Farmers took to the streets in Hisar and protested against the problem of purchasing Parli, DAP fertilizer and paddy crops
किसानों ने प्रदर्शन कर ज्ञापन सौंपा, पराली, डीएपी और फसल खरीद से सम्बंधित समस्याएं उठाई
Haryana News Today : अखिल भारतीय किसान सभा की जिला इकाई से जुड़े किसान नेताओं ने आज सभा के जिला प्रधान शमशेर सिंह नम्बरदार की अध्यक्षता में किसानों पर दिनोंदिन बढ़ रहे अत्याचारों को लेकर प्रदर्शन किया व मुख्यमंत्री के नाम जिला उपायुक्त को ज्ञापन सौंपा। किसानों के प्रदर्शन को देखते हुए भारी मात्रा में तैनात पुलिस फोर्स ने किसानों को लघु सचिवालय के गेट पर ही रोक दिया। प्रदर्शन का संचालन सतबीर धायल ने किया।

प्रदर्शनकारियों में किसान नेता सूबेसिंह बूरा, शरबत पूनिया, सतबीर धायल, रमेश मिरकां, रमेश ठाकन, जयबीर गोदारा, दिनेश सिवाच, सतपाल शर्मा, लक्ष्मण सैनी, पूर्व सरपंच राजबीर सिंह, रतन मात्रश्याम, विजेन्द्र पूनिया, नेकीराम, अनिल धांगड़, राजेन्द्र सहारण, मंदीप, वेदप्रकाश बिश्रोई, बसाईराम, सतपाल सिंह, रमेश सैनी, बलराज सहरावत, दयानंद ढुकिया के अलावा अन्य किसान भी शामिल रहे। किसान नेता सूबेसिंह बूरा ने चेतावनी देते हुए कहा कि समय रहते किसानों की मांगों को न माना गया तो बड़ा आंदोलन किया जाएगा।
ज्ञापन में कहा गया है कि धान के सीजन में प्रदूषण का सारा दोष किसानों के सिर गढ़ा जा रहा है। कृषि विभाग, प्रशासन व अन्य एजेंसियां ऐसे काम कर रही हैं जैसे किसान के खेत से ही प्रदूषण जन्म ले रहा है। पराली प्रबंधन की उचित व्यवस्था के लिए सरकार को जो दीर्घकालिक और अल्पकालिक कदम उठाने चाहिएं, उनकी बजाय प्रदेश भर में किसानों पर मुकदमें दर्ज कर उनके फसल खरीद के पोर्टल पर लाल एंट्री की जा रही है।

हरियाणा सरकार की किसानों पर ये कार्रवाई केंद्र सरकार द्वारा 9 दिसंबर 2021 के उस समझौते के खिलाफ है, जिसके बिंदु 5 में केंद्र सरकार ने साफ कहा है कि पराली मामले में भारत सरकार के कानून की धारा 14 और 15 से किसानों को आपराधिक दायित्व से मुक्ति दी जाएगी। प्रदेश भर में रबी सीजन की फसलों की बुवाई के रकबे की तुलना में डीएपी की उपलब्धता बहुत कम है जिसके चलते लम्बी-लम्बी लाइनें किसानों को लगानी पड़ती हैं। फसल खरीद और फसलों का उठान प्रभावी तरीके से नहीं हो रहा। इन सभी समस्याओं के चलते किसानों को अनेकों दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

किसान सभा ने मांग की है कि पराली के नाम पर किसानों पर दर्ज मुकदमें खारिज किए जाएं। पराली प्रबंधन की उचित व्यवस्था सरकार करे या इसके प्रबंधन पर आने वाले खर्च की भरपाई सरकार किसान को करे। पर्यावरण प्रदूषण से संबंधित मुद्दों के निपटारे के लिए सरकार सभी प्रभावितों को साथ लेकर ठोस योजना बनाए, हर वर्ष किसानों पर दोष लगना बंद करें। सभी जिलों में डीएपी खाद की कमी है, सरकार खाद की सभी जिलों में आपूर्ति बढ़ाए।
ग्रामीण सोसायटी के माध्यम से किसानों को जरूरत के अनुरूप खाद उपलब्ध करवाएं। सभी जिलों के कृषि अधिकारियों के मार्फत सभी बिक्री केंद्रों पर स्टॉक बोर्ड लगवाना सुनिश्चित करे। खाद के साथ अन्य कृषि सामग्री जिससे नैनो डीएपी, बीज, दवाई नैनों यूरिया आदि जबरन बेचना सख्ती से बंद करवाएं। नकली खाद, बीज, दवाइयों की बिक्री पर रोक लगाई जाए। सभी फसलों की खरीद, फसलों के उठान को गति दें, जल्द खरीद सुनिश्चित करवाई जाए।
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