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Deven Sura Birthday : देवेन सुरा का 7वां जन्मदिन 51 पेड़ लगाकर मनाया गया | पर्यावरण संरक्षण का अनोखा संदेश

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Deven Sura Birthday Tree Plantation 51 Vriksh

जन्मदिन का अनोखा जश्न

आजकल जन्मदिन मनाने के कई तरीके देखने को मिलते हैं। कोई पार्टी करता है, तो कोई केक काटता है और महंगे उपहारों का आदान-प्रदान होता है। लेकिन भिवानी जिले के गांव सरल‌ के कमांडो जितेंद्र उर्फ जीतू के सुरा परिवार ने अपने बेटे देवेन सुरा का 7वां जन्मदिन  ( Deven Sura Birthday ) एक अलग और प्रेरणादायक तरीके से मनाकर समाज को एक बड़ा संदेश दिया। परिवार ने मिलकर तय किया कि इस बार जन्मदिन पर केक और पटाखों की जगह प्रकृति को उपहार दिया जाएगा। इसी सोच के तहत 51 पेड़ लगाए गए

पर्यावरण के लिए सकारात्मक सोच

Deven Sura Birthday : देवेन सुरा का 7वां जन्मदिन 51 पेड़ लगाकर मनाया गया | पर्यावरण संरक्षण का अनोखा संदेश
देवेन सुरा अपने ताऊ मनोज सूरा के साथ जन्मदिन पर पौधों के साथ।

आज पूरा देश जलवायु परिवर्तन और प्रदूषण की मार झेल रहा है। बढ़ते तापमान, घटते भूजल स्तर और हर दिन कम होती हरियाली को देखते हुए सुरा परिवार की यह पहल बेहद महत्वपूर्ण है। वृक्ष न केवल ऑक्सीजन देते हैं बल्कि छाया, फल, जल संरक्षण और पर्यावरण का संतुलन बनाए रखने में भी मदद करते हैं। ऐसे में जब बच्चे के जन्मदिन पर पेड़ लगाए जाते हैं, तो यह आने वाली पीढ़ियों के लिए एक जीवंत उपहार बन जाता है।

 

परिवार और परिजनों की भागीदारी

Deven Sura Birthday : देवेन सुरा का 7वां जन्मदिन 51 पेड़ लगाकर मनाया गया | पर्यावरण संरक्षण का अनोखा संदेश
देवेन सुरा अपने दादा उजाला राम सूरा व पिता जितेंद्र उर्फ जीतू व अन्य परिजनों के साथ जन्मदिन मनाते हुए।

Deven Sura Birthday Celebration में परिवार के सदस्यों के साथ-साथ रिश्तेदार और ग्रामीण भी शामिल हुए। सभी ने मिलकर हरियाली बढ़ाने का संकल्प लिया। प्रत्येक व्यक्ति ने खुद पौधारोपण किया और उनकी देखभाल की जिम्मेदारी भी ली। इस दौरान बच्चों को भी पौधों की अहमियत समझाई गई। छोटे-छोटे बच्चों ने पौधों को पानी दिया और उन्हें संरक्षित करने का वादा किया।

 

बच्चों के लिए सीख

Deven Sura Birthday : देवेन सुरा का 7वां जन्मदिन 51 पेड़ लगाकर मनाया गया | पर्यावरण संरक्षण का अनोखा संदेश
देवेन सुरा अपने दादा उजाला राम सूरा व दादी बाला के साथ मिलकर जन्मदिन मनाते हुए।

आज की युवा पीढ़ी मोबाइल और डिजिटल दुनिया में अधिक उलझती जा रही है। ऐसे में यदि उन्हें छोटी उम्र से ही प्रकृति का महत्व समझाया जाए, तो आने वाले समय में यही बच्चे पर्यावरण योद्धा बनेंगे। देवेन सुरा का जन्मदिन इस मायने में खास रहा कि इसने बच्चों को सिखाया कि असली जश्न वही है जो समाज और पर्यावरण को भी लाभ पहुंचाए।

 

51 वृक्ष लगाने के पीछे प्रतीकात्मक महत्व

Deven Sura Birthday : देवेन सुरा का 7वां जन्मदिन 51 पेड़ लगाकर मनाया गया | पर्यावरण संरक्षण का अनोखा संदेश
देवेन सुरा अपने जन्मदिन पर अपनी बहन रिया के साथ

भारतीय परंपराओं में 51 संख्या को शुभ माना जाता है। यही कारण है कि परिवार ने Deven Sura Birthday पर 51 वृक्ष लगाने का निर्णय लिया। इन पौधों में नीम, पीपल, बरगद, आम, शीशम और छायादार प्रजातियों को प्राथमिकता दी गई। ये पौधे लंबे समय तक ऑक्सीजन देंगे और पर्यावरण की रक्षा करेंगे।

 

समाज में संदेश

ग्रामीणों और समाज के अन्य लोगों ने इस पहल की जमकर सराहना की। उन्होंने कहा कि यह एक नई सोच और प्रेरणादायक पहल है। जन्मदिन पर पौधारोपण करना न केवल पर्यावरण को सुरक्षित करता है बल्कि बच्चे के जीवन के साथ-साथ समाज में भी सकारात्मक छाप छोड़ता है।

वैज्ञानिक दृष्टिकोण

पर्यावरण विशेषज्ञों का मानना है कि यदि हर व्यक्ति अपने जन्मदिन, शादी, वर्षगांठ या अन्य अवसरों पर केवल एक पौधा लगाए, तो देश में हर साल करोड़ों पेड़ लग सकते हैं।
यह पहल न केवल ऑक्सीजन का स्तर बढ़ाएगी बल्कि ग्लोबल वार्मिंग की समस्या को भी काफी हद तक कम करेगी।

ग्रामीणों की सहभागिता

ग्रामीणों ने भी वादा किया कि वे आने वाले समय में अपने बच्चों के जन्मदिन और अन्य शुभ अवसरों पर वृक्षारोपण करेंगे। इस प्रकार यह पहल केवल एक परिवार तक सीमित नहीं रही, बल्कि पूरे गांव में हरियाली अभियान का रूप लेने लगी।

सोशल मीडिया पर चर्चा

Deven Sura Birthday की यह खबर सोशल मीडिया पर भी चर्चा का विषय बनी। लोग इस पहल की तस्वीरें और वीडियो शेयर कर रहे हैं। कई यूजर्स ने इसे “ग्रीन बर्थडे” नाम दिया और दूसरों को भी इस तरह का कदम उठाने के लिए प्रेरित किया।

 

सरकार और प्रशासन की भूमिका

ऐसी पहल को बढ़ावा देने के लिए स्थानीय प्रशासन और सरकार भी जागरूकता अभियान चला रही है। “मेरा पेड़-मेरा जीवन”, “एक पेड़ मां के नाम” और “एक पेड़-एक जीवन” जैसे स्लोगन इसी सोच को मजबूत करते हैं।
यदि प्रशासन और समाज मिलकर काम करें, तो आने वाले वर्षों में धरती को फिर से हरा-भरा बनाया जा सकता है।

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