Bhagwan Vishwakarma Diwas hisar 2025: भगवान विश्वकर्मा दिवस पर कार्यक्रम आयोजित
Hisar News : भगवान विश्वकर्मा जयंती के उपलक्ष्य में श्री विश्वकर्मा चैरिटेबल ट्रस्ट की ओर से बुधवार को एक कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें हरियाणा के लोक निर्माण एवं जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री रणबीर गंगवा ने मुख्य अतिथि के तौर पर शिरकत की। अपने संबोधन में उन्होंने भगवान विश्वकर्मा को नमन करते हुए कहा कि यह दिन उन महान देवता को समर्पित है, जिन्हें सृष्टि का प्रथम इंजीनियर, शिल्पकार और वास्तुकार माना जाता है। हिंदू धर्मग्रंथों के अनुसार भगवान विश्वकर्मा ने स्वर्गलोक, पुष्पक विमान, द्वारिका नगरी, इंद्रप्रस्थ और अनेक दिव्य अस्त्र-शस्त्रों का निर्माण किया। उन्होंने कहा कि विश्वकर्मा जयंती का विशेष महत्व मजदूरों, कारीगरों, इंजीनियरों और उद्योगों से जुड़े लोगों के लिए है। इस दिन कारखानों, मशीनों, औजारों और औद्योगिक इकाइयों की पूजा की जाती है, ताकि काम में प्रगति और समृद्धि बनी रहे।
यह पर्व हमें यह भी सिखाता है कि श्रम ही पूजा है। हर काम छोटा या बड़ा नहीं होता, बल्कि हमारी लगन और निष्ठा ही उसे महान बनाती है। भगवान विश्वकर्मा हमें सिखाते हैं कि ज्ञान और तकनीक का उपयोग समाज की भलाई और मानवता की प्रगति के लिए होना चाहिए। कैबिनेट मंत्री ने कहा कि कौशल विकास और उद्यमिता, यह दोनों बेहद महत्वपूर्ण विषय है। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने इन दोनों विषयों को प्राथमिकता पर लिया है।

आज की तेज़-तर्रार और कड़ी प्रतिस्पर्धा वाली दुनिया में, छात्रों के लिए कौशल विकास का सबसे अधिक महत्व है। केवल पारंपरिक शैक्षणिक ज्ञान पर निर्भर रहना पर्याप्त नहीं है। सफलता और एक संतुष्ट जीवन जीने के लिए छात्रों को विविध कौशल हासिल करने होंगे।
हमारी सरकार कौशल विकास की योजनाओं और उद्यमिता को बढ़ावा देने की दिशा में निरंतर कार्य कर रही है। सरकार का मानना है कि कौशल विकास और उद्यमिता के क्षेत्र में निवेश करना देश के उज्जवल भविष्य का निर्माण करने की दिशा में किया गया निवेश है।
विकसित भारत के निर्माण की सोच के साथ आगे बढ़ते हुए हमारे राज्य ने पिछले दशक में उद्योग अनुकूल और श्रमिक कल्याण नीतियों के कारण खुद को भारत के सबसे प्रगतिशील औद्योगिक शक्ति केंद्रों में से एक के रूप में स्थापित किया है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की सोच हरियाणा को ऐसा राज्य बनाने की है जहां युवाओं को केवल डिग्री न दी जाए बल्कि युवाओं को सार्थक दिशा, उद्देश्य और अवसर भी उपलब्ध करवाए जाएं। इसी सोच के साथ प्रत्येक विश्वविद्यालय को उद्योग भागीदारों के सहयोग कार्यक्रम संचालित करने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि शिक्षा और रोजगार के बीच का अंतर कम हो सके।

अनुसंधान को प्रोत्साहित करने के लिए हरियाणा राज्य अनुसंधान कोष बनाया है। प्रदेश सरकार प्रत्येक जिले में एक मॉडल कौशल महाविद्यालय और एक मॉडल कौशल विद्यालय स्थापित करने की दिशा में कार्य कर रही है। हमारी नॉन-स्टॉप सरकार का संकल्प है: गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, सार्थक रोजगार और नवाचार को बढ़ावा देना। कैबिनेट मंत्री ने उपस्थित सभी युवाओं से आह्वान किया कि आप सभी सरकार द्वारा चलाई जा रही कौशल विकास योजना और कार्यक्रमों का भरपूर फायदा उठाएं।
पढ़ लिख कर अपने आप को इतना सक्षम बनाएं कि अपने खुद के उद्यम स्थापित कर दूसरों को भी रोजगार दे सके। उन्होंने कहा कि पिछड़ा वर्ग समाज जन्मजात ही स्किल्ड होता है। इस समाज के लोग मेहनत और ईमानदार होते हैं। वर्तमान हरियाणा सरकार ने समाज के लोगों के लिए ऐसी व्यवस्था कायम की है जिसमें शिक्षित पढ़े-लिखे युवाओं को उनके काबिलियत के आधार पर नौकरी मिल सके। हरियाणा सिविल सर्विस की भर्ती में जांगड़ा समाज से चयनित हुए दो सगे भाइयों का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि यह केवल वर्तमान सरकार में ही संभव हो पाया है, जहां पर पढ़ने लिखने वाले युवाओं को उनकी काबिलियत के आधार पर नौकरी मिल रही है। इसके अतिरिक्त पंचायत तथा शहरी स्थानीय निकायों में भी पिछड़ा वर्ग समाज के लोगों के लिए आरक्षण की व्यवस्था सरकार द्वारा की गई है।
इस अवसर पर अखिल भारतीय जांगिड़ ब्राह्मण सभा के प्रभारी अजय कांत जांगड़ा, हिसार जिला अध्यक्ष उदय सिंह जांगड़ा, धर्मशाला प्रधान रामधन चानी, वेद प्रकाश, अमीलाल जांगड़ा, मनोहर लाल, इंद्र सिंह, दयानंद, रोशन लाल, सत्यवान, दिलीप सिंह, बंसी लाल, रामेश्वर, ओम प्रकाश, जगदीश, अभिषेक शर्मा तथा सुरेश सहित अन्य गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
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