Narnaund Flood fasal barbad, Kisan pareshan
Narnaund News : नारनौंद क्षेत्र में पिछले दिनों हुई लगातार भारी बारिश ने क्षेत्र के किसानों की मेहनत और सपनों पर पानी फेर दिया। किसानों के खेतों में खड़ी फसलें जलमग्न हो गई है। जिससे किसानों की परेशानी बढ़ा दी है। किसानों के सामने अपनी फसल के बचने के साथ-साथ घर के घर चलना भी जी का जंजाल बन गया है। किसानों का कहना है कि फसल के खराब होने से उनके ऊपर कर्ज का बोझ लगातार बढ़ रहा है।
Narnaund क्षेत्र के गांव गुराना, डाटा, मसूदपुर, खानपुर, सिंधड़ सहित कई गांवों के किसानों ने बताया कि उनकी हजारों एकड़ में खड़ी धान, कपास, बाजरा, मूंग, सब्जियां और हरा चारा पानी में डूबकर चौपट हो चुके हैं। इन फसलों पर उन्होंने काफी खर्च किया था और फसलें पककर तैयार होने वाली थीं, लेकिन बारिश ने सब कुछ बर्बाद कर दिया।
किसानों सतीश, राजबीर, अशोक, राजकुमार, रघबीर, जयबीर और ओमप्रकाश ने बताया कि गांव गुराना में 1800 एकड़ धान, 300 एकड़ कपास, 250 एकड़ बाजरा और 170 एकड़ के साथ-साथ सब्जियां और हरा चारा पूरी तरह डूब चुके हैं। खानपुर गांव में 450 एकड़ धान, 150 एकड़ कपास, 110 एकड़ बाजरा और एकड़ मूंग करीब 40 एकड़ मूंग की फसल पूरी तरह से खराब हो गई है।
उन्होंने बताया कि इसी तरह Narnaund क्षेत्र के ही गांव सिंधड़ में 300 एकड़ धान, 100 एकड़ कपास और 100 एकड़ बाजरा को भारी नुकसान हुआ है। सबसे ज्यादा नुकसान डाटा गांव में सामने आया है। यहां 4500 एकड़ कपास, 1000 एकड़ धान, 1500 एकड़ बाजरा और 200 एकड़ मूंग सहित अन्य फसलें चौपट हो चुकी हैं। कपास की बिजाई यहां सबसे अधिक होती है, लेकिन लगातार बारिश के कारण पौधों पर लगे टिंडे सड़ गए और कई जगहों पर तो टहनी पर ही अंकुरित होने लगे हैं।
किसानों ने बताया कि अब पूरी फसल दोबारा उगने की स्थिति में नहीं है। क्योंकि खरीफ की फसल का समय पकाने का है और आने वाले कुछ ही दिनों में रबी की फसल की बिजाई शुरू होने वाली है। उनके खेतों में कितना पानी खड़ा है कि उनकी यह फसल तो नष्ट हो गई लेकिन अगली फसल की बिजाई करना भी अब तक के हालात देखने से नामांकन लगता है।
किसान सतीश सहित अन्य किसानों का कहना है कि हमारे पास अब खेती के अलावा और कोई सहारा नहीं। इतनी मेहनत और खर्च के बाद हाथ में सिर्फनुकसान आया है। सरकार को चाहिए कि तुरंत गिरदावरी करवाकर नुकसान का आकलन करे और उचित मुआवजा दे।
ग्रामीणों ने बताया कि अगर समय रहते राहत नहीं मिली तो कर्ज और बढ़ेगा और किसान परिवार संकट में फंस जाएंगे। वहीं किसान नेता सुरेश कोथ ने भी सरकार से मांग की है कि बर्बाद हुई फसलों का मुआवजा जल्द से जल्द दिया जाए ताकि किसान अगली फ्सल बोने के लिए तैयार हो सकें। इस क्षेत्र में सबसे ज्यादा नुकसान गुराना और डाटा गांव के किसानों को हुआ है।
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