Hisar strike mixed effect, Narnaund offices work standstill
Hisar strike News : केंद्रीय ट्रेड यूनियनों की ओर से देशव्यापी हड़ताल का हिसार जिले ( Hisar strike ) में मिला-जुला असर दिखाई दिया। रोडवेज में सामान्य रूप से बसें चली। जबकि हिसार, हांसी, नारनौंद, बरवाला और आदमपुर में हड़ताल का भरपूर असर देखने को मिला।
Hisar News : रोडवेज बसों को छोड़ सब सरकारी कार्यालयों में हड़ताल का पूर्ण असर

हिसार नगर निगम में हड़ताल का व्यापक असर दिखाई दिया। सभी राष्ट्रीयकृत बैंकों में तृतीय व चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी पूर्णतः हड़ताल पर रहे। जीवन बीमा निगम में पूर्णतः हड़ताल रही जबकि सिविल अस्पताल में स्वास्थ्य कर्मचारियों ने काले बिल्ले लगाकर परिसर में प्रदर्शन किया।
Hansi strike News :
उधर हांसी में केंद्रीय ट्रेड यूनियनों व स्वतंत्र फेडरेशनोंकेंद्रीय ट्रेड यूनियनों व स्वतंत्र फेडरेशनों के साझे आह्वान पर बिजली निगम, रोडवेज, पब्लिक हेल्थ, नगर पालिका कर्मचारी सहित तमाम असंगठित क्षेत्र के मजदूर भवन निर्माण, मनरेगा मजदूर, ग्रामीण सफाई कर्मचारी, ग्रामीण चौकीदार, व स्कीम वर्कर आशा आंगनवाड़ी मिड डे मील सभी ने अपना काम बंद रखते हुए आम हड़ताल में भागीदारी की। सभा की अध्यक्षता संयुक्त रूप से सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा ब्लॉक प्रधान रविंद्र शर्मा, इंटक सुरेंद्र सैनी, एटक सूबे सिंह सीटू महेन्द्र सिंह, एआईयूटीयूसी जिला प्रधान सत्यनारायण भाटोल, रिटायर्ड कर्मचारी संघ प्रधान तुलसीदास वर्मा ने की। मंच संचालन संध रविंद्र शर्मा ने किया। सभा को कृष्ण नैन, मेहर सिंह बांगड़, सुरेंद्र यादव, देशराज, सूबेसिंह, सुशीला इत्यादि मौजूद थे।
सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के आह्वान पर राष्ट्रव्यापी हड़ताल नारनौंद में रही असरदार

Narnaund strike News : सर्व कर्मचारी संघ, ब्लॉक नारनौंद के सभी विभागों और ट्रेड / श्रमिक यूनियनों ने मिलकर बड़ी संख्या में अनाज मंडी, नारनौंद में इकट्ठे होकर विरोध प्रदर्शन किया व सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए शहर में प्रदर्शन करते हुये उपमंडल अधिकारी ( नागरिक), नारनौंद को विभिन्न मांगों के बारे में ज्ञापन सौंपा ।
नारनौंद में प्रदर्शन की अध्यक्षता SKS ब्लॉक प्रधान रोहताश शर्मा ने की और मंच का संचालन ब्लॉक सचिव मा0 योगेंद्र माजरा ने किया। इस कार्यक्रम में रिटायर्ड कर्मचारी संघ और आंगनबाड़ी वर्कर यूनियन के कर्मचारियों ने अच्छी संख्या में भाग लिया और हड़ताल का समर्थन किया। सभी कर्मचारी नेताओं ने अपने संबोधन में सरकार की तमाम गलत नीतियों के बारे में तमाम कर्मचारियों व आम जनता को बताया कि सरकार आए दिन नए-नए फरमान जारी कर कर्मचारियों के साथ साथ आम आदमी का शौषण कर रही है।
भाजपा सरकार द्वारा सरकारी विभागों को बेचने का काम किया जा रहा है, कौशल रोजगार निगम बनाकर कर्मचारियों को अस्थायी और कच्ची नौकरी देकर सरकार पक्की नौकरी को खत्म करना चाहती है, पुरानी पेंशन लागू करने की बजाय NPS और UPS जैसी स्कीमें कर्मचारियों पर जबरदस्ती थोंपने का कार्य कर रही है , एसग्रेसिया पोलिसी को तोड़ मरोड़ कर लागू कर रही है, कई -कई सालों से लगे हुये विभिन्न विभागों में कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने की कोई नीति नही बना रही है । सरकार अनेक विभागों में खाली पड़े पदों को भरने पर कोई विचार नही करती । महंगाई और बेरोजगारी आज देश मे पूरे शिखर पर है, यहाँ नौकरी न मिलने के कारण आज का युवा वर्ग विदेशो में जाकर नौकरी करने पर मजबूर हैं । आज सरकार हर विभाग को घाटे में दिखाकर निजी हाथों में सोपने का कार्य करके निजीकरण को बढावा दे रही है जिस्से सरकारी विभाग सिकुड़ते जा रहे हैं ।
इस हड़ताल में पूरे देश के सभी विभागों के कर्मचारी और जनता, मजदूर, किसान , व्यापारी वर्ग सरकार के खिलाफ है और हड़ताल पर है और आज इस हड़ताल के धरने पर मुख्य वक्ताओ के रूप में मा0 रामस्वरूप, रामदिया शर्मा, राजेंद्र DP, नरेश कुमार, जसबीर श्योकंद, प्रदीप लोहान, मुकेश भ्याना, किसान नेता शीलू लोहान, सोमराज पटवारी, मनसा राम, आंगनबाड़ी राज्य नेता जगमति मालिक आदि साथियों ने संबोधन दिया और इस मौके पर अनेक विभागों के सैकड़ो कर्मचारियों ने हड़ताल को सफल बनाने के लिए बढ़ चढ़कर भाग लिया ।
इन मांगों को लेकर राष्ट्रव्यापी हड़ताल
केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने मजदूरों के लिए न्यूनतम वेतन 26000 रुपये मासिक करने, चार लेबर कोड को निरस्त करने, एनपीएस-यूपीएस को वापस लेने और सभी के लिए बिना शर्त पुरानी पेंशन स्कीम बहाल करने, सभी को रोजगार देने, स्थायी भर्ती के जरिये खाली पदों को भरने, सार्वजनिक क्षेत्र और सरकारी संस्थानों उपक्रमों/विभागों के निजीकरण पर रोक लगाने, पिछले दरवाजे से निजीकरण के नये प्रारूप राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन को खत्म करने, श्रमिकों को जब चाहे नौकरी पर रखने और हटाने की निश्चित अवधि के रोजगार की नीति वापस लेने, 8 घंटे कार्य दिवस से छेड़छाड़ बंद करने, स्थायी प्रकृति के कामों में ठेका प्रथा व अस्थायी कर्मचारी भर्ती करना बंद करने, डेली वेज व कैजुअल कर्मचारियों को पक्का करने, आंगनवाड़ी, मिड डे मील, आशा सहित तमाम स्कीम वर्करों को सरकारी कर्मचारी के रूप में नियमित करने, तब तक उन्हें श्रमिक मानकर सरकार द्वारा घोषित न्यूनतम वेतन देने, असंगठित क्षेत्र के सभी मजदूरों को कल्याणकारी हितलाभ और सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने, निर्माण श्रमिकों के पंजीकरण व हितलाभ की प्रक्रिया सरल व भ्रष्टाचारमुक्त करने, मनरेगा मजदूरों को 800 रुपये दैनिक दिहाड़ी पर साल में कम से कम 200 दिन काम देने, बिजली (संशोधन) विधेयक-2023 को निरस्त करने व स्मार्ट मीटर लगाने बंद करने, ट्रेड यूनियन अधिकारों को सुनिश्चित करने, उद्योगों में मौजूदा श्रम कानून की सख्ती से पालना सुनिश्चित करने की मांग को लेकर राष्ट्रव्यापी हड़ताल का आह्वान किया था।
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