Hisar fraud in PM Awas Yojana, memorandum submitted to SDM
नारनौंद के बाद बरवाला में भी गड़बड़ी कर PM Awas Yojana का लाभ लेने और पात्र लोगों को इससे वंचित रखने का आरोप लगाए गए हैं। नारनौंद नगर पालिका में तैनात बेलदार पर धांधली कर अपनी मां के नाम पर योजना का लाभ लेने का आरोप लगा था तो वहीं बरवाला में अधिकारियों और कर्मचारियों पर मिली भगत कर प्रधानमंत्री आवास योजना में धांधली करने का आरोप लगाया गया है।
हिसार जिले के गांव पाबड़ा और किनाला के PM Awas Yojana के पात्र लोगों ने एसडीएम बरवाला के नाम दरखास्त सौंपकर पात्र लोगों की लिस्ट में अपना नाम जुड़वाने की गुहार लगाई है। इन लोगों का कहना है कि वे प्रधानमंत्री आवास योजना के सभी मापदंडों को पूरा करते हैं, लेकिन संबंधित अधिकारी व कर्मचारी गरीब लोगों को योजना का लाभ नहीं दे रहे हैं।

राजबीर पाबड़ा ने बताया कि सुनीता गांव पाबड़ा जॉब कार्ड आईडी संख्या 32529 के मकान की अनुदान राशि किसी अन्य महिला को दे दी गई है और मीना गांव पाबड़ा जॉब कार्ड आईडी संख्या 23290 मकान की अनुदान राशि किसी अन्य महिला को दे दी गई है। इन पात्र लोगों ने अपनी दरखास्त में बताया है कि वे बीपीएल कार्ड धारक हैं और उनके मकान जर्जर और खस्ता हालत में हैं। उनके पास कोई जमीन जायदाद अथवा आमदनी का कोई साधन नहीं है और वे खुले दिहाड़ीदार मजदूर हैं, और पूरे महीने में मुश्किल से 10-12 दिन ही काम मिल पाता हैं। अखिल भारतीय खेत मजदूर के जिला संयोजक रोहतास राजली ने आरोप लगाया कि यह PM Awas Yojana भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ चुकी है।

वहीं नारनौंद क्षेत्र के गांव राजपुरा निवासी विजय पुत्र बलवंत के पास अपना खुद का मकान काफी साल पहले कंडम हो चुका है और वह गांव के ही पंडितों के मकान में किराए पर अपने परिवार सहित रहता है। विजय पांव से भी अपाहिज है और उसकी पत्नी भी बीमार रहती है जिसकी वजह से उसके घर में नियमित रूप से कमाई करने वाला कोई नहीं है। उसके दो छोटे-छोटे बच्चे स्कूल में पढ़ने के लिए जाते हैं और विजय के परिवार की तरफ से हर बार PM Awas Yojana और CM Awas Yojana के तहत मकान बनाने के लिए आवेदन किया जाता है परंतु अधिकारियों और कर्मचारियों से मिली भगत की वजह से हर बार उसका नाम पात्र लोगों की लिस्ट में नहीं आता।
कुछ लोगों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि पीएम आवास योजना और सीएम आवास योजना के तहत लाभ लेने के लिए अधिकारी कमीशन लेते हैं और जो उन्हें मोटा कमीशन देता है वह उन्हें का मकान कंडोम दिखाकर लाभ देते हैं। अगर कोई व्यक्ति कमीशन देने के लिए राजी हो जाता है तो उसका पक्का मकान भी कच्चा हो जाता है और बिना कमीशन देने वालों के कंडोम मकान भी आलीशान महल बन जाता है। अधिकारी और कर्मचारियों की किसी बेरुखी की वजह से इन योजनाओं का लाभ पात्र लोगों को नहीं मिल पाता।
Discover more from Abtak Haryana News - हरियाणा न्यूज - Today Haryana latest News
Subscribe to get the latest posts sent to your email.