अमृत सरोवर योजना में भ्रष्टाचार का बोलबाला: कागजों में हीरो धरातल पर जीरो; ठेकेदार अधिकारी लगा रहे चूना, Corruption Exposed

By sunilkohar

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Corruption exposed in Amrit Sarovar scheme Jind

हरियाणा सरकार द्वारा तालाबों के संदेशों को लेकर चलाई जा रही अमृतसर वाली योजना कागजों में तो हीरो बनी हुई है लेकिन धरातल पर देखा जाए तो जीरो नजर आती है। अमृत सरोवर योजना के तहत तालाबों के सौंदर्यीकरण के नाम पर कुछ काम करके भ्रष्ट अधिकारी और ठेकेदार लाखों करोड़ों रुपए डकार ( Corruption exposed ) रहे हैं। ऐसा ही मामला जींद जिले के सफीदों हल्के के पिल्लू खेड़ा खंड के गांव से सामने आया है। 

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पिल्लू खेड़ा मंडी क्षेत्र के गांव कालवा गांव के सोनू ने बताया कि उसने खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी कार्यालय में आरटीआई लगाकर जानकारी मांगी थी कि उनके क्षेत्र में किन-किन गांव के तालाबों का सौंदर्यीकरण किस योजना के तहत किया जा रहा है। अधिकारियों ने पूरी जानकारी तो नहीं दी लेकिन एक आधी अधूरी जानकारी जरूर दे दी है कि पिल्लू खेड़ा मंडी के नजदीकी गांव भुरैन में 93 लाख 15 हजार रुपए की लागत से अमृत सरोवर योजना के तहत तालाब का सौंदर्यीकरण किया गया है। ( Latest News Jind Haryana )

सोनू ने आरोप लगाते हुए बताया कि अधिकारियों के द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक तालाब का काम कंप्लीट हो चुका है लेकिन जब उसने तालाब पर जाकर देखा तो तालाब पर कोई खास काम किया हुआ ही नहीं है। तालाब के अंदर से कुछ मिट्टी निकाल कर उसके चारों तरफ डाल दी गई और बाकी की मिट्टी को ठेकेदार द्वारा बेच दिया गया। सोनू के मुताबिक ठेकेदार ने तालाब के चारों तरफ तैयार की गई बरमों ( फुटपाथ ) पर मिट्टी का कॉम्पेक्शन किया बगैर ही ब्लॉक लगा दिए। जिससे बारिश होने पर उनके नीचे से मिट्टी निकल गई और ब्लॉक भी तालाब में पानी के साथ बह गए। ( Pillu Khera Mandi News )

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सोनू ने बताया कि भुरैन गांव के इस तालाब पर ठेकेदार और पंचायती राज के द्वारा सौंदर्यकरण के नाम पर कोई खास काम नहीं किया गया है। जब उसने आरटीआई लगाई तब तक यहां पर ना ही तो लाइट लगी हुई थी और ना यहां पर बैठने के लिए कोई चेयर लगी थी। लेकिन आरटीआई लगाने के बाद यहां पर कुछ लाइटों का इंतजाम किया गया है और सरपंच की तरफ से पशुपालकों के बैठने के लिए पंचायती कोटे से कुर्सियां लगाई गई है।

सोनू ने बताया कि जब उसने अधिकारियों द्वारा दी गई जानकारी में बिल चेक किया तो पता चला कि इस तालाब का काम पूरा हो चुका है और इस पर 93.15 लाख रुपए लागत आई थी जिसका पूरा भुगतान ठेकेदार को कर दिया गया है। लेकिन अधिकारियों ने यह जानकारी नहीं दी कि किस काम पर कितना खर्च किया गया है।

सोनू ने बताया कि अमृत सरोवर योजना के तहत तालाब के चारों ओर पक्का फुटपाथ बना था और उसके नीचे तालाब की साइड बरम पर घास भी नहीं लगाया गया है। लेकिन यहां पर ठेकेदार ने चारों तरफ पेड़ों की टहनियों काटकर लगाई हुई है। सोनू ने आरोप लगाया कि ठेकेदार ने अधिकारियों के साथ मिलकर अमृत सरोवर योजना के नाम पर भारी धांधली की जा रही है। अगर इस मामले की निष्पक्ष तरीके से कोई बड़े अधिकारी जांच करें तो हरियाणा भर के कई ठेकेदार और अधिकारी इस भ्रष्टाचार में शामिल पाए जाएंगे।

इस संबंध में जब संबंधित विभाग के अधिकारियों से संपर्क करना चाहता हूं उनसे संपर्क नहीं हो पाया। किसी अधिकारी से फोन पर बातचीत करनी चाहिए तो किसी ने फोन नहीं उठाया तो किसी का फोन ही बंद मिला। 

इस न्यूज़ आर्टिकल में दिए गए तथ्य और आरटीआई लगाने वाले सोनू द्वारा लगाए गए आरोपों की हम तस्दीक नहीं करते। जब तक किसी अधिकारी की प्रतिक्रिया नहीं मिल जाती। इन आरोपी में और धरातल पर किए गए कामों में कोई बड़ा अंतर नजर नहीं आ रहा।

हरियाणा पंचायती राज के चीफ से हम अपील करते हैं कि जहां-जहां भी अमृत सरोवर योजना सहित दूसरी योजनाओं के तहत तालाबों का सौंदर्यकरण ठेकेदारों और पंचायती राज के द्वारा किया गया है उनके निष्पक्ष तरीके से जांच करवाई जाए। वहीं अधिकारियों से भी अनुरोध है कि वह आरटीआई के तहत मांगे गई सूचना पूरी और दुरुस्त दें ताकि लोग किसी कंफ्यूजन में आकर किसी पर बिना वजह आरोप ना लगाएं।

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