करते हुए दिल्ली कूच की कोशिश की लेकिन वे आगे नहीं बढ़ पाए हैं। शंभू बॉर्डर पर किसान अपनी तैयारियों के साथ जुटे हैं जबकि किसान कड़ाके की सर्दी में अलाव जलाकर बैठे हुए हैं जबकि शनिवार को दिल्ली कूच को लेकर रणनीति भी बनाई थी । यहीं पर ट्रैक्टर ट्रालियों व ट्रकों में किसान मौजूद हैं शंभू बॉर्डर पर हरियाणा सीमा में पुलिस ने अपनी तैयारियों को और पुख्ता किया हुआ है दीवार के ऊपर भी टीन शेड आदि लगाए जा रहे हैं।
वहीं किसान नेता राकेश टिकैट के खनौरी बॉर्डर पर आने से जींद प्रशासन सतर्क पंजाब के खनौरी बॉर्डर पर इंतजार करता रहा , लेकिन किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल से मिलने पहुंचे। किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल पिछले 19 दिनों से अमरण अनशन पर बैठे हुए हैं। किसान नेता राकेश टिकैट नरवाना की ओर नहीं आए लेकिन दाता सिंघवाला बॉर्डर पर प्रशासन सतर्क रहा वहीं जींद के डीसी मोहम्मद इमरान रजा ने संगरूर के प्रशासन को पत्र लिखकर अशन कर रहे किसान नेता जगजीत सिंह डल्ले वाल को चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करवाने को कहा है डीसी ने कहा है कि डल्ले वाल के आमरण अशन के चलते किसान खनौरी बॉर्डर पर एकत्रित हो रहे हैं कानून व्यवस्था बिगड़ सकती है ऐसे में पंजाब प्रशासन उचित कदम उठाए वहीं हरियाणा की ओर से दाता सिंह वाला बॉर्डर पर अर्ध सैनिक व पुलिस बल की नौ टुकड़िया तैनात रही।
डीसी ने कहा डल्ले वाल के स्वास्थ्य में संभावित गिरावट या किसी अप्रिय घटना की संभावना को देखते हुए विरोध प्रदर्शन बढ़ सकता है जगजीत सिंह लेवाल को तत्काल उचित चिकित्सा सुविधा प्रदान करें सुनिश्चित करें कि खनौरी बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन पर प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़े और जींद जिला में कानून व्यवस्था बनी रहे डीसी ने इसकी प्रति पंजाब व हरियाणा के मुख्य सचिव के साथ संगरूर प्रशासन को भी भेजी गई है।
शंभू बॉर्डर पर किसान नेता सरवंत सिंह पंधेर ने कहा है कि 14 दिसंबर को 101 किसानों का जत्था दिल्ली कूच करेगा और दोपहर 12:00 बजे वह दिल्ली की तरफ बढ़ेंगे इस दौरान किसानों ने जगजीत सिंह डल्ले वाल की सेहत पर चिंता जताई और डीसी अंबाला द्वारा डीसी संगरूर को पत्र लिखने पर सवाल उठाए किसानों ने इस दौरान सरकार द्वारा वार्ता ना करने का मुद्दा उठाया वहीं सांसद रामचंद्र जांगड़ा के बयान पर भी निंदा प्रकट की सुप्रीम कोर्ट में चल रहे मामले पर पंधेर ने कहा सरकार को बातचीत करने और बल प्रयोग नहीं करने के लिए कहा गया है। अब देखते हैं सरकार कितनी बार सुप्रीम कोर्ट की मानती है।
अंबाला एसपी अंबाला एसएस भोरिया ने कहा कि किसान कानून की पालना करें और अनुमति लेकर जाएं सुप्रीम कोर्ट में याचिका लंबित है स्टेटस को का आदेश है कानून की पालन करने वालों के लिए फूल हमेशा ही तैयार हैं अब तक के लिए बस इतना ही फिर मिलते हैं एक ऐसी ही बड़ी खबर पर हरियाणा न्यूज की विशेष नजर बनी हुई है।
किसान आंदोलन 2024 अब तक क्या हुआ
13 फरवरी : किसान दिल्ली रवाना हुए। पुलिस ने शंभू और खनौरी बॉर्डर पर बैरिकेडिंग कर रोका।
21 फरवरी : पुलिस-किसानों में टकराव हुआ। बठिंडा के शुभकरण की मौत हुई। कई किसान गिरफ्तार।
17 अप्रैल : किसानों की रिहाई की मांग को लेकर किसान रेलवे ट्रैक जाम कर बैठ गए।
2 सितंबर : शंभू बॉर्डर खोलने को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कमेटी बनाई।
18 नवंबर : किसानों ने 6 दिसंबर को दिल्ली कूच का ऐलान किया
26 नवंबर : किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल को पंजाब पुलिस ने हिरासत में लिया, आमरण अनशन शुरू
6 दिसंबर : शंभू बॉर्डर से दिल्ली कूच करने की कोशिश की। हरियाणा पुलिस ने आंसू गैस से खदेड़ा।
8 दिसंबर : दोबारा दिल्ली कूच की कोशिश की। हरियाणा पुलिस ने एंट्री नहीं दी। किसान वापस लौटे।