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Kisan Andolan Hisar : बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ भारत छोड़ो, कॉरपोरेट खेती छोड़ो अभियान तेज

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kisan andolan hisar का सारांश

13 अगस्त 2025 को राष्ट्रीय संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) के आह्वान पर हिसार लघु सचिवालय के मुख्य गेट पर किसानों का विशाल धरना-प्रदर्शन हुआ। “बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ भारत छोड़ो, कॉरपोरेट खेती छोड़ो” के नारे गूंजते रहे।

 


इस मौके पर प्रदर्शनकारियों ने कॉर्पोरेट और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पुतले का दहन किया और अपनी मांगों को लेकर प्रशासन को ज्ञापन सौंपा।

किसानों का कहना है कि केंद्र सरकार बहुराष्ट्रीय कंपनियों और कॉरपोरेट हितों को बढ़ावा देकर किसानों की स्वतंत्रता और देश की खाद्य सुरक्षा को खतरे में डाल रही है। SKM ने इसे न सिर्फ कृषि के कॉरपोरेटीकरण का प्रयास बताया, बल्कि राज्य सरकारों के अधिकारों और भारत की संप्रभुता पर हमला भी करार दिया।

 

kisan andolan hisar : किसानों की प्रमुख मांगें

Kisan Andolan Hisar : बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ भारत छोड़ो, कॉरपोरेट खेती छोड़ो अभियान तेज
Kisan Andolan Hisar latest news

MSP की कानूनी गारंटी

 

कर्ज माफी और सहकारी समितियाँ

 

बिजली नीति में बदलाव

 

SKM की आपत्तियाँ केंद्र सरकार की नीतियों पर

NPFAM – एपीएमसी मंडियों का निजीकरण

नवंबर 2024 में केंद्र सरकार ने नेशनल पॉलिसी फ्रेमवर्क ऑन एग्रीकल्चरल मार्केटिंग (NPFAM) घोषित किया, जिसके तहत APMC मंडियों और सरकारी मार्केट यार्डों का PPP मोड में आधुनिकीकरण किया जाएगा।
SKM का आरोप है कि इस कदम से:

 

NCP – कॉरपोरेट हित में FPO मॉडल

जुलाई 2025 में घोषित नई नेशनल कोऑपरेटिव पॉलिसी (NCP) के तहत ग्राम पंचायत स्तर पर FPOs को एकल बिंदु बनाया जाएगा, जहां से बीज, उर्वरक, कीटनाशक, बिजली, खेती की सेवाएं और फसल बिक्री का काम होगा।
SKM के मुताबिक:

 

अमेरिकी FTA और GM फूड्स का खतरा

 

अन्य मुद्दों पर किसानों का विरोध

 

 

किसान नेताओं के बयान

kisan andolan hisar में शामिल किसान नेताओं ने मंच से सरकार की नीतियों की तीखी आलोचना की।

 

आंदोलन का राष्ट्रीय महत्व

SKM ने kisan andolan hisar में यह साफ किया कि यह आंदोलन केवल किसानों का मुद्दा नहीं, बल्कि बिजली उपभोक्ताओं, कृषि मजदूरों, छोटे व्यवसायियों और आम जनता के हक की लड़ाई है।

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