Death of Youth left in Police Custody : पुलिस हिरासत में छोड़े युवक की मौत का मामला : FSL रिपोर्ट में खुलासा, 3 महीने बाद हत्या का मामला दर्ज

By sunilkohar

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Case of death of youth left in police custody

 Case of death of youth left in police custody: FSL report reveals, murder case registered after 3 months

हरियाणा से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। और इसका खुलासा FSL की रिपोर्ट में हुआ है कि युवक की मौत सामान्य मौत नहीं थी बल्कि उसका मर्डर किया गया था। मरने से एक दिन पहले युवक डिवाइडर पर लेट कर पानी के लिए चल रहा था और उसे पुलिस की डायल 112 टीम पदकर पुलिस चौकी छोड़कर आ गई थी। युवक की हत्या किसने की है और किसी रंजिश में की गई है अभी तक यह एक पहेली बनी हुई है।

अदालत के दखल के बाद पुलिस ने ड्यूटी मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में डॉक्टर के बोर्ड से मृतक के शव का पोस्टमार्टम करवाया। पोस्टमार्टम के दौरान डॉक्टरों की टीम ने विसरा रिपोर्ट लेकर यह पता लगाने के लिए की युवक की मौत कैसे हुई है रिपोर्ट को मधुबन लैब में भेज दिया। करीब 3 महीने बाद जब मधुबन से युवक की विसरा रिपोर्ट आई तो उसमें खुलासा हुआ कि उसकी मौत सामान्य मौत नहीं थी बल्कि उसकी मौत ज्यादा पिटाई करने की वजह बताई गई है। इसके बाद 3 महीने बाद पुलिस ने इस मामले में हत्या का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

इस संबंध में रेवाड़ी सदर थाना प्रभारी रजनीश कुमार ने बताया कि मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट और मधुबन से आई विसरा रिपोर्ट के आधार पर युवक की मौत के मामले में हत्या का मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस मामले की गहनता से जांच करने में लगी हुई है लेकिन 3 महीने बीत जाने के बाद भी मृतक युवक की पहचान नहीं हो पाई।‌ पुलिस अलग-अलग एंगल से मामले की जांच करने में लगी हुई है।

गौरतलब है कि रेवाड़ी भाड़ावास रोड़ पर 23 जुलाई को अर्धनग्न अवस्था में एक युवक बैठा हुआ था और वो आसपास के मकान में जाकर पानी मांग रहा था। लोगों ने उसे पानी पिलाया और देखा कि युवक काफी बदहास लग रहा था तो स्थानीय लोगों ने इसकी सूचना डायल 112 पुलिस टीम को दी। पुलिस टीम मौके पर पहुंची और युवक को गाड़ी में बैठाकर सेक्टर 3पुलिस चौकी छोड़ आई। युवक के शरीर पर चोटों के निशान थे लेकिन वह पुलिस की गाड़ी में खुद अपने पांव से चलकर बैठा था। इसकी सीसीटीवी फुटेज भी सामने आई है।

24 जुलाई सुबह जब लोग सैर करने के लिए घर से निकले तो रेवाड़ी शहर के बाईपास स्थित सनसिटी के पास डाक्टर सतबीर यादव को एक शव लावारिस हालत में पड़ा हुआ दिखाई दिया। उन्होंने तुरंत ही इसकी सूचना पुलिस को दी और पुलिस टीम मौके पर पहुंची तो देखा कि ये शव उसी युवक का है जिसको पुलिस टीम सेक्टर 3 पुलिस चौकी में छोड़कर आई थी। यह बात आपकी तरह पूरे शहर में फैल गई। इसके बाद अजीत यादव और प्रवीण राव ने पुलिस कार्य प्रणाली पर सवाल उठाए थे की मामूली चोट लगे युवक की ऐसे कैसे मौत हो सकती है। जबकि युवक को पुलिस के हवाले कर दिया गया था और युवक रेवाड़ी बाईपास पर सनसिटी के पास कैसे पहुंचा और यहां पर उसकी मौत कैसे हुई।

इस मामले को लेकर पुलिस अधीक्षक रेवाड़ी ने इस मामले की जांच जब डीएसपी से करवाई तो एएसआई ने बताया कि युवक को उपचार के लिए अस्पताल लेकर जा रहे थे लेकिन युवक रास्ते में गाड़ी से कूद कर भाग गया। लेकिन पुलिस के आलाधिकारी एएसआई अक्षय की इन बातों से संतुष्ट नहीं हुए और उन्हें सस्पेंड कर दिया गया था। पुलिस ने युवक के शव की शिनाख्त के लिए काफी प्रयास किए, परंतु उसकी पहचान नहीं हो पाई। इस मामले को लेकर शहर के समाजसेवी अजीत यादव और प्रवीण राव अदालत में पहुंच गए।

मृतक केशव का पोस्टमार्टम होने के 72 घंटे बाद भी जब मृतक केशव की शिनाकत नहीं हुई तो नगर निगम द्वारा लावारिस डेड बॉडी समझकर उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया।


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