AdamPur Mandi 1.5 crore dhokadhadi aropi girftar
AdamPur Mandi News : हरियाणा में अपराध और धोखाधड़ी की घटनाओं के बीच आदमपुर थाना पुलिस ने एक बड़े धोखाधड़ी मामले का खुलासा किया है। यह मामला न केवल आर्थिक अपराध से जुड़ा है बल्कि विश्वास और रिश्तों के टूटने की कहानी भी बयां करता है। आरोपी ने रिश्तेदारी और भरोसे का फायदा उठाकर करीब 1.5 करोड़ रुपये मूल्य का सोना-चांदी और नकदी गबन कर लिया। पुलिस ने मामले में आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है और अब उससे गहन पूछताछ की जा रही है।
घटना की पृष्ठभूमि
यह मामला Adampur Mandi की प्रसिद्ध ज्वैलरी शॉप ‘न्यू शांति ज्वैलर्स’ से जुड़ा है। दुकान के मालिक विजय कुमार का निधन 25 जुलाई 2021 को हो गया था। उनके निधन के बाद दुकान की जिम्मेदारी उनकी पत्नी सुशीला और परिवार पर आ गई। इस बीच दुकान की देखरेख उनके रिश्तेदार सुनील कुमार उर्फ मनीष निवासी ठाकुर बस्ती, फतेहाबाद कर रहा था।
करीब 15–20 वर्षों से सुनील New Shanti jewellers Adampur mandi से जुड़ा हुआ था। परिवार ने उसके साथ लंबे समय से चले आ रहे रिश्ते और भरोसे को देखते हुए उसे दुकान संभालने की पूरी जिम्मेदारी सौंप दी। परिवार को विश्वास था कि सुनील व्यापार को ईमानदारी से आगे बढ़ाएगा, लेकिन हुआ इसका उल्टा।
शिकायत और FIR दर्ज
दिनांक 01 जनवरी 2024 को सुशीला ने Police Station Adampur Mandi में शिकायत दर्ज करवाई। उन्होंने बताया कि सुनील ने भरोसे का फायदा उठाते हुए दुकान से कीमती सोना-चांदी और नकदी हड़प ली। इतना ही नहीं, उसने बाजार से भी उधार उठाकर लोगों को धोखा दिया और फिर अचानक 26 सितंबर 2023 को लापता हो गया।
पुलिस ने शिकायत के आधार पर धोखाधड़ी और आपराधिक विश्वासभंग (गबन) की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था।
आरोपी की गिरफ्तारी
लगातार जांच और छानबीन के बाद पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी। AdamPur Mandi पुलिस ने आरोपी सुनील कुमार उर्फ मनीष को गिरफ्तार किया और अदालत में पेश किया। अदालत ने आरोपी को दो दिन के पुलिस रिमांड पर भेजा है।
जांच अधिकारी उप-निरीक्षक राजबीर सिंह ने बताया कि प्रारंभिक पूछताछ में सामने आया है कि आरोपी ने करीब 600 ग्राम सोना और 1.5 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की है।
पुलिस की पूछताछ और बरामदगी की कोशिश
पुलिस अब आरोपी से लगातार पूछताछ कर रही है। जांच का मुख्य उद्देश्य यह है कि:
- गबन किए गए आभूषणों और नकदी की बरामदगी हो सके।
- यह पता लगाया जा सके कि आरोपी ने चोरी किए गए माल को कहां और किसके पास बेचा या छुपाया।
- क्या इस पूरे मामले में कोई और व्यक्ति या गिरोह भी शामिल था?
पीड़ित परिवार का दर्द
शिकायतकर्ता सुशीला देवी ने मीडिया से बातचीत में कहा कि उनके पति के निधन के बाद सुनील को उन्होंने बेटे जैसा समझकर जिम्मेदारी दी थी। रिश्तेदारी और विश्वास की नींव पर खड़ा यह रिश्ता उनके लिए बर्बादी का कारण बन गया।
परिवार का कहना है कि दुकान में लंबे समय से जमा की गई पूंजी और आभूषण उनकी जीवनभर की मेहनत का परिणाम थे, जिन्हें सुनील ने योजनाबद्ध तरीके से ठगा।
आर्थिक अपराध क्यों बढ़ रहे हैं?
विशेषज्ञों के अनुसार आर्थिक अपराधों के पीछे मुख्य कारण हैं:
- विश्वास का दुरुपयोग – रिश्तेदार या जानकार व्यक्ति ही अधिकतर मामलों में धोखा देते हैं।
- बढ़ती लालच और त्वरित धनार्जन की चाह।
- लेखा-जोखा का अभाव – छोटे व्यापारी अक्सर मौखिक भरोसे पर काम करते हैं, जिससे धोखा आसान हो जाता है।
- निगरानी की कमी – दुकानों में आधुनिक सुरक्षा और रिकॉर्ड सिस्टम का न होना
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