Haryana IPS suicide case update 7 day : Rahul Gandhi visit Chandigarh, Haryana DGP on leave
Haryana News Live Today : हरियाणा में पिछले एक सप्ताह से आईपीएस सुसाइड का मामला गहरा ताजा रहा है। पिछले एक सप्ताह से एडीजीपी के शव का पोस्टमार्टम भी नहीं हुआ है। मंगलवार को लोकसभा में विपक्ष के नेता एवं वरिष्ठ कांग्रेसी नेता राहुल गांधी चंडीगढ़ पहुंचे और पीड़ित परिवार से मुलाकात कर सांत्वना दी। राहुल गांधी से पहुंचने से पहले ही हरियाणा सरकार ने डीजीपी सतरूजित कपूर को छुट्टी पर भेज दिया। लेकिन समाचार लिखे जाने तक परिवार पोस्टमार्टम करवाने पर अब भी राजी नहीं हुआ है। पीड़ित परिवार का कहना है कि जब तक दर्द फिर में संशोधन कर आरोपितों के नाम दर्ज नहीं किए जाते तब तक वह है आईपीएस वाई पूरन का अंतिम संस्कार नहीं करेंगे।

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष एवं कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को इस पूरे मामले में ठोस कदम उठाना चाहिए और परिवार पर जो दबाव बन जा रहा है उसे हटाकर परिवार को न्याय दिलाने के लिए काम करना चाहिए। मुख्यमंत्री के आश्वासन के बावजूद भी कोई कार्रवाई नहीं हो रही और दोषियों को बचाने का प्रयास किया जा रहा है। आज मृतक आईपीएस अधिकारी की दोनों बेटियां और पत्नी दबाव महसूस कर रहे हैं और वह न्याय पाने की जंग लड़ रही है।
उन्होंने कहा कि कोई भी व्यक्ति अचानक सुसाइड नहीं करता जब उसे कई दिनों तक कई सालों तक प्रताड़ित किया जाता है तो वह मजबूर होकर इस तरह का कदम उठाता है ऐसा ही आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार और उनके परिवार के साथ हो रहा था। देश और हरियाणा प्रदेश में भाजपा सरकार के शासन में कानून व्यवस्था का जनाजा निकला हुआ है।
राहुल गांधी ने कहा कि चाहे कोई भी कितना भी कामयाब इंसान और पढ़ा लिखा क्यों ना हो और चाहे वह किसी बड़े पद पर ही क्यों ना हो लेकिन दलित होने के कारण उसे दबाया जाता है और उसे कुचला जाता है जिसको कांग्रेस पार्टी किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री ने पीड़ित परिवार को जो आश्वासन दिया है उसे पर आज तक कार्रवाई क्यों नहीं हो रही वह अपने कमिटमेंट को पूरा करें और पीड़ित परिवार पर जो दबाव बनाया जा रहा है उसे हटाया जाए।

मंगलवार को लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी चंडीगढ़ स्थित Haryana IPS case को लेकर मृतक वाई पूरन कुमार के परिजनों को सांत्वना देने के लिए पहुंचे। राहुल गांधी के साथ हरियाणा के नेता प्रतिपक्ष चौधरी भूपेंद्र सिंह हुड्डा, हरियाणा कांग्रेस प्रदेश अध्यक्षराव नरेंद्र सिंह, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष उदयभान सिंह, सिरसा से सांसद कुमारी सैलजा सहित कई दिग्गज नेता साथ है। राहुल गांधी के चंडीगढ़ डर से पहले ही हरियाणा सरकार ने हरियाणा के डीजीपी सतरूजित कपूर को छुट्टी पर भेज दिया। लेकिन 8 दिन बिक जाने के बावजूद भी परिवार पोस्टमार्टम करवाने के लिए राजी नहीं हुआ।
हरियाणा का यह हाई प्रोफाइल मामला प्रदेश की भाजपा सरकार के लिए गले का फांस बन गया है। हरियाणा में आईपीएस वाई पूरन कुमार की पत्नी भी बड़ी अधिकारी है और उसे भी मानने में भी भाजपा सरकार अब तक नाकाम रही है। सरकार की तरफ से की गई तमाम कोशिश फेल साबित हो रही है लेकिन डीजीपी को छुट्टी पर भेजने के बाद अब परिवार की क्या रणनीति होगी इस पर सब की नजर टिकी हुई है साथ ही सरकार और परिवार को इस मामले में राहुल गांधी की टिप्पणी का भी इंतजार है।
इतने बड़े अधिकारी द्वारा सुसाइड करने और सुसाइड नोट में बड़े-बड़े अधिकारियों को आरोपित बनाना कहीं ना कहीं सरकार की कार्य प्रणाली पर सवाल उठा रहा है। लेकिन कुछ लोग इसे जात-पात का जहर घोलने में लगे हुए हैं जो की आने वाले भविष्य के लिए बहुत ही खतरनाक साबित हो सकता है। अगर मामला भ्रष्टाचार या प्रताड़ना से जुड़ा हुआ है तो इस मामले के दोषियों को कठोर सजा दिलवाने के लिए लोग आगे भी आ रहे हैं लेकिन सरकार के साथ साथ कुछ लोग आईपीएस वाई पूरन कुमार के सुसाइड नोट में बनाए गए आरोपितों के पक्ष में भी खड़े हैं। कुछ लोगों का मानना है कि यह मामला राजनीति और जात-पात से प्रेरित है इसमें केवल एक समुदाय के लोगों को ही निशाना बनाया जा रहा है।
हरियाणा के इतिहास में जात-पात का जहर घोलने की राजनीति पिछले काफी समय से चली आ रही है और मिर्चपुर कांड के अलावा भगाना, भाटला गांव सहित अनेक ऐसे उदाहरण है जो छोटे-छोटे मामलों को राजनीतिकों ने तूल देकर बड़ा कर दिया। अब यह मामला हाई प्रोफाइल लोभी तक जा पहुंचा है और इसकी चपेट में हाई प्रोफाइल अधिकारी आने की वजह से यह पिछले एक सप्ताह से हरियाणा के साथ साथ देश की सुर्खियां बना हुआ है।
मृतक आईपीएस वाई पूरन की पत्नी आईएएस इस मामले में दोषियों को गिरफ्तार करने और उन पर ठोस कार्रवाई करने की डिमांड कर रही है। जबकि कुछ लोगों का मानना है कि इस पूरे प्रकरण की जांच हाई कोर्ट के किसी रिटायर्ड जज की अगुवाई में एसआईटी बनाकर करवाया जाए ताकि दूध का दूध और पानी का पानी हो जाए। पीड़ित परिवार के साथ Haryana IPS and IAS officer सहित अन्य उच्च पर्दों पर विराजमान अधिकारियों की बड़ी लोबी भी जुड़ी हुई है। इसको लेकर सोशल मीडिया पर तरह-तरह की पोस्ट देखने को मिल रही है लेकिन राजनीति करने वाले लोग इस मामले पर भी राजनीति करने से नहीं चुक रहे।
सबको पता है कि हरियाणा में जात-पात का जहर बोलने वाले लोग एक बार फिर से सक्रिय हो गए हैं और वह प्रदेश की छतीस बिरादरी के भाईचारे को खराब करने का प्रयास कर रहे हैं। अगर समय रहते सरकार ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया तो वह दिन दूर नहीं जब एक बार फिर प्रदेश जात-पात के आज में झूलता हुआ नजर आएगा।
ग्रामीण क्षेत्र में चर्चा है कि अगर आईपीएस अधिकारी सुसाइड केस में पीड़ित परिवार को न्याय पाने के लिए इतनी परेशानी झेलनी पड़ रही है तो आम लोगों को न्याय मिल पाना कितना मुश्किल होगा। चर्चा करते हुए लोग कह रहे हैं कि मृतक आईपीएस अधिकारी की पत्नी खुद आईएएस हैं और खुद मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी इस मामले पर संज्ञान ले रहे हैं उसके बावजूद भी पीड़ित परिवार को ठोस आश्वासन नहीं मिल रहा। अगर सरकार दोषियों को बचाने का प्रयास कर रही है तो यह बहुत ही घातक है। साथ ही चर्चा है कि अगर किसी एक विशेष जाति और समुदाय को निशाने पर लेकर कार्रवाई की बात हो रही है तो यह गलत है। लेकिन सच्चाई का पता तो जांच प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा कि कि इस पूरे प्रकरण में दोषी कौन-कौन हैं।
चंडीगढ़ पुलिस का कहना है कि पोस्टमार्टम हुए बगैर जांच प्रक्रिया शुरू करने में देरी हो रही है लेकिन कुछ सूत्रों का कहना है कि मृतक पूर्व आईपीएस अधिकारी के मोबाइल की कॉल डिटेल करने से कुछ राज सामने आए हैं। अब यह राज क्या है इसकी पुष्टि करने और डिटेल से बताने वाला अब तक कोई भी अधिकारी सामने नहीं आया है।
लोगों में चर्चा का विषय बना हुआ है कि हरियाणा में एससी और बीसी कोटे से कई विधायक और सांसद बने हुए हैं। कुछ विधायक तो सरकार में मंत्री भी हैं लेकिन वह सरकारी सुख भोगने के लिए पीड़ित परिवार के पक्ष में अब तक इस्तीफा नहीं दे रहे। अगर वो सच में पिछड़े व अनूसूचित जाति के लोगों की लड़ाई लड़ने वाले हैं तो अपना इस्तीफा सौंप कर पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने में अहम भूमिका निभा सकते हैं। परंतु सब अपनी अपनी कुर्सी से दूर नहीं होना चाहते।
17 अक्टूबर को हरियाणा की भाजपा सरकार मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में 1 साल पूरा होने का जश्न मना रही है। सोनीपत के राय में होने वाले इस कार्यक्रम में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत करना था लेकिन 13 अक्टूबर को प्रधानमंत्री ने हरियाणा के सोनीपत का अपना दौरा रद्द कर दिया। कुछ लोगों का मानना है कि आईपीएस सुसाइड केस को लेकर ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपना दौरा रद्द किया है तो कुछ लोगों का कहना है कि त्योहारी सीजन की वजह से प्रधानमंत्री ने दौरा रद्द किया है। असल कारण क्या है इसकी तरफ से सरकार की तरफ से कोई भी आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है।
हरियाणा के भिवानी जिले में लेडी टीचर मनीष की मौत का मामला अभी तक सुलझा भी नहीं था कि रोहतक में तैनात आईपीएस एडीजीपी वाई पूरन सिंह ने चंडीगढ़ स्थित अपने सरकारी आवास पर सुसाइड कर लिया था। उन्होंने सुसाइड करने से पहले जो पन्नों का सुसाइड नोट लिखा था जिसमें हरियाणा पुलिस प्रमुख डीजीपी शत्रुजीत कपूर, रोहतक के पुलिसअधीक्षक नरेंद्र बिजारणियां सहित कई बड़े अधिकारियों के नाम लिखे हुए थे और उन पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया गया था।