पहचान का दुरुपयोग, लोन और नौकरी घोटालों में फंसा छान का एक व्यक्ति

By sunilkohar

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पहचान का दुरुपयोग, लोन और नौकरी घोटालों में फंसा छान का एक व्यक्ति
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Victims of fraud, misuse of identity, innocent people trapped in loan and job scams

हिसार जिले के गांव छान का एक व्यक्ति ( Victims of fraud) फर्जीवाडे व पहचान का दुरूप्रयोग करने का षिकार हो गया है। वो पिछले काफी समय से अपनी पहचान व सम्मान की लड़ाई लड़ रहा है लेकिन आज तक उसको न्याय नहीं मिला। यह कोई काल्पनिक घटना नहीं बल्कि जमीनी हकीकत है। उस व्यक्ति का कसूर इतना है कि उसने एक व्यक्ति पर भरोसा कर लिया और वही भरौसा आज उसके लिए अभिषाप बना हुआ है। पीड़ित व्यक्ति काफी समय से मानसिक प्रताड़ना का शिकार हो रहा है और बार बार शिकायत करने क बाद भी कोई कारवाई नहीं हुई तो पीड़ित ने एसपी का दरवाजा खटखटाया। जिसके बाद बरवाला थाना पुलिस ने मामला दर्ज करके जांच षुरू कर दी है।

शुरुआत हुई दोस्ती के विश्वासघात से

राकेश का आरोप है कि विकाश पुत्र राजमल, निवासी गांव अमरगढ़, जिला जींद, ने पहले उसकी दोस्ती और विश्वास जीता। फिर एक दिन ष्जरूरतष् का बहाना बनाकर उससे आधार कार्ड, पैन कार्ड, फोटो और मोबाइल से उसकी ओटीपी व अन्य निजी जानकारियाँ हासिल कर लीं। राकेश को क्या पता था कि ये दस्तावेज उसके जीवन की सबसे बड़ी मुसीबत बन जाएंगे।

विकाश ने इन दस्तावेजों का दुरुपयोग करते हुए फर्जी नौकरी, बैंक लोन और वित्तीय धोखाधड़ी को अंजाम दिया। राकेश अब एक ऐसे चक्रव्यूह में फंसा है जहाँ से निकलने की उसकी हर कोशिश नाकाम हो रही है।

थाना और SP ऑफिस तक चक्कर लगाए, पर FIR नहीं

राकेश ने इस गंभीर मामले में स्थानीय पुलिस और जिला पुलिस अधीक्षक (SP) कार्यालय तक अपनी फरियाद पहुंचाई। उसके अनुसार:

थाना बरवाला में दर्ज शिकायत (दिनांक 01/03/2025)
शिकायत क्रमांक: 410
शिकायत में स्पष्ट रूप से कहा गया कि विकाश ने राकेश के नाम से AXIS BANK से लोन लेने का प्रयास किया। दस्तावेजों का दुरुपयोग कर फर्जी नौकरी के लिए आवेदन किया गया।

SP ऑफिस हिसार को मेल द्वारा शिकायत (दिनांक 18/03/2025)
शिकायत क्रमांक: 1847 (जवाब मिला 19/03/2025 को)
परंतु आज तक कोई ठोस FIR या कानूनी कार्रवाई नहीं हुई।

Axis Bank लोन धोखाधड़ी: मोबाइल पर आया SMS बना खुलासा का जरिया
दिनांक 08/04/2025 को शाम 3:26 बजे राकेश को एक SMS प्राप्त हुआ, जिसमें बताया गया कि उसके नाम से Axis Bank में कार लोन के लिए आवेदन किया गया है। संदिग्ध गतिविधियों के चलते राकेश ने तुरंत SMS में दिए गए नंबर – Sandeep Godara (Axis Bank Assistant) से संपर्क किया।

बातचीत के दौरान Sahil Nagpal (Mo: 94671-23623) नामक व्यक्ति को कॉल में जोड़ा गया। कॉल की रिकॉर्डिंग राकेश के पास सुरक्षित है, जिसमें यह स्पष्ट होता है कि विकाश ही इस फर्जी आवेदन के पीछे है। राकेश ने तत्परता दिखाते हुए तुरंत लोन को रिजेक्ट करवा दिया, लेकिन सवाल उठता है – Axis Bank ने बिना उचित KYC के लोन आवेदन कैसे स्वीकार किया?

मुथूट फाइनेंस में फर्जी जॉब वेरिफिकेशन: शर्मनाक कोशिश

दिनांक 03/03/2025 को विकाश ने मुथूट फाइनेंस के एक कर्मचारी सोहनलाल को लेकर राकेश के गांव छान पहुँच कर झूठी नौकरी के वेरिफिकेशन की कोशिश की। अगले ही दिन Securitas Company के कर्मचारी गांव आए और पिछली तारीख में जॉब वेरिफिकेशन का प्रयास किया। यह सब कैमरे में कैद हुआ – वीडियो और कॉल रिकॉर्डिंग के साथ राकेश के पास सबूत सुरक्षित हैं।

न्याय की गुहार, लेकिन कार्रवाई का अब भी इंतजार
राकेश का कहना है कि वह थाने से लेकर SP कार्यालय तक न्याय की गुहार लगा चुका है। लेकिन आज तक कोई FIR दर्ज नहीं हुई, और विकाश खुलेआम घूम रहा है। वह बार-बार राकेश के दस्तावेज़ों का दुरुपयोग कर नए बैंक लोन और फर्जीवाड़े की साजिश रचता है।

इस बीच, राकेश की सामाजिक छवि धूमिल हो चुकी है, गाँव और समाज में उस पर शंका की नजर से देखा जा रहा है। मानसिक तनाव इतना बढ़ गया है कि वह कोई भी नौकरी नहीं कर पा रहा। अपने नाम पर हो रही धोखाधड़ी के कारण, वह स्वयं फंसने की कगार पर आ गया है।

प्रमुख मांगें जो राकेश ने प्रशासन से की हैं
एक समेकित FIR दर्ज की जाए, जिसमें अब तक की सभी घटनाएं और शिकायतें सम्मिलित हों।

विकाश पुत्र राजमल के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए।

Axis Bank और Muthoot Finance की भूमिका की जांच हो, जिन्होंने बिना उचित सत्यापन के प्रोसेसिंग की।

Axis Bank में वह खाता तुरंत फ्रीज़ किया जाए, जिससे बार-बार धोखाधड़ी हो रही है।

राकेश को उसके सभी दस्तावेज़ वापिस दिलवाए जाएं।

इस पूरे मामले में राकेश को एक पीड़ित मानते हुए कानूनी और प्रशासनिक सुरक्षा प्रदान की जाए ताकि भविष्य में किसी बैंक, पुलिस या कोर्ट के चक्कर न काटने पड़ें।

सवाल प्रशासन से: कब मिलेगा पीड़ित को न्याय?
क्या एक आम श्रमिक की पहचान और अस्तित्व का कोई मूल्य नहीं?

जब सबूत, रिकॉर्डिंग, SMS, शिकायतें – सब कुछ मौजूद है, तो फिर अब तक FIR क्यों नहीं?

क्या बैंक और वित्तीय संस्थानों की लापरवाही पर कोई कार्यवाही नहीं होनी चाहिए?

न्याय की मांग, अब मीडिया और समाज से
राकेश की लड़ाई सिर्फ उसकी अपनी नहीं है – यह हर उस नागरिक की लड़ाई है जिसकी पहचान का कोई और दुरुपयोग करे। आज राकेश है, कल कोई और हो सकता है।

इसलिए हम – मीडिया, समाज और प्रशासन से मांग करते हैं कि:

इस मामले को गंभीरता से लिया जाए।

दोषियों पर सख्त कार्यवाही हो।

बैंकिंग सिस्टम की खामियों को दूर किया जाए।


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