Case of clash between farmers and police in Kheri Chaupata, farmers again raised a strong voice
Kheri Chaupata : फ़रवरी 2024 में किसान आंदोलन 2 में शामिल होने के लिए खनौरी बॉर्डर पर जा रहे किसानों पर खेड़ी चौपटा में पुलिस द्वारा किये बलप्रयोग और उसके बाद पुलिस और किसानों के बीच हुए टकराव के मामले में किसानों पर दर्ज हुए मुकद्दमे में किसानों को भेजे जा रहे कोर्ट नोटिस के मामले में किसानों की कमेटी ने आज जिला उपायुक्त के साथ मीटिंग की। किसानों ने उपायुक्त को कहा कि खेड़ी चौपटा में धरना लगा कर खनौरी बॉर्डर पर जाने के लिए एकजुट हुए किसानों और पुलिस के बीच हुए टकराव के बाद हिसार के तत्कालीन जिला प्रशासन ने वादा किया था कि अगर किसान उस धरने को समाप्त कर दें तो उन धरनारत किसानों पर कोई मुकद्दमा दर्ज नहीं किया जाएगा।
किसानों ने तो समझौते के तहत तत्कालीन उपायुक्त श्री उत्तम सिंह और हाँसी के तत्कालीन पुलिस अधीक्षक के आश्वासन पर धरना समाप्त कर दिया था, लेकिन जिला प्रशासन अपने वादे पर खरा नहीं उतर पाया और और जिला प्रशासन की वादाख़िलाफ़ी के कारण अब उस मामले में दर्ज हुए मुकद्दमे में किसानों के पास हाँसी कोर्ट में पेशी पर हाजिर होने के लिए नोटिस भेजे जा रहे हैं।
प्रशासन को किसानों के साथ हुए समझौते के मुताबिक उपरोक्त मुकदमे को रद्द करवाने की कार्रवाई शुरू करके मुकद्दमे की आगामी तारीख 11 जुलाई से पहले इस केस को खारिज करवा देना चाहिए ताकि प्रशासन और किसानों के बीच विश्वास बना रहे। गौरतलब है कि इससे पहले भी किसानों के द्वारा जिला प्रशासन को उसका वादा याद दिलाने के लिए कई बार मुलाकात की जा चुकी है लेकिन अभी तक प्रशासन का रवैया टालमटोल करते हुए अपना पल्ला झाड़ने वाला ही रहा है।
उपरोक्त घटनाक्रम के मद्देनजर किसानों ने 7 जून को रामायण-माईयड़ टोल प्लाजा पर एक मीटिंग रखी थी और प्रशासन को अल्टीमेटम दिया था कि अगर प्रशासन ने मुकदमा रद्द करने की कार्रवाई में किसानों के साथ तुरंत कोई सकारात्मक बातचीत ना की तो किसान बड़ा आंदोलन करने पर मजबूर होंगे और नैशनल हाईवे को जाम कर देंगे, जिसके बाद हाँसी के एसडीएम व डीएसपी ने मौके पर टोल प्लाजा पर पहुंचकर किसानों को आज की मीटिंग के लिए आमंत्रित किया था।
मीटिंग में उपायुक्त ने कहा कि इस मामले में संबंधित अधिकारियों से चर्चा करके उपरोक्त मुकद्दमे से संबंधित केस फाइल की मौजूदा स्थिति व मुकद्दमे को रद्द किए जाने की संभावना के बारे में पूरी जानकारी जुटाकर एक सप्ताह के बाद किसानों को सूचित करेंगे। इस मीटिंग के बाद किसानों ने फैसला लिया की एक सप्ताह के बाद वो फिर उपायुक्त से मुलाकात करेंगे और उपायुक्त का रवैया सकारात्मक ना होने की स्थिति में प्रशासन से मीटिंग के बाद उसी दिन आगामी रणनीति पर चर्चा करके कोई बड़ा आंदोलन करने का फैसला किया जाएगा।
इस अवसर पर किसान नेता रणबीर मलिक, शमशेर नंबरदार, विकास सीसर, रवि आजाद, कैलाश उमरा, हर्षदीप गिल, दशरथ मलिक, कुलदीप खरड़, नसीब सातरोड, चरणपाल लुदास, सोमबीर भगाणा, बारिस डाटा, जोगिंदर माईयड़, अभिमन्यु कादयान, रणधीर मिलकपुर, सुधीर सिंघवा, रोहताश डाटा, साधुराम खेड़ी, जगबीर मलिक, कृष्ण देपल, बाली खरड़, वज़ीर पूनिया, सुंदर सिसाय आदि किसान मौजूद रहे।

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