rohtak samaveshi classroom baithak avyavastha
Highlights
- अब पीछे बैठने वाला कोई विद्यार्थी नहीं होगा
- प्रत्येक बच्चे को समान सीखने के मिलेंगे अवसर
- सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों के बैठने की नई व्यवस्था लागू
- अभिनव मॉडल के तहत, छात्रों को पारंपरिक सीधी-रेखा वाली बेंचों की बजाय यू-आकार या गोलाकार व्यवस्था में बैठाने का है प्रावधान
Rohtak News : रोहतक जिला उपायुक्त सचिन गुप्ता ने कहा है कि जिला में सरकारी विद्यालयों की कक्षाओं को अधिक सहभागी, संवादात्मक और samaveshi classroom बनाने की दिशा में एक अग्रणी कदम उठाते हुए जिला के सरकारी स्कूलों में बैठने की एक नई व्यवस्था शुरू की है। इस पहल का उद्देश्य आगे बैठने वाले विद्यार्थियों और पीछे बैठने वाले विद्यार्थियों के बीच पारंपरिक विभाजन को खत्म करना और प्रत्येक बच्चे के लिए समान सीखने के अवसर सुनिश्चित करना है।
Rohtak DC सचिन गुप्ता ने कहा है कि इस अभिनव मॉडल के तहत, छात्रों को पारंपरिक सीधी-रेखा वाली बेंचों की बजाय यू-आकार या गोलाकार व्यवस्था में बैठाया जाता है। यह डिजाइन सभी छात्रों को शिक्षक के सामने सीधे बैठने की सुविधा देता है, जिससे बेहतर नेत्र संपर्क, आसान संचार और कक्षा में अधिक आकर्षक बातचीत संभव होती है।

उन्होंने कहा कि samaveshi classroom व्यवस्था के अनेक लाभ होंगे, जिनके तहत प्रत्येक बच्चे को समान स्थिति में रखा जाता है, जिससे पीछे बैठने का पुराना कलंक दूर होता है, ज्यादा बेहतर शिक्षक-छात्र संपर्क के तहत शिक्षकों को कक्षा का पूरा दृश्य मिलता है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि किसी भी छात्र की अनदेखी न हो। ज्यादा बढ़ी हुई भागीदारी से बच्चों को अधिक आत्मविश्वासी बनने के लिए प्रोत्साहन मिलता है तथा चर्चाओं में प्रतिक्रियाशील और सक्रिय भागीदारी होती है। नई व्यवस्था से बच्चो में बेहतर अनुशासन होता है। सभी छात्रों के दृश्यमान और संलग्न होने से, ध्यान भटकाने वाली चीज़ें काफी कम हो जाती हैं। बच्चो का समग्र विकास होता है। यह मॉडल कक्षा में सहयोग, संवाद और आपसी सम्मान को बढ़ावा देता है।
Rohtak DC सचिन गुप्ता ने कहा है कि इस नई व्यवस्था को अपनाने वाले शिक्षकों का कहना है कि samaveshi classroom छात्रों की एकाग्रता और कक्षा के अनुशासन में काफी सुधार हुआ है। छात्रों ने भी कहा है कि बैठने की यह व्यवस्था उन्हें पाठ के दौरान ज़्यादा आत्मविश्वास, समावेश और जुड़ाव का एहसास कराती है। उन्होंने कहा है कि शिक्षा केवल पाठ्यपुस्तकों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि उस माहौल से भी जुड़ी है, जो हम अपने बच्चों के लिए बनाते हैं। आगे और पीछे की बेंचों के पारंपरिक कक्षा पदानुक्रम को तोडक़र, हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि प्रत्येक बच्चे को समान ध्यान और महत्व मिले। यह पहल रोहतक के सरकारी स्कूलों में गुणवत्तापूर्ण, समावेशी और छात्र-केंद्रित शिक्षा प्रदान करने की हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
Rohtak DC ने कहा है कि यह पहल जिले के सभी स्कूलों में चरणबद्ध तरीके से लागू की जा रही है। शिक्षकों के लिए प्रशिक्षण सत्र भी आयोजित किए जा रहे हैं ताकि वे इस नई प्रणाली का अधिकतम लाभ उठा सकें। अधिकारियों को उम्मीद है कि samaveshi classroom से कक्षा में छात्रों का प्रदर्शन बेहतर होगा और उनमें आत्मविश्वास और आत्मसम्मान का संचार होगा।
रोहतक जिले के सभी शैक्षणिक संस्थानों को इस नए मॉडल को यथा संभव अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है ताकि अधिक से अधिक बच्चे samaveshi classroom और आकर्षक शिक्षण वातावरण का लाभ उठा सकें। इस प्रगतिशील कदम के साथ, Rohtak District खुद को शैक्षिक नवाचार में अग्रणी स्थान पर स्थापित कर रहा है, यह दर्शाता है कि कैसे सरल लेकिन विचारशील बदलाव एक बच्चे की सीखने की यात्रा की नींव को मजबूत कर सकते हैं।