Parali jalane par jurmana fir raid entry sivan haryana
कैथल जिले ब्लॉक सीवन के गांव गोघ में धान की फसल के अवशेष ( पराली ) जलाने की पहली घटना सामने आते ही कृषि विभाग ने कड़ा रुख दिखाया है। हरसेक प्रणाली से मिली सूचना के आधार पर अधिकारियों की टीम ने मौके पर पहुंचकर निरीक्षण किया और नियमों का उल्लंघन करने वाले किसान पर 5000 रुपए का जुर्माना लगाते हुए रैड एंट्री दर्ज की।
साथ ही इस मामले में सीवन थाने में एफ. आई.आर. दर्ज की गई है, ताकि अन्य किसान ऐसे कार्यों से सबक लें। ब्लॉक कृषि अधिकारी डॉ. अमी लाल ने बताया कि सूचना मिलते ही विभाग ने त्वरित कार्रवाई करते हुए संबंधित किसान बाबू राम के विरुद्ध नियमानुसार दंडात्मक कदम उठाए।
उन्होंने कहा कि फसल अवशेषों को जलाना न केवल पर्यावरण को प्रदूषित करता है, बल्कि मिट्टी की उर्वरक क्षमता को भी गंभीर नुक्सान पहुंचाता है। उन्होंने किसानों से अपील की कि वे पराली प्रबंधन के आधुनिक साधनों जैसे हैप्पी सीडर, सुपर सीडर, रोटावेटर और स्ट्रॉ रीपर का उपयोग करें, ताकि फसल के अवशेषों का सदुपयोग हो सके तथा आय में भी वृद्धि हो।
उपमंडल कृषि अधिकारी डॉ. कंचन शर्मा ने बताया कि पिछले वर्ष इस अवधि तक 56 घटनाएं दर्ज की गई थीं, जबकि इस बार सिर्फ एक घटना सामने आई है। यह बताता है कि किसानों में जागरूकता बढ़ी है और पराली जलाने की घटनाओं में उल्लेखनीय कमी आई है।
किसान इस बार दीपावली पर पर्यावरण को उपहार दें, पराली न जलाएं, बल्कि उसे मिट्टी की उर्वरता बढ़ाने का साधन बनाएं। पराली को न जलाने से न केवल खेत की गुणवत्ता सुधरती है बल्कि वायु प्रदूषण पर भी प्रभावी नियंत्रण होता है। विभाग ने चेतावनी दी कि अब किसी भी गांव में अवशेष जलाने की घटना पाई गई तो जिम्मेदार किसान पर सख्त + कार्रवाई की जाएगी।