Haryana Education Minister : प्राइवेट स्कूलों की मनमर्जी पर शिक्षा मंत्री का चला चाबुक, अभिभावकों को मिलेगी राहत

By sunilkohar

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Haryana Education Minister cracks down on the willfulness of private schools

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निजी स्कूल संचालक अभिभावकों को एक निर्धारित स्थान से पुस्तकें व वर्दी लेने के लिए नहीं कर सकते बाध्य- शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा

HBN News : हरियाणा में प्राइवेट स्कूलों में दाखिला लेने वाले छात्रों को राहत देते हुए हरियाणा के शिक्षा मंत्री महीपाल ढ़ांडा ने बड़ा ऐलान कर दिया है। शिक्षा मंत्री ने प्राइवेट स्कूलों को चेतावनी दी है कि अगर उन्होंने छात्रों को एक ही स्थान से पुस्तक व वर्दी लेने के लिए बाध्य किया तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा गैर मान्यता प्राप्त स्कूलों संचालकों को भी निर्धारित मापदडों को पूरा करने पर ही उन्हें आगे स्कूल चलाने की अनुमति दी जा सकती है।

 

अभिभावक अपनी इच्छानुसार खरीद सकते हैं पुस्तकें व वर्दियां

आपको बता दें कि निजी स्कूल संचालक छात्रों को पढ़ने के लिए ऐसी ऐसी किताबें लगा देते हैं जो केवल उनके द्वारा निर्धारित की गई दुकानों पर ही मिलती है। जबकि सरकार के आदेशों के मुताबिक सरकारी व गैर सरकारी स्कूलों में केवल एनसीईआरटी की ही किताबें पढ़ाई जानी चाहिए, लेकिन प्राइवेट स्कूल संचालक अपनी जेब भरने के लिए छात्रों पर पुस्तक व वर्दी उनके द्वारा निर्धारित किए गए स्थान से लेने के लिए ही बाध्य करते रहते हैं। ऐसे अभिभावकों परिवार की सहित बच्चों के लिए स्कूल ड्रेस वर्क पुस्तको का पवन करना भी भी पड़ रहा है। शिक्षा मंत्री ने स्पष्ट रूप से कहा कि अभिभावक अपनी मर्जी के मुताबिक स्थान से ही किताबें और ड्रेस खरीद सकते हैं।

 

गैर मान्यता प्राप्त स्कूलों के संचालक निर्धारित मापदंडों को करें पूर्ण

हरियाणा के शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा ने कहा कि कोई भी निजी विद्यालय संचालक अभिभावकों को पुस्तकें एवं वर्दी एक निर्धारित स्थान से लेने के लिए बाध्य नहीं कर सकता। अभिभावक अपनी इच्छानुसार किसी भी दुकान से पुस्तकें व वर्दियां प्राप्त कर सकते हैं। सरकार द्वारा इस संदर्भ में आदेश जारी किए गए हैं। शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा ने गैर मान्यता प्राप्त विद्यालयों केे संदर्भ में पूछे गए प्रश्न के जवाब में कहा कि ऐसे सभी स्कूल संचालक सरकार द्वारा निर्धारित मापदंड़ों को पूरा करें ताकि उन्हें भी मान्यता मिल सके।

 

उन्होंने कहा कि वर्तमान प्रदेश सरकार द्वारा बिना पर्ची, बिना खर्ची योग्यता के आधार पर युवाओं को रोजगार दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि विद्यालयों में विद्यार्थियों की पढ़ाई बाधित न हो। शिक्षा मंत्री ने कहा कि देश में मजबूत नेतृत्व द्वारा वक्फ बोर्ड बिल में संशोधन किया गया है जो सभी वर्गों के हित में है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में प्राचीन गुरू शिष्य प्रणाली के मद्देनजर बच्चों को सम्पूर्ण रूप से शिक्षित करने पर बल दिया जा रहा है।

 

 

शिक्षा मंत्री महीपाल ढांडा ने कहा कि प्रदेश के सभी मान्यता प्राप्त स्कूल प्रबंधन हरियाणा स्कूल शिक्षा नियम 2003 के अंतर्गत किसी एक दुकान से पाठ्य पुस्तकें, स्टेशनरी, स्कूल वर्दी खरीदने के लिए विद्यार्थियों व उनके अभिभावकों को बाध्य न करें। उन्होंने कहा कि कोई भी स्कूल विद्यार्थियों की स्कूल वर्दी 5 साल से पहले नहीं बदल सकता। इसके अलावा स्कूल द्वारा सिफारिश की गई दुकानों से पाठ्य पुस्तक, अभ्यास पुस्तिका, लेखन सामग्री, जूते, जुराब व वर्दी इत्यादि खरीदने के लिए कोई भी विद्यार्थी बाध्य नहीं होगा।

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