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डंकी रूट से भेजा जर्मनी : बीच रास्ते बेलारूस में युवक की मौत, पिता ने घर गिरवी रखकर भेजा था विदेश

Sent to Germany via Donkey Route: Young man dies mid-way in Belarus, father had mortgaged his house to send him abroad

kaithal News : कैथल जिले के गांव बंदराणा के एक युवक की बेलारूस में मौत हो गई। बेलारूस सरकार ने ईमेल भेजकर कैथल जिला प्रशासन को इस बारे में सूचना दी। जिसके बाद मृतक युवक के परिजनों को जब युवक की मौत के बारे में पता चला तो घर में मातम पसर गया। उधर युवक की मौत कैसे हुई है, इस बारे में अभी पुष्टि नहीं हो पाई है।

जानकारी मुताबिक युवक डंकी रूट से जर्मनी जा रहा था। रास्ते में उसे पैर में चोट लगी थी। उसके पिता ने घर गिरवी रखकर उसे विदेश भेजा था।युवक की पहचान विशाल निवासी गांव बंदराणा (कैथल) के रूप में हुई है। उसका एक 8 साल का भाई है। परिवारजनों ने सरकार से बेटे के शव को भारत लाने में मदद करने की गुहार लगाई है।

कैथल के गांव बंदराणा निवासी वेदप्रकाश ने बताया कि वह अपने बेटे विशाल को विदेश भेजना चाहते थे। बेटे को विदेश भेजने के लिए अपना घर भी गिरवी रख रुपयों का इंतजाम किया। उसने बताया कि विशाल 5 दिसंबर 2023 को घर से निकला और 16 दिसंबर को फ्लाइट से अर्मेनिया पहुंच गया। बीती 16 फरवरी को वह रूस की राजधानी मॉस्को भी पहुंच गया था, लेकिन वो फिर रूस में ही अटका रहा। परिवार के लोग उसे रहने-खाने का खर्चा भेजते रहे। 17 जुलाई को एजेंट ने विशाल को डंकी रूट से जर्मनी भेजने का प्रयास किया। बॉर्डर पर सख्ती की वजह से वो बॉर्डर पार नहीं कर पाया। इस दौरान उसके पैर में चोट भी लग गई। बॉर्डर पर हुई घटना से डरे हुए विशाल ने बीती 6 अगस्त को अपने परिवारजनों को फोन कर बताया कि उसके पैर में चोट लगी है और वह वापस आना चाहता है। विशाल ने एजेंट से बातकर उसे भारत वापस जाने की बात कही। वहीं परिवारवालों ने भी एजेंट पर बेटे को वापस लाने का दबाव बनाया। एजेंट ने परिवार को आश्वासन दिया कि वो टिकट करवाकर उनके बेटे को भारत सुरक्षित वापस लाएगा।वेद प्रकाश ने बताया कि 6 अगस्त के बाद उनका विशाल से संपर्क नहीं हुई। बेटे के लापता होने के बारे में उसने एजेंट तथा गांव के मौजिज लोगों से बात की। इसके बाद बीती 22 अगस्त को बेलारूस दूतावास ने कैथल लघु सचिवालय को एक मेल भेजा। जिसमें बताया गया कि विशाल की बेलारूस में मौत हो गई है। मौत कैसे हुई है इसकी जानकारी नहीं दी गई।

बेलारूस दूतावास ने मेल में पासपोर्ट नंबर की जानकारी देते हुए कहा कि इसकी पुष्टि करें, वरना बेलारूस सरकार मृतक का अंतिम संस्कार कर देगी। परिजनों ने मांग रखी है कि विशाल की मौत की जांच की जाए। परिवार का कहना है कि 7 अगस्त को उनके बेटे की मौत हो गई थी, लेकिन एजेंट ने 22 तारीख तक उन्हें धोखे में रखा। अगर दूतावास से सूचना नहीं आती तो परिवार को कभी भी बेटे की कोई सूचना मिलती ही नहीं।

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