APS Yojana Fraud Hisar CM Flying Action CSC Center
CM Flying Hisar की टीम ने दीनदयाल उपाध्याय अंत्योदय परिवार सुरक्षा योजना ( APS Yojana Fraud Hisar ) में CSC Center संचालक द्वारा धोखाधड़ी किए जाने का पर्दाफाश किया है।
सीएम फ्लाइंग टीम की तरफ से की गई जांच में सामने आया कि हिसार शहर के एक सीएससी संचालक ने गरीब परिवार को मिलने वाली पांच लाख रुपये की सहायता राशि धोखे से पीड़ित के बैंक खाते से अपने खाते में ट्रांसफर कर ली। इस संबंध में आजाद नगर थाना पुलिस ने सीएससी संचालक सिरसा के कोटली निवासी राजेंद्र के खिलाफ केस दर्ज किया है। ( Hisar CSC Center Fraud Case )
सीएम फ्लाइंग रेंज इंचार्ज एसआइ सुनैना ने पुलिस को शिकायत देकर बताया कि कई सीएससी संचालक दीनदयाल अंत्योदय परिवार सुरक्षा योजना में कमीशनखोरी और धोखाधड़ी कर रहे हैं। सरकार की तरफ से बीपीएल परिवारों को छह से 60 वर्ष की आयु में किसी सदस्य की मृत्यु होने पर एक लाख से पांच लाख रुपये तक की आर्थिक सहायता दी जाती है। परंतु कई सीएचसी संचालकों द्वारा पीड़ित परिवारों से 25 से 30 प्रतिशत तक कमीशन वसूले जाने की शिकायतें मिल रही थीं।
CM Flying Hisar द्वारा की गई जांच में सामने आया कि भगाना निवासी रमेश के बेटे गोविंदा की मौत हो जाने के बाद उसे योजना का लाभ दिलवाने के नाम पर सीएससी संचालक राजेंद्र ने कई दस्तावेज अपने पास रख लिए। जांच में सामने आया कि आरोपित लेबर केंद्र के माध्यम से गरीब मजदूरों के नाम पर स्टांप और खाली कागजों पर हस्ताक्षर करवा लेता है।
उन्होंने बताया कि आरोपित राजेंद्र ने रमेश को भरोसे में लेकर मृतक के नाम से यहां के मेन डाकघर में खाता खुलवाया और प्रक्रिया पूरी करने के नाम पर उसके मोबाइल का सिम भी कई दिनों तक अपने पास रख लिया। उसके बाद छह मार्च 2025 को योजना के तहत पांच लाख रुपये खाते में आए। आरोपित ये रुपये एनइएफटी के माध्यम से अपने खाते में ट्रांसफर करवा लिए। जबकि न तो पीड़ित से हस्ताक्षर करवाए गए और न अंगूठा लगवाया गया। बाद में उसने योजना बंद होने का बहाना बनाकर सिम कार्ड वापस कर दिया।
बीपीएल सूची से बाहर कराया दिया

गांव भगाना निवासी रमेश कुमार ने बताया कि उक्त योजना के लिए जब उन्होंने आवेदन किया था, उस समय उनका नाम बीपीएल सूची में दर्ज था। बीपीएल श्रेणी के तहत मिलने वाली सरकारी सुविधाओं का लाभ ले रहे थे। आरोपित राजेंद्र ने अपने सीएससी सेंटर के माध्यम से उनकी आय में बदलाव कर परिवार का नाम बीपीएल सूची से बाहर करवा दिया।