Alarm will be rung in Haryana including Hisar
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पाकिस्तान से तनाव के बीच गृह मंत्रालय ने आदेश जारी करते हुए हरियाणा के हिसार सहित 11 जिलों में बुधवार को खतरे का अलार्म बजेगा और तमाम प्रशासन और नागरिक हरकत में आ जाएंगे। मॉक ड्रिल की यह रिहर्सल हरियाणा के अलग-अलग जिलों में अलग-अलग टाइम पर की जाएगी। इस दौरान रात के समय ब्लैकआउट भी होगा और घरों व दुकानों पर इनवर्टर व जनरेटर चलाने पर भी पूर्ण रूप से पाबंदी रहेगी। जो वाहन चालक सड़कों पर अपने वाहनों को उड़ा रहे हैं उन्हें भी अपने वाहनों को सड़क से नीचे उतरकर कच्चे में लाइट बंद करके खड़ा करना होगा। बुजुर्गों का कहना है कि ऐसा वाक्य उन्होंने सन 1971 की लड़ाई के दौरान देखने को मिला था।
भारत सरकार के गृहमंत्री द्वारा आदेश जारी किए गए हैं कि हरियाणा के हिसार, सिरसा, रोहतक, झज्जर, गुरुग्राम, फरीदाबाद, सोनीपत पानीपत अंबाला और यमुनानगर में 7 में को मॉक ड्रिल करने का आदेश दिया गया है। इस दौरान पंजाब के 20 और राजस्थान के 28 जिलों में भी मॉक ड्रिल की रिहर्सल जाएगी। अलग-अलग शहरों में इसके लिए अलग-अलग टाइम टेबल रखा गया है।
बुजुर्ग महिंद्र नंबरदार, हवा सिंह, खेमचंद, धर्मपाल, संतरो, योगराज, तुलसीराम, रघबीर , बारु राम, शमशेर लोहान, जयवीर फौजी, दलबीर, टेकराम, भलियां, ओम प्रकाश, मास्टर दलेल, रिटायर्ड फौजी हरिकिशन, चांदराम इत्यादि ने है बताया कि जो आदेश गृह मंत्रालय द्वारा पाकिस्तान द्वारा पहलगाम में किए गए आतंकवादी हमले के बाद जारी किए गए हैं ऐसे ही जब वह छोटे-छोटे थे तो 1971 की लड़ाई के दौरान देखने को मिला था। उसे समय लाइट की इतनी व्यवस्था नहीं थी लेकिन घरों में दिया और लालटेन जलाने पर भी पाबंदी थी। ऐसे समय में लोगों को नगदी और बैटरी टॉर्च अपने साथ रखनी चाहिए। साथी घरों के अंदर व बाहर की लाइटें बंद रखनी जरूरी होती हैं। ताकि दुश्मन हमला कर तो उसे यह एहसास ना हो कि यहां पर कोई घर या गांव है। अगर हमला होता है तो लाइट जलने पर दुश्मन रात के अंधेरे में आसानी से यह पहचान सकता है कि यह लाइट गांव की या शहर की है और यहां पर गोलाबारी करने से कितना बड़ा नुकसान पहुंचाया जा सकता है।
मंगलवार को जिन जिन जिलों के लिए मॉक ड्रिल का आदेश जारी हुआ है वहां का प्रशासनिक अमला अपनी तैयारी में लगा हुआ है। इस दौरान पुलिस, फायर ब्रिगेड, एम्बुलेंस व स्वास्थ्य विभाग सहित अन्य डिपार्टमेंट अलर्ट पर रहेंगे। साथी प्रशासनिक अधिकारी कर्मचारियों के साथ-साथ आम लोगों को भी बताएंगे कि आपातकालीन के दौरान अपने आप को कैसे बचाया जा सकता है। अगर कोई विपरीत स्थिति आ जाए तो उसका सामना कैसे करना होगा।
हिसार जिले में कल आयोजित होगी मॉक ड्रिल
गृह मंत्रालय के निर्देशानुसार 7 मई को हिसार जिले में मॉक ड्रिल आयोजित की जाएगी। किसी भी आपात परिस्थिति के मद्देनजर सुरक्षा उपायों की पूर्ण तैयारी के लिए यह अभ्यास अत्यंत महत्वपूर्ण है। सायरन के माध्यम से मॉक ड्रिल की शुरुआत की जाएगी।
जिला राजस्व अधिकारी विजय कुमार यादव ने बताया कि मॉक ड्रिल का उद्देश्य संचार व्यवस्था, नियंत्रण कक्षों की कार्यप्रणाली, नागरिक सुरक्षा सेवाओं, अग्निशमन, बचाव और प्रबंधन की सक्रियता का परीक्षण किया जाएगा। विभिन्न सुरक्षा प्रबंधों की प्रभावशीलता का मूल्यांकन कर आपातकालीन तैयारियों को और मजबूत किया जाएगा।
Haryana Mock Drill Advisory | 7 मई 2025:
सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल के दौरान घबराएं नहीं – यह सिर्फ़ एक अभ्यास है।
ड्रिल से पहले:
- रात को अपना फोन और पावर बैंक चार्ज कर लें।
- बुनियादी सामान/आपातकालीन आपूर्ति तैयार रखें:
- बैटरी/सौर ऊर्जा से चलने वाली फ्लैशलाइट/टॉर्च, रेडियो, ग्लो स्टिक
- वैध आईडी कार्ड
- परिवार की आपातकालीन किट तैयार रखें: पानी, सूखा भोजन, बुनियादी दवाइयाँ।
- अलर्ट के बारे में जागरूकता:
- सायरन सिग्नल सीखें (जैसे लंबा निरंतर = अलर्ट: छोटा = सब साफ)
- आधिकारिक अपडेट के लिए रेडियो/टीवी देखते रहें (जैसे आकाशवाणी, दूरदर्शन)
- सुरक्षित क्षेत्र की तैयारी:
- आश्रय के रूप में सुरक्षित आंतरिक कमरे या तहखाने की पहचान करें।
- पारिवारिक अभ्यास का अभ्यास करें: लाइट बंद करें, 1-2 मिनट के भीतर सुरक्षित क्षेत्र में इकट्ठा हों।
- आपातकालीन नंबर नोट करें:
- – पुलिस: 112
- – अग्नि: 101
- – एम्बुलेंस: 120
- शाम 7 से 8 बजे तक लिफ्ट का उपयोग न करें। लिफ्टों को निष्क्रिय कर दें ताकि ब्लैकआउट के दौरान कोई असुविधा न हो।
- बुजुर्गों/ बच्चों को पहले से सूचित/तैयार करें।
अभ्यास के दौरान:
- अगर आपको हवाई हमले के सायरन या घोषणाएँ सुनाई दें – “यह एक अभ्यास है” तो घबराएँ नहीं।
- पुलिस, स्कूल अधिकारियों, या बिल्डिंग सुरक्षा या किसी अन्य सरकारी प्राधिकरण के निर्देशों का पालन करें
- तुरंत सुरक्षित क्षेत्र में इकट्ठा हों।
- ब्लैकआउट के दौरान:
- घर के अंदर रहें और खिड़कियों से दूर रहें। अगर आप गाड़ी चला रहे हैं, तो अपने वाहन को किनारे पर पार्क करें और लाइटें बंद कर दें। जहाँ हैं वहीं रहें और इधर-उधर न जाएँ।
- अलर्ट के दौरान सभी इनडोर और आउटडोर लाइटें बंद कर दें, जिसमें इन्वर्टर या वैकल्पिक बिजली आपूर्ति को डिस्कनेक्ट करना शामिल है। • ब्लैकआउट की घोषणा होने/सायरन चालू होने पर गैस/बिजली के उपकरण बंद कर दें।
- यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि बच्चों, बुजुर्गों और पालतू जानवरों की हर समय निगरानी की जाए
- खिड़कियों के पास फोन या एलईडी डिवाइस का इस्तेमाल न करें।
- मोटे पर्दे का इस्तेमाल करें या खिड़कियों को कार्डबोर्ड/पैनल से ढकें।
व्हाट्सएप या सोशल मीडिया पर असत्यापित जानकारी न फैलाएँ।
ड्रिल के बाद
जब तक अन्यथा निर्देश न दिया जाए, सामान्य गतिविधि फिर से शुरू करें।
अपनी प्रतिक्रिया स्थानीय आरडब्ल्यूए या प्रशासन के साथ साझा करें।
अपने आस-पास के बच्चों या बुजुर्गों से बात करें – उन्हें आश्वस्त करें कि यह सिर्फ़ तैयारी का उपाय था।
नोट: यह मॉक ड्रिल अभ्यास चिकित्सा प्रतिष्ठानों, यानी अस्पतालों और नर्सिंग होम पर लागू नहीं होता है। हालाँकि, उन्हें ड्रिल के दौरान सभी खिड़कियों को मोटे पर्दों से ढकना चाहिए
और सतर्क रहना चाहिए।
ड्रिल का उद्देश्य नागरिक आबादी को किसी भी आपात स्थिति के लिए तैयार करना और ऐसी विकट स्थिति के दौरान बड़े पैमाने पर दहशत की संभावना को कम करना है।