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अस्पताल पर साढ़े 8 करोड़ खर्च: फिर भी आईसीयू में ले रहा सांसें; Civil Hospital Fatehabad Civil Hospitalठंड से कांपे मरीज

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Beautification work of Civil hospital Fatehabad

 

फतेहाबाद का नागरिक हॉस्पिटल ( civil hospital Fatehabad ) इन दिनों अपनी ही बीमारी से जूझ रहा है। करीब साढ़े 8 करोड रुपए की राशि खर्च करने के बाद भी अब तक अस्पताल की सांसें आईसीयू में चल रही हैं। अस्पताल में उपचार करवाने आ रहे हैं मरीजों का हाल पहले से भी बुरा हो रहा है। अस्पताल के वार्डों में खिड़कियां नहीं होने की वजह से मरीज ठंड की चपेट में आ रहे हैं और इससे आम मरीजों के साथ साथ जच्चा-बच्चा वार्ड में भर्ती मरीजों और नवजात शिशुओं का बुरा हाल है।

फतेहाबाद नागरिक अस्पताल का सौंदर्यीकरण मरीजों पर भारी

  लोक निर्माण विभाग द्वारा साढ़े आठ करोड़ रुपये की लागत से नागरिक अस्पताल फतेहाबाद के सौंदर्यीकरण का काम फतेहाबाद में मरीजों पर भारी पड़ रहा है। भले ही कागजों में अस्पताल चमक रहा है, लेकिन जमीनी हकीकत इससे बिल्कुल उलट है। सात डिग्री सेल्सियस तक लुढ़के तापमान में अस्पताल के महिला वार्ड और जनरल वार्ड में भर्ती मरीज ठंड से ठिठुर रहे हैं।

पिछला काम पूरा किए बिना ही ठेकेदार ने Civil hospital Fatehabad के वार्डों की खिड़‌कियां उखाड़ दी गई हैं। जिससे बाहर से ठंडी हवाएं, धुंध और बाहर से आने वाली नमी से मरीज परेशान हैं। इससे बचने के लिए खिड़कियों पर चदर लटकाई गई है। लेकिन वार्ड में कदम रखते ही ठंडी हवा का झोंका शरीर को कंपकंपा देता है। धुंध और नमी वार्ड के भीतर तक आने से मरीजों और नवजात शिशुओं का बूरा हाल है। खिड़कियों की जगह पर लगी कपड़े की पतली चादरें हवा को रोक नहीं पा रही हैं।

 

Civil hospital Fatehabad में हालात यह हैं कि मरीज अपने कंबलों में सिमटे हुए पड़े हैं और कई अपने परिजनों से अतिरिक्त रजाइयां मंगवाने को मजबूर हैं। शुक्रवार को अधिकतम तापमान 23 डिग्री व न्यूनतम सात डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। दोपहर 12 बजे तक धुंध पड़ती रही। उसके बाद हल्की धूप से आमजन कुछ राहत मिली।

 

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फतेहाबाद नागरिक अस्पताल के स्टोर रूम में कबाड़ के बीच ठंड से बचने के लिए सो रहा मरीज।

नवजात बिलख रहे, मां परेशान

महिला वार्ड में नवजात बच्चों के रोने की आवाजें माहौल को और भी भयावह बना देती हैं। एक प्रसूता ने कांपती आवाज में कहा, बच्चा पैदा होते ही उसे ठंड लग रही है। खिड़की नहीं है, बस चादर टंगी है। कई महिलाओं ने बताया कि उन्होंने घर से गर्म कपड़े और कंबल मंगवाए हैं, फिर भी ठंड से राहत नहीं मिल रही। जनरल वार्ड में भी यही हाल है। बुजुर्ग मरीज रामकुमार ने कहा, हम यहां इलाज के लिए आए हैं, लेकिन तबीयत ओर बिगड़ रही हैं। एक अन्य मरीज रमेश ने बताया कि खिड़कियां हटने के बाद से ठंड लगने से खांसी-जुकाम बढ़ गया है, लेकिन मजबूरी में यहीं पड़े हैं। ( Latest News Fatehabad )

50 से ज्यादा मरीज भर्ती

महिला वार्ड और जनरल वार्ड में इस समय 50 से अधिक मरीज भतीं हैं। इनमें बुजुर्ग, महिलाएं और नवजात बच्चे भी शामिल हैं। बावजूद इसके, न तो वैकल्पिक व्यवस्था की गई व नही अस्थायी तौर पर खिड़कियों की जगह कोई मजबूत कवर लगाया गया। मरीजों के परिजन का आरोप है कि सुंदरीकरण का काम बिना किसी ठोस योजना के शुरू कर दिया गया। नीचे काम पूरा किए बिना ही ऊपर वार्डों में खिड़कियां उखाड़ दी गई। सर्द हवा सीधे अंदर घुस रही है। स्टाफ को कई बार बताया, लेकिन हर बार यही जवाब मिला कि काम चल रहा है, सहन करें।

 

सौंदर्यीकरण बना मरीजों के लिए मुसीबत

लोक निर्माण विभाग द्वारा Civil hospital Fatehabad के सौंदर्यीकरण पर करीब साढ़े आठ करोड़ खर्च किए जा रहे हैं। दावा है कि इससे अस्पताल की इमारत आधुनिक बनेगी व बेहतर सुविधाएं मिलेंगी। लेकिन मौजूदा हालात में यह मरीजों के लिए मुसीबत बनी हुई नजर आ रही हैं। दो दिन पहले सिविल सर्जन डा. बुधराम ने निरीक्षण के दौरान काम जल्द पूरा करने के लिए कहा था। लेकिन जल्दबाजी में खिड़की ही उखाड़ दी। सवाल उठता है कि पिछला काम पूरा किए बिना और अधिकारियों से कोई सलाह मशविरा किए बिना ही क्यों खिड़कियों को उखाड़ दिया?

 

इन आंकड़ों पर डाले नजर

सुंदरीकरण पर खर्च                 –  8.50 करोड़

कितनी खिड़की उखाड़ी            – 20

काम पूरा होने में लगेगा समय    –  तीन महीने।

कितना काम हुआ                –  60 प्रतिशत ।

 

अधिकारियों को दो दिन पहले ही कहा था कि काम तेजी से करें। इसके अलावा चद्दर आदि लगाने के आदेश दे दिए है ताकि मरीज परेशान न हो। डा. वुधराम, सिविल सर्जन, फतेहाबाद।

लेख – DJ. संवाददाता फतेहाबाद।

 

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