Narnaul Private School Student Missing case
Missing Case Narnaul : हरियाणा के एक प्राइवेट स्कूल नारनौल में पढ़ने वाले सीआरपीएफ जवान के बेटा बेटी अज्ञात परिस्थितियों में गायब हो गए। दोनों बच्चे घर से स्कूल पढ़ने के लिए तो गए थे लेकिन स्कूल की छुट्टी होने के बाद वापस घर नहीं पहुंचे। इसकी सूचना मिलते ही पूरे शहर सहित क्षेत्र में हड़कंप मच गया। पुलिस ने परियोजना और स्कूल के अध्यापकों की मदद से रात को बच्चों को सकुशल बरामद कर राहत की सांस ली।
हरियाणा के नारनौल स्थित दया नगर फेज 2 में रहने वाले सीआरपीएफ जवान रहता है। उसके बेटा बेटी महेंद्रगढ़ रोड पर स्थित एक प्राइवेट स्कूल में शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं और दोनों ही छठी कक्षा में पढ़ते हैं। हर रोज की तरह सोमवार को होगी स्कूल बस से दोनों बच्चे स्कूल में गए थे लेकिन शाम को घर नहीं पहुंचे। ( Narnaul News Today )
परिजनों ने बताया कि शाम को करीब 5 बजे तक दोनों बच्चे अक्सर घर आ जाते थे। लेकिन सोमवार को वह घर नहीं आए तोवह बहुत ही डर गए। उन्होंने स्कूल में संपर्क किया तो स्कूल से जानकारी मिली कि दोनों बच्चे स्कूल बस से ही घर जा चुके हैं। ड्राइवर से बातचीत की तो उसने बताया कि उसने दोनों बच्चों को उसी जगह उतार दिया था जहां पर हर रोज उतरता है और दोनों को उतारने के बाद वह आगे चला गया था। ( Narnaul Student Missing News )
काफी तलाश करने के बावजूद भी दोनों बच्चों का कोई सुराग नहीं लगा तो परिजन शिकायत लेकर पुलिस के पास पहुंचे। थाना प्रभारी ने इस मामले में तुरंत संज्ञान लेते हुए अलग-अलग टीमों का गठन किया। पुलिस की एक्टिंग स्कूल भेजी गई जबकि दूसरी पुलिस की टीम को जिस स्कूल बस से दोनों बच्चे घर आते और जाते थे उसके रास्ते में सीसीटीवी कैमरों की फुटेज चेक करने के लिए रवाना किया जबकि खुद बच्चों के अभिभावकों के साथ उनकी तलाश में जुट गए।
पुलिस और परिजनों के साथ स्कूल के अध्यापक भी बच्चों की तलाश करने में लगे हुए थे और तलाश करते-करते रात का अंधेरा भी बढ़ने लगा था। रात करीब 8 जब पुलिस और परिजन बच्चों की तलाश करते हुए नहर किनारे पहुंचे तो वहां पर उन्हें दो बच्चे बैठे हुए दिखाई दिए। पास जाकर देखा तो यह वही दोनों बच्चे ही थे जो सीआरपीएफ जवान के बेटा बेटी गायब हुए थे।
पुलिस पूछताछ में बच्चों ने बताया कि स्कूल से आते समय वह बड़ी मम्मी ( मौसी ) के घर जाने के लिए दूसरी जगह ( अनाथ गोशाला के पास) उतर गए थे और यहां से वह रास्ता भटक कर नहर पर पहुंच गए जहां पर अंधेरा होने की वजह से वह डर कर यहीं पर बैठ गए।
परिजनों ने बताया कि करीब चार दिन पहले एक बच्चे को चिकनपॉक्स की बीमारी हो गई थी। अनाथ गौशाला के पास उत्तर ने के बाद दोनों बच्चे मौसी के घर जाने के बजाय पहले दो किलोमीटर दूर झाड़ा लगवाने के लिए चले गए। लेकिन रास्ता सुनसान होने की वजह से रास्ता भटक कर नहर पर पहुंच गए। यह स्कूल बस ड्राइवर की गलती है।
अभिभावकों ने बताया कि अनाथ गौशाला से लेकर नहर तक का रास्ता बिल्कुल सुनसान है और इस रास्ते से काम ही लोग गुजरते हैं उसे यहां पर हर समय डर लगता रहता है। बच्चों के कहने पर उन्हें दूसरी जगह नहीं उतारना चाहिए बल्कि जहां पर प्रिय जनों ने जगह निर्धारित की हुई है उसी जगह पर उतरना चाहिए।
इस संबंध में परिजनों के साथ बच्चों की तलाश कर रहे थाना प्रभारी मुकेश कुमार से बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि दोनों बच्चे करीब 5 बजे लापता हो गए थे। पुलिस सीसीटीवी फुटेज खंगाली और अध्यापक ऑन से भी पूछताछ की। साथी ड्राइवर से भी पूछताछ की गई जिससे पता चला कि बच्चे स्कूल बस से दूसरी जगह उतरे हैं।
बच्चों की तलाश करते हुए पुलिस की टीम जब नहर किनारे पहुंची तो दोनों बच्चे वहां पर सकुशल मिल गए। बच्चों ने बताया कि वह अपनी बड़ी मम्मी के घर जाने के लिए अनाथ गौशाला के पास उतरे थे। लेकिन वह रास्ता भटक कर नहर पर पहुंच गए। दोनों बच्चों की उम्र 12-13 वर्ष के बीच है।
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