हरियाणा मांगें हिसाब पदयात्रा के बीच राखी गढ़ी के तालाब पर पहुंचे दीपेंद्र हुड्डा, ग्रामीणों के साथ राजनीति का रोड़ मैप तैयार करके लगाएं विकास के पंख

By sunilkohar

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Deepinder Hooda reached the model pond of Rakhi Garhi during the Haryana Maange Hisaab Padyatra – Haryana Hooda politics news

ऐतिहासिक गांव राखीगढ़ी के तालाब पर सेल्फ हेल्प ग्रुप की महिलाओं की पीड़ा सुनी तो बोले ऐसा प्लेटफॉर्म तैयार करूंगा पूरी दुनिया देखेगी

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राखी गढ़ी में सेल्फ हेल्प ग्रुप की महिलाएं सांसद दीपेंद्र हुड्डा को अपनी समस्याओं से अवगत करवाते हुए।

हरियाणा न्यूज नारनौंद : हड़प्पा कालीन सभ्यता को लेकर पूरे देश में राखीगढ़ी ऐतिहासिक गांव है। इस गांव के महत्व को समझते हुए सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने यहां के स्थानीय नेता दिनेश श्योराण के साथ राजनीति की पिच तैयार की और राखी गढ़ी में आरकेसी द्वारा तैयार किए गए माडल तालाब पर बैठकर महिलाओं के साथ देसी अंदाज में चूरमा खाया ओर बोले यह दिन कभी नहीं भूल पाऊंगा। तालाब पर बैठे हाली व पाली यह नजारा देखकर हैरान रह गए कि पूर्व मुख्यमंत्री के बेटे सांसद उनके साथ तालाब पर बैठे हुए हैं। करीब एक घंटे तक हर वह बात सांझा कि जिसको वह सपने में भी नहीं सोच सकते थे। यात्रा के दौरान सांसद ने अलग मुद्दों से जुड़ने के लिए ऐतिहासिक गांव राखीगढ़ी को चुना। जोकि चर्चा का विषय बना और वह खेलने अपनी राजनीति पिच तैयार कर गए।

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राखी गढ़ी में सेल्फ हेल्प ग्रुप की महिलाओं व ग्रामीणों के साथ बातचीत करते हुए सांसद दीपेंद्र हुड्डा।

सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा पूरे प्रदेश में हिसाब मांगो यात्रा निकाल रहे हैं। यात्रा के बीच में उन्होंने सीक्रेट प्रोग्राम बनाया और राखी गढ़ी के तालाब पर पहुंच गए। तालाब पर काफी हाली व पाली पशुओं को पानी पिलाने के लिए वहां पर मौजूद थे। सांसद ने उनके बीच में बैठकर उनसे बातचीत की और घर परिवार के बारे में राजी खुशी की बातें की सभी सांसद के साथ बातचीत करके खुश थे। उसके बाद सेल्फ हेल्प ग्रुप की महिलाएं सुनीता, संजू, सीमा, पूनम ने वहां पर एक स्टॉल लगाया हुआ था। सांसद उनके बीच में पहुंचे और काफी चीजों की खरीदारी की साथ ही महिलाओं ने अपनी पीड़ा को बताते हुए कहा कि सरकार हमारा इस्तेमाल भीड़ जुटाने के लिए करती है। सरकार ने आज तक मार्केट के लिए हमको कोई प्लेटफॉर्म उपलब्ध नहीं करवाया है। सांसद को देखकर कुछ युवा भी उनके पास पहुंच गए और कहा कि रोजगार के लिए युवा विदेश में जा रहे हैं। और काफी युवाओं के साथ लाखों रुपए की ठगी भी हो रही हैं। अगर सरकार राखीगढ़ी को पर्यटक स्थल के रूप में विकसित कर दे तो युवाओं को बाहर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। क्योंकि राखी घड़ी में ही रोजगार के बड़े पैमाने पर अवसर मिलेंगे।

ग्रामीण रामफल, रामनिवास, कृष्ण, शमशेर ने कहा कि राखी घड़ी को आईकॉनिक साइट घोषित किया हुआ है लेकिन यहां पर गंदगी के ढ़ेर लगे हुए हैं। सरकार का इस ऐतिहासिक गांव की तरफ कोई ध्यान नहीं है। सांसद ने सभी की पीड़ा को समझा और बोले समय बदलेगा और उसके साथ ही आपके गांव का भी भाग्य बदल दिया जाएगा। सेल्फ हेल्प ग्रुप की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए ऐसा प्लेटफॉर्म तैयार किया जाएगा। जो की दुनिया के लिए अलग मॉडल होगा।

आपको बता दें कि राखी गढ़ी में स्टेडियम के पास दो तालाबों को आधुनिक तरीके से तैयार करने का टेंडर आरकेसी फर्म को दिया गया था। आरकेसी के इंचार्ज सुनील कोहाड़ की देखरेख में इस मॉडल तालाब को हड़प्पा कालीन सभ्यता के मुताबिक तैयार किया गया। यहां पर पुराने जमाने के स्टेप घाट की तरह एक तालाब में स्टेप घाट भी बनाया गया है ताकि यहां पर आने वाले पर्यटक पुरानी सभ्यता से रूबरू हो सके। वहीं दूसरे तालाब में पशुओं को पानी पिलाने के लिए तैयार किया गया और उसके आसपास पुराने जमाने के कुएं को भी आधुनिक तरीके से सजाया गया। साथ ही तालाब के चारों ओर फुटपाथ भी बनाया गया और पर्यटकों के बैठने के लिए गाज़ीबो लगाकर उसके अंदर कुर्सियां लगाई गई। यहां पर आने वाले पर्यटक और ग्रामीण यहां बैठकर खुले वातावरण का आनंद ले सकें।

सुनील कोहाड़ ने बताया कि इन तालाबों के चारों तरफ लिए भी लगाई गई है ताकि रात के अंधेरे में भी यहां रौनक बनी रहे इसके अलावा यहां पर पुराने वृक्षों के चबूतरे बना कर उन्हें आकर्षक रूप से संजोया गया है। जो पौधे छोटे हैं उन्हें पशुओं से बचने के लिए उनके चारों तरफ लोहे के पाइपों से तगड़ी बेड़ की गई है और तालाब में गंदा पानी होने पर उसकी निकासी का भी उचित पर बंद किया गया है ताकि तालाब के पानी को खेतों में सिंचाई के लिए प्रयोग किया जा सके।


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