Big decision of Haryana government, now if found involved in criminal cases,
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!हरियाणा न्यूज / सुनील कोहाड़।
हरियाणा की मनोहर सरकार महिलाओं और बच्चों पर हो रहे अपराधों को लेकर गंभीर हो गई है। इन अपराधों में हरियाणा देश के टॉप के पांच राज्यों में शुमार है। आए दिन महिलाओं के साथ छेडछाड, यौन उत्पीडऩ, कुकर्म, दुष्कर्म, नाबालिग को भगा ले जाना, छोटे बच्चों को यौनशौषण का शिकार बनाना, नशा बेचना, तस्करी करना, महिलाओं व लड़कियों का पीछा करना, निवस्त्र करना, सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक वीडियो व फोटो डालना इत्यादि मामलों ें जो भी व्यक्ति शामिल पाया जाएगा उसके खिलाफ से नियम काम करेगा।
हरियाणा सरकार ने इसके लिए एक वेबसाइड पायलट प्रोजेक्ट आधार पर पंचकूला से शुरू की है। जो आने वाले समय में पूरे प्रदेश में लागू हो जाएगी। इस वेबसाइड पर इस तरह का अपराध करने वाले अपराधियों का पूरा डेटा अपलोड किया जाएगा और उनको मिलने वाली सरकारी सुविधाओं पर रोक लगा दी जाएगी।
ये सरकारी सुविधाएं होंगी बंद
बलात्कार करने, बलात्कार का प्रयास करने, किसी को निवस्त्र करने, यौन उत्पीडऩ, छेड़छाड़, बच्चों से गलत काम करने, शोषण करने, तस्करी करने के मामलों को देखते हुए सरकार ने बच्चों के संरक्षण अधिनियम के तहत अगर कोई आरोपित इन मामलों से संबंधित किसी भी धारा के तहत दौषी पाया जाता है तो उसको मिलने वाली सामाजिक पेंशन, एससी-बीसी वर्ग, आयुष्मान कार्ड, सामाजिक न्याय, अधिकारिता, आर्म लाइसेंस, अन्न योजना सहित अन्य मिलने वाली सरकारी योजनाएं बंद कर दी जाएंगी। इसके साथसाथ स्कूल शिक्षा, उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा और औद्योगिक प्रशिक्षण विभाग की तरफ से मिलने वाली छात्रवृति पर भी रोक लगा दी जाएगी।
एनसीआरबी की रिपोर्ट के मुताबिक महिलाओं के अपराधों मं वृद्धि
महिलाओं और बच्चों के साथ होने वाले अपराधों में भारत के टॉप पांच राज्यों में हरियाणा का चौथा स्थान है। ताजा आकड़ों के मुताबिक इस साल महिला अपराधों में 27 फीसदी की वृद्वि हुई है। एक साल की बात करें तो इस साल 3758 मामले पिछले साल की तुलना में ज्यादा दर्ज हुए हैं। रेप से संबंधित मामलों की बात करें तो इस साल 1716 मामले दुष्कर्म के दर्ज किए गए हैं।
एनसीआरबी की रिपोर्ट के मुताबिक सऩ 2020 में महिलाओं पर होने वाले अपराध के13 हजार मामले दर्ज किए गए थे। जिनमें से बलात्कार के 1373 मामले दर्ज हुए थे। जबकिसऩ 2021 में बढक़र 16658 के आकड़े को पार कर गए। वहीं बलात्कार के मामलों में भी बढ़ौतरी दर्ज हुई और ये आकड़ा 1716 पर पहुंच गया।
पोक्सो एक्ट के तहत सऩ 2019 में 772 केस दायर किए गए थे जोकि सन 2020 में बढक़र 883 हो गए। इन सब वारदातों को अंजाम देने के मामलों में 807 आरोपी पीडि़त महिला की जान पहचान के ही पाए गए। कई ऐसे मामले सामने आए हैं कि छोटी छोटी बच्चियों को हवस का शिकार बना दिया जाता है और कई मामलों में सामाजिक रिश्ते तार तार हो जाते हैं।