Haryana में मानसून की दस्तक, 6 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट
पिछले कई दिनों से पड़ रही थी उमस भरी गर्मी से राहत मिलती हुई दिखाई दे रही है। हरियाणा में मंगलवार के शाम को मानसून ने उत्तर प्रदेश के रास्ते एंट्री कर ली। इस बार मानसून सामान्य तारीख से 5 दिन पहले की हरियाणा पहुंच गया और हरियाणा की तीन जिलों में रात से ही रुक रुक मानसून की पहली बारिश हो रही है। मानसून पहुंचने के साथी किसानों के चेहरों पर भी खुशी की झलक उमड़ पड़ी है। मौसम विभाग का मानना है इस बार हरियाणा में बारिश सामान्य से ज्यादा होगी क्योंकि इस बार हरियाणा में बंगाल की खाड़ी के साथ-साथ अरब सागर की तरफ से भी लंबी वाली कमाई आ रही है तो उन क्षेत्रों में भारी बारिश होने की संभावना बन जाती है। इससे धान सहित अन्य फसलों की बंपर पैदावार होने की संभावना बढ़ जाती है।
मौसम विभाग की भविष्यवाणी को मानसून ने दिया चकमा
हरियाणा में मानसून के पहुंचने से पहले प्रदेश के करनाल, यमुनानगर, कैथल में मानसून की बारिश हुई। परी मानसून की बारिश कई जिलों में अधिक हुई है तो कई जिलों में केवल नाम मात्र ही बारिश का असर देखने को मिला। भिवानी में प्री मानसून की इतनी बारिश हुई कि शहर में जल भराव होने से प्रशासन के तमाम दावों की पोल खुल गई। भाजपा की राज्यसभा सदस्य किरण चौधरी की कोठी में भी बारिश का पानी भर गया। उधर सड़कों पर जलभराव होने से पानी में वहां रेंगते हुए नजर आए। कल तक मौसम विभाग की तरफ से कहा जा रहा था कि 28 जून तक मानसून हरियाणा में आएगा लेकिन इस बार मानसून हरियाणा में 5 दिन पहले ही एंट्री मार के सबको चौंका दिया है। हरियाणा में इस बार मानसून में उत्तर प्रदेश के रास्ते से हरियाणा में प्रवेश किया जिसकी वजह से करनाल पानीपत और कैथल में रात भर से बूंदाबांदी का दौर शुरू हो गया।
36 घंटों में पूरे हरियाणा को कवर करेगा मानसून
मौसम विभाग के मुताबिक करनाल, अंबाला, कुरुक्षेत्र, यमुनानगर , पानीपत और कैथल में बुधवार को मानसून की पहली बारिश होगी और इसके साथ ही मानसून हरियाणा के अन्य जिलों की तरफ भी आगे बढ़ेगा। मौसम विभाग ने करनाल पानीपत के साथ साथ प्रदेश के 6 जिलों में भी भारी बारिश की आशंका का जाहिर की है। मौसम विभाग का कहना है कि आने वाले 36 घंटे में मानसून पूरे प्रदेश को कर कर लेगा और आने वाले सप्ताह में हरियाणा में भारी बारिश हो सकती है।
सूरज की गर्मी के आगे कुलर एसी भी हुए फेल
बारिश का दौर शुरू होने से पहले हरियाणा में गर्मी का सितम इतना बढ़ गया था कि दिन रात लोगों के पसीने छूट रहे थे। सूरत की गर्मी इतनी बढ़ गई थी कि इससे बचने के लिए लोग कलर और एसी का सहारा ले रहे थे परंतु कुलर पंखों के साथ ही एसी भी आसमान से बरस रही आपकी तपिश को कम नहीं कर पा रहे थे। हरियाणा के अधिकतर जिलों में तापमान 45 डिग्री तक पहुंच गया था परंतु परी मानसून के बाद तापमान में धीरे-धीरे गिरावट दर्ज की गई और अब हरियाणा के अधिकतर जिलों का तापमान 40 डिग्री से नीचे दर्ज किया गया।
अच्छी बारिश होने से बढ़ जाएगी धान की बंपर पैदावार होने की संभावना
हरियाणा के अधिकतर क्षेत्रों में धान की फसल की खेती की जाती है और यह खेती पूर्ण रूप से पानी पर निर्भर होती है। लेकिन नलकूपों की मदद से धान की फसल की नियमित रूप से सिंचाई करना संभव नहीं है और बारिश पर ही है खेती अधिकतर क्षेत्रों में निर्भर करती है। ऐसे में अधिक बारिश होगी तो धान की खेती की बंपर पैदावार होने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं। जिससे किसानों की खेती पर आने वाले लागत में भी कमी आएगी। इसके अलावा नरमा, बाज,रा ज्वार सहित खरीद के सीजन में बिजाई करने वाली फसलों में भी बारिश का फायदा होता है।
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