Hisar Bass school principal murder case update
हिसार जिले के गांव बास में निजी स्कूल संचालक एवं प्रिंसिपल जगबीर पानू ( principal Jagbir Pannu murder ) की हत्या करने वाले दोनों छात्रों को पुलिस ने पकड़ लिया है। प्रिंसिपल की हत्या के पीछे दो नहीं बल्कि अन्य छात्रों का भी हाथ हो सकता है ऐसा पुलिस सूत्रों से पता चला है। इस मसले को लेकर पुलिस अधीक्षक अमित यशवर्धन शाम 4 प्रेस वार्ता करके पूरे मामले से पर्दा उठाएंगे। हत्या के बाद छात्रों के बैग में संदिग्ध पदार्थ मिला था। इसके अलावा उनके बैग से ही एक मोबाइल फोन भी मिला है जो इस हत्याकांड से पर्दा उठाने में पुलिस की काफी मदद करने वाला है। प्रिंसिपल जगबीर पानू की मौत चाकू लगने से उनका लिवर फट गया , जिसकी वजह से ज्यादा खून बह गया और उसकी मौत हो गई।
Principal Jagbir Pannu murder – छात्रों के गैंग से जुड़े होने का शक
आरोपित छात्रों ने प्रिंसिपल की हत्या करने के बाद इंटरनेट मीडिया पर एक वीडियो भी अपलोड किया है और उसमें उन्होंने principal Jagbir pannu Murder की वारदात को कबूल करने के साथ-साथ उनके बेटे की हत्या करने और 10 लाख रुपए की डिमांड भी रखी है। इससे शक गहरा रहा है कि दोनों आरोपित नाबालिक छात्र किसी गैंग से जुड़े हो सकते हैं और पुलिस उनको पकड़ने के लिए रात भर उनके संभावित ठिकानों पर छापेमारी करती रही।
हांसी पुलिस अधीक्षक अमित यशवर्धन ने किया बास स्कूल का निरीक्षण

प्रिंसिपल की हत्या की सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस के अलावा हांसीं के पुलिस अधीक्षक अमित यशवर्धन ने भी करतार मेमोरियल स्कूल का निरीक्षण कर घटना स्थल की बारीकी से जांच की। उन्होंने इस हत्याकांड को सुलझाने के लिए बास थाना पुलिस के साथ-साथ सीआईए पुलिस हांसी और अन्य पुलिस की टीमों को भी जरूरी दिशा निर्देश दिए। पुलिस अधीक्षक ने स्कूल परिसर में मौजूद स्कूल के अध्यापकों से भी इस घटना से संबंधित सवाल जवाब किया और घटना के बारिकी से जांच कर हर पहलू को ध्यान में रखते हुए कार्रवाई करने के आदेश दिए। हांसी के पुलिस अधीक्षक अमित यशवर्धन ने भी स्कूल परिसर का घटनास्थल का जायजा लेकर आरोपितों को पकड़ने के लिए पुलिस की तीन अलग-अलग टीम में छापेमारी कर रही हैं।
प्रिंसिपल के हत्यारे छात्रों ने इंस्टाग्राम पर डाली वीडियो

पुलिस अधीक्षक को आशंका है कि प्रिंसिपल की हत्या करने वाले दोनों छात्र नाबालिक होने के साथ-साथ किसी अपराधिक गैंग से जुड़े हो सकते हैं क्योंकि उन्होंने प्रिंसिपल की हत्या करने के तुरंत बाद इंस्टाग्राम पर एक वीडियो भी अपलोड की है। जिसमें दोनों छात्र प्रिंसिपल की हत्या करने की वारदात को कबूल कर रहे हैं और साथ ही प्रिंसिपल के बेटे को करने के साथ-साथ 10 लाख रुपए की फिरौती मांग रहे हैं।
स्कूल बैग क्लास रूम में छोड़ भागे छात्र
प्रिंसिपल की हत्या करने के बाद दोनों छात्र अपने बैग स्कूल में ही छोड़कर चाकू लहराते हुए अपने बैग स्कूल में ही छोड़कर स्कूल परिसर से भाग गए थे। पुलिस आरोपित दोनों छात्रों के परिजनों से पूछताछ करने में लगी हुई है कि उनके बेटे स्कूल से जाने के बाद किन-किन से मिलते थे और उनके संपर्क में कौन-कौन लोग थे। वही दोनों छात्रों को पकड़ने के लिए पुलिस की टीम में लगातार वारदात के बाद से ही उनके संभावित ठिकानों पर छापेमारी कर रही है। स्कूल से जब सब छात्रों की छुट्टी कर दी गई तो स्कूल में दो बैग मिले जो दोनों बैग आरोपित छात्रों के थे।
पुलिस तलाशी में छात्रों के बैग में मिली एनर्जी ड्रिंक और मोबाइल फोन
अध्यापकों ने इस बारे में जब पुलिस को बताया तो पुलिस ने दोनों के बैग की तलाशी ली। तलाशी के दौरान एक बैग से एनर्जी ड्रिंक बरामद हुई इसके अलावा एक मोबाइल फोन भी मिला है। पुलिस मोबाइल फोन में दर्ज मोबाइल नंबर और उसके अंदर डाटा की जांच करने के लिए भेज दिया है। हो सकता है कि प्रिंसिपल की हत्या का राज इस मोबाइल में छिपा हो। आखिरकार सवाल उठता है कि 11वीं और 12वीं कक्षा में पढ़ने वाले दोनों छात्रों ने अपने ही प्रिंसिपल की गुरु पूर्णिमा के दिन हत्या करके ऐसे गुरु दक्षिणा दी की इसको सदियों सदियों तक याद रखा जाएगा। जब भी गुरु शिष्य की बात होगी तो सब के दिमाग में गांव बास में हुए प्रिंसिपल की घटना जरूर याद आएगी।
हत्यारे छात्रों की हर गतिविधि जानने के लिए पुलिस कर रही टीचर्स से पूछताछ
पुलिस की टीम में स्कूल में पढ़ने वाले आज आपको के साथ-साथ स्कूल में पढ़ने वाले आरोपित छात्रों के संपर्क में अक्सर देखे जाने वाले छात्रों से भी पूछताछ करने में लगी हुई है ताकि स्कूल की हर दिनचर्या पुलिस समझ सके। पुलिस दोनों छात्रों के हर दिन की कार्य प्रणाली और स्कूल में उनके टीचर्स के साथ साथ सहपाठियों से व्यवहार के सवाल भी इस हत्याकांड की कड़ी को जोड़ने में काफी मददगार साबित होंगे। कुछ लोगों का मानना है कि छात्र एनर्जी ड्रिंक, मोबाइल फोन के साथ-साथ चाकू लेकर स्कूल में आ गए और अध्यापकों को इसकी भनक भी नहीं लगी। अगर समय रहते सभी छात्रों के बैग चेक कर लिए जाते तो शायद शायद प्रिंसिपल जगबीर पानू के साथ इतनी बड़ी वारदात नहीं घटती जिसकी कीमत उन्होंने अपनी जान देकर चुकानी पड़ी।
हत्यारे छात्रों को डर था कि कहीं टीचर्स उन्हें पकड़ ना लें
बताया जा रहा है कि स्कूल में परीक्षा चल रही थी और स्कूल के प्रिंसिपल एवं संचालक जगबीर पानू भी क्लास रूम में जाकर परीक्षा दे रहे छात्रों का निरीक्षण कर रहे थे कि इसी दौरान दोनों छात्रों ने उन पर चाकू से हमला कर दिया। दोनों आरोपित छात्रों को डर था कि कहीं स्कूल में मौजूद अन्य छात्र व अध्यापक उन्हें पकड़ ना ले इसलिए दोनों हत्यारे छात्र अपने हाथों में चाकू लहराते हुए स्कूल परिसर से भाग गए और गाड़ी के पास पहुंचकर उन्होंने चाकू भी फेंक दिया। अब सवाल उठता है कि घटना को अंजाम देने के बाद दोनों छात्र कहां गए और उन्हें स्कूल के बाहर से कौन लेकर गया है। अब दोनों छात्रों को किसी रिश्तेदार या किसी गैंग ने बना दी हुई है पुलिस इस मामले की भी गहनता से जांच करने में लगी हुई है।
शिक्षा के साथ-साथ संस्कार देने वाले टीचर भी डर के साए में
इस बारे में जब कुछ निजी स्कूल संचालकों से बातचीत की गई तो उन्होंने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि स्कूल में छात्रों को शिक्षा के साथ-साथ संस्कार ग्रहण करने के लिए भेजा जाता है। अध्यापक भी छात्रों को अपने बच्चे समझ कर अच्छे संस्कार और अच्छी शिक्षा का अनुसरण करने की प्रेरणा देते हैं। लेकिन करतार मेमोरियल स्कूल के प्रिंसिपल जगबीर पानू को छात्रों को अच्छे संस्कार और अनुशासन में रहने का पाठ पढ़ना अपनी जान पर भारी पड़ गया। उनके द्वारा दिए जा रहे इन्हें संस्कारों की वजह से उनके ही दो शिष्य उनकी जान के दुश्मन बन बैठे और जान ले ली। अब उन्हें भी डर लगने लगा है कि कहीं उनके द्वारा दिए गए अच्छे संस्कार और शिक्षा किसी अनुशासनहीन छात्र के अंदर उनके प्रति हीन भावना तो नहीं पैदा कर रही और वह भी कहीं किसी बड़ी घटना को अंजाम न दे दे। क्योंकि जगबीर पानू आरोपित दोनों छात्रों को बार-बार अनुशासन में रहने के साथ-साथ संस्कार का पाठ पढ़ते रहते थे। प्रिंसिपल जगबीर पानू अपने स्कूल के हर छात्र को छोटे बाल रखने के साथ-साथ अपने बड़े बुजुर्गों का सम्मान करने के लिए भी प्रेरित करते थे। शायद यह बातें प्रिंसिपल की आरोपित दोनों छात्रों को रास नहीं आई और उन्होंने अपने ही प्रिंसिपल की चाकू मार कर हत्या कर दी।
पूर्व विधायक सरोज मोर के परिवार की स्कूल बिल्डिंग दो साल पहले ली थी लीज पर
नारनौंद उपमंडल के गांव बास में नारनौंद विधानसभा क्षेत्र से विधायक रही सरोज मोर के परिवार का काफी सालों से गांव बास बादशाहपुर में करतार मेमोरियल स्कूल चल रहा है। पूर्व विधायक के परिवार ने इस स्कूल को करीब 2 साल पहले हिसार जिले के गांव पुट्ठी सैमाण निवासी जगबीर पानू को लीज पर दे दिया था। जगबीर पन्नू का परिवार शिक्षा के क्षेत्र से जुड़ा हुआ है और उनके पिता एक रिटायर्ड टीचर हैं। जगबीर पानू ने सन 2001 में गांव पुट्ठी में नव चेतना विद्या मंदिर के नाम से स्कूल की स्थापना की थी और करीब 2 साल पहले ही उन्होंने गांव बास में शिक्षा के अलख जगाने के लिए करतार मेमोरियल स्कूल को लीज पर लेकर इसका संचालन शुरू कर दिया था।
जगबीर पानू का परिवार जुड़ा है शिक्षा के क्षेत्र से
मृतक स्कूल प्रिंसिपल जगबीर पानू के पिता रिटायर्ड टीचर हैं और उन्होंने अपने तीनों बेटों को अच्छी शिक्षा दी हुई है। जिसका उदाहरण है कि उनके तीनों ही बेटे शिक्षा के क्षेत्र से जुड़े हुए हैं। जगबीर पानू का बड़ा भाई दिल्ली में स्कूल टीचर है जबकि उनका छोटा भाई गांव पुत्र स्थित उनके नव चेतना विद्या मंदिर स्कूल को पिछले दो सालों से संभाल रहा है। करतार मेमोरियल स्कूल के संचालक जगबीर पानू का बड़ा बेटा संजीव एमबीबीएस की पढ़ाई और डॉक्टर बनना चाहता है जबकि छोटा बेटा समीर वकील बनने के लिए अल्लाह की पढ़ाई कर रहा है।

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