Power Minister Ranjit Singh left BJP, Savitri Jindal also rebelled, four leaders announced to contest elections as independents
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!Haryana assembly election 2024 दिलचस्प होता जा रहा है भाजपा की 67 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी होते ही भाजपा में खलबली मची हुई है और नेता भाजपा को अलविदा कह रहे हैं। देर रात से अब तक दर्जनों नेता पार्टी को छोड़ चुके हैं और कईयों ने तो निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान भी कर दिया है फोन में देश की सबसे अमीर महिला सावित्री जिंदल और हरियाणा सरकार में बिजली मंत्री रणजीत सिंह चौटाला का नाम भी शामिल है।
बुधवार देर शाम जैसे ही भारतीय जनता पार्टी ने हरियाणा विधानसभा चुनाव को लेकर उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी की तो उसमें अपना नाम न देखकर भाजपा नेताओं में भगदड़ मची हुई है। कोई बाहरी उम्मीदवार बात कर पार्टी को छोड़ रहा है तो कोई अन्य कारण से अपनी अनदेखी के कारण पार्टी से इस्तीफा दे रहा है। रात को इस्तीफा देने वालों की सूची में गुरुवार को दो नाम और शामिल हो गए और देर शाम तक इसमें अन्य नेताओं के नाम भी जुड़ सकते हैं।
देर शाम भाजपा प्रत्याशियों का ऐलान होते ही गुरुवार की सुबह हिसार में जिंदल हाउस के समर्थक जिंदल हाउस पहुंचे और हरियाणा विधानसभा चुनाव में जिंदल परिवार को अंदर दिल्ली चुनाव मैदान में उतारने का बिगुल बजा दिया। वहीं पूर्व मंत्री एवं देश की सबसे अमीर महिला सावित्री जिंदल ने कहा कि वह भाजपा की प्राथमिक सदस्य नहीं है और वह निर्दलीय चुनाव जरूर लड़ेंगी। पिछले चुनाव में सावित्री जिंदल कांग्रेस पार्टी की टिकट पर चुनाव लड़ी थी और कमल गुप्ता बीजेपी की टिकट पर चुनाव लड़कर सावित्री जिंदल को हरा दिया था। लेकिन हिसार में जिंदल परिवार का अपना वोट बैंक है और उनकी अच्छी खासी पकड़ भी बताई जा रही है ऐसे में हिसार विधानसभा का चुनाव आने वाले दिनों में दिलचस्प होता जाएगा। इस सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला होने के आसार बन गए हैं और इसकी कोनिया मुकाबले में कौन सा उम्मीदवार बजे मारेगा यह तो आने वाली 8 अक्टूबर को ही साफ हो पाएगा।
वही हरियाणा सरकार में बिजली मंत्री रणजीत सिंह चौटाला ने भी गुरुवार को अपने समर्थकों की मीटिंग बुलाई और रानियां विधानसभा सीट से एक बार फिर निर्दलीय उम्मीदवार के रूम में चुनावी मैदान में उतारने का ऐलान कर दिया। कार्यकर्ताओं की मीटिंग में रणजीत सिंह ने कहा कि भाजपा ने उन्हें डबवाली से चुनाव मैदान में उतारने का ऑफर दिया था लेकिन उन्होंने इस ऑफर को ठुकरा दिया क्योंकि वह रनिया विधानसभा सीट से ही चुनाव लड़ना चाहते थे लेकिन भाजपा ने उन्हें टिकट नहीं दिया ऐसे में वह एक बार फिर रानियां विधानसभा सीट से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में अपनी किस्मत जमाएंगे।
रणजीत सिंह चौटाला पहले लोक दल पार्टी में हुआ करते थे और उन्होंने अपने ही पिता पूर्व उप प्रधानमंत्री देवीलाल से बगावत कर कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गए थे। उसके बाद वह कांग्रेस में शामिल हो गए थे लेकिन कांग्रेस पार्टी की टिकट पर एक बार भी विधायक नहीं बन पाए। परंतु 2019 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दिया तो उन्होंने निर्दलीय उम्मीदवार के रूम में अपनी ताल ठोकी और पहली बार चुनाव जीत कर विधानसभा पहुंचे और हरियाणा की भाजपा सरकार में बिजली मंत्री और जेल मंत्री का मंत्रालय मिला। लेकिन लोकसभा चुनाव में हर के बाद भाजपा ने उन्हें विधायक पद से इस्तीफा देने के बावजूद भी मंत्री बनाए रखा और अब चुनाव में उन्हें दरकिनार करते हुए उनका टिकट काट दिया।
उधर कविता जैन को भी टिकट न मिलने से उन्होंने भी भाजपा से बगावत कर दी है और निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ने का ऐलान करने से भाजपा उम्मीदवार की परेशानियां बढ़ती हुई नजर आ रहे हैं। इसके अलावा बवानी विधानसभा सीट से विधायक एवं मंत्री बिसंबर वाल्मीकि ने भी भाजपा के खिलाफ बगावत शुरू कर दी है क्योंकि भाजपा ने उन्हें टिकट नहीं दी और उनके जगह कपूर सिंह वाल्मीकि को उम्मीदवार बनाया है।
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