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किन्नरों के ड्राइवर सचिन की हत्या या आत्महत्या , असमंजस में पुलिस, विसरा रिपोर्ट का इंतजार | Bhiwani News Today

By sunilkohar

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Bhiwani News Today : लहलाना गांव सचिन की मौत का मामला

Bhiwani News Today: भिवानी जिले गांव लहलाना में बुधवार की रात को हुई गांव हड़ौदी के गाड़ी चालक की मौत हत्या है या आत्महत्या इसका संशय अभी भी बरकरार है। इस मामले में जुई कलां थाना पुलिस की टीम गहनता से जांच पड़ताल कर रही है। पुलिस ने संदिग्धों को भी पूछताछ में शामिल किया है, जिनके मामले की जानकारी की और घटना के कारणों को भी खंगालने की कोशिश जा रही है। वहीं पुलिस की माने तो अब पोस्टमार्टम की विसरा रिपोर्ट के बाद ही मौत के कारणों से राज खुल सकेंगे।

 

उल्लेखनीय है कि चरखी दादरी जिला के गांव हड़ौदी निवासी 24 वर्षीय सचिन गांव लहलाना में किन्नरों के साथ किराये के मकान में रहता था। वह किन्नरों का गाड़ी चालक था। मंगलवार रात को उसने अपनी मां से फोन पर बात की और बुधवार सुबह वह अपने कमरे पर मृत मिला। सचिन के पिता सुरेंद्र ने दो नामजद सहित चार लोगों पर हत्या के आरोप लगाए थे। पुलिस ने भी हत्या का केस दर्ज कर बुधवार दोपहर में जिला नागरिक अस्पताल में शव का पोस्टमार्टम करवाया। ( Bhiwani latest News in Hindi )

 

इसके बाद पुलिस ने जांच शुरू की। पुलिस ने इस घटना के बाद सचिन जिन किन्नरों के साथ रहता था, उन्हें पूछताछ में शामिल किया गया ‌है। पुलिस ने घटना के बाद कमरे से फरार होने के बारे में पूछताछ की तो उन्होंने बताया कि वे घटना के बाद डर गए थे। इसकी वजह से वे वहां से चले गए। हालांकि उन्होंने पड़ोस के कुछ लोगों को इसके बारे में बताया था, जिन्हें भी पुलिस ने पूछताछ में शामिल किया। ( Abtak Bhiwani News )

 

सचिन ने कुछ माह पहले शुरू किया था काम

सचिन का पिता सुरेंद्र भवन निर्माण कार्य का ठेकेदार है। वे तीन भाई-वहन है, जोकि अविवाहित है। सचिन पिछले चार-पांच माह से गांव लहलाना में किन्नरों के पास गाड़ी चालक का काम करता था। वे लहलाना में ही किराये के मकान में रहते थे। इससे पहले सचिन कहीं ओर गाड़ी का काम करता था।

यूं होती है विसरा की जांच

विसरा में मरने वाले के शरीर के भीतरी अंग जैसे छाती, पेट के भीतर के अंगों की अच्छी तरह से जांच की जाती है। ये अंग सेंट्रल कैविटी में मौजूद होते हैं। किसी भी मामले के लिए विसरा परीक्षण के नमूने रासायनिक परीक्षण के लिए एकत्र किए जाते हैं। इसे पोस्टमार्टम के 15 दिनों के भीतर किया जाना होता है। फारेंसिक विज्ञान प्रयोगशालाओं को खून, दाग और अन्य की रिपोर्ट प्रदान करके ऐसी किसी भी अपराध की जांच में वैज्ञानिक सहायता प्रदान करने के लिए किया जाता है। कई बार मौत के लिए हार्ट अटैक, अस्थमा का अटैक, हाई ब्लडप्रेशर वगैरह को कारण बता दिया जाता है, लेकिन बाद में विसरा रिपोर्ट से पता चलता है कि मौत की असली वजह केमिकल, खाने-पीने की चीज, हत्या या फिर कुछ और ही है।

कौन करता है विसरा जांच

पोस्टमार्टम रिपोर्ट को जहां डाक्टर तैयार करते हैं, वहीं विसरा की जांच केमिकल एग्जामिनर करते हैं। इसमें कई तरह के केमिकल टेस्ट किए जाते हैं। इसमें यह पता लगाने की कोशिश की जाती है कि क्या शख्स की मौत किसी जहरीले पदार्थ के खाने से हुई है या नहीं।

सचिन की मौत मामले में कुछ संदिग्धों को पूछताछ में शामिल किया है। गहनता से जानकारी ली जा रही है। कुछ ज्यादा नहीं कहा जा सकता है। विसरा रिपोर्ट के बाद हत्या या आत्महत्या का संशय दूर हो जाएगा। – निरीक्षक संजय कुमार, प्रबंधक, जुई कलां थाना पुलिस।

 

 Bhiwani News Today : Sachin death case in Lahlana village


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