public health department contractors protest barwala
जनस्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग (Public Health Department) के ठेकेदारों ने बुधवार को बरवाला में विभाग के Chief Engineer टीआर पंवार का घेराव कर जोरदार प्रदर्शन किया। यह विरोध प्रदर्शन पिछले दो साल से लंबित भुगतानों (pending payments) और विभाग में कथित पक्षपात (favouritism) के आरोपों को लेकर हुआ।
जैसे ही चीफ इंजीनियर और अधीक्षक अभियंता (Superintending Engineer) अनाज मंडी रोड स्थित कार्यालय पहुंचे, जिलेभर से पहुंचे ठेकेदारों ने सरकार, विभागीय अधिकारियों और मंत्री रणबीर गंगवा के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की। ठेकेदारों का कहना है कि बिना पेमेंट के काम करना अब संभव नहीं है और सरकार उनकी आवाज़ को लगातार अनसुना कर रही है।
घटनाक्रम – ठेकेदारों ने किया घेराव, अधिकारी पिछले दरवाज़े से निकले

सूत्रों के मुताबिक चीफ इंजीनियर टीआर पंवार बुधवार को बरवाला क्षेत्र में चल रहे विभागीय कार्यों का निरीक्षण करने आए थे। उनकी आगमन की सूचना ठेकेदारों को पहले ही मिल चुकी थी, जिसके चलते सुबह से ही बड़ी संख्या में ठेकेदार बरवाला पहुँचने लगे।
जैसे ही अधिकारी दफ्तर पहुँचे, ठेकेदारों ने मुख्य गेट पर उन्हें रोक लिया और कहा कि जब तक उनकी समस्याएँ नहीं सुनी जाएंगी, वे उन्हें आगे नहीं बढ़ने देंगे। इस दौरान दोनों पक्षों में नोकझोंक भी हुई।
ठेकेदारों के दबाव के चलते चीफ इंजीनियर ने कुछ समय बाद मिलने का आश्वासन दिया। लेकिन कुछ ही देर में वे विभाग के जलघर के दूसरे रास्ते से गाड़ी में बैठकर निकल गए। जब ठेकेदारों को इस बात की भनक लगी तो उन्होंने ज़ोरदार विरोध शुरू कर दिया और नारेबाजी करते हुए विभाग पर पक्षपात का आरोप लगाया।
ठेकेदारों की मांग – “हमारा हक़ दो, भुगतान करो”

प्रदर्शन कर रहे ठेकेदारों का कहना था कि उन्हें विभाग से पिछले दो सालों से किए गए कार्यों की पेमेंट नहीं मिली है। इस कारण कई ठेकेदार आर्थिक संकट में फंस चुके हैं।
ठेकेदारों ने आरोप लगाया कि विभाग में पेमेंट जारी करने में राजनीतिक दबाव और पक्षपात हो रहा है। उनका कहना था कि विभागीय मंत्री रणबीर गंगवा अपने “चहेते ठेकेदारों” की पेमेंट प्राथमिकता से करवाते हैं, जबकि बाकी ठेकेदारों को महीनों तक चक्कर काटने पड़ते हैं।
एक ठेकेदार ने कहा —
“हमने सरकार के लिए काम किया है, कोई भी भुगतान बकाया नहीं होना चाहिए। लेकिन विभाग हमें सिर्फ आश्वासन दे रहा है, हकीकत में कुछ नहीं हो रहा। जिनकी ऊँची पहुंच है, उनकी पेमेंट अधूरा काम होने के बावजूद भी एक हफ्ते में निकल जाती है और आम ठेकेदारों को सालों इंतजार करना पड़ता है।”
मंत्री रणबीर गंगवा पर गंभीर आरोप
प्रदर्शन के दौरान कई ठेकेदारों ने खुलकर कहा कि मंत्री रणबीर गंगवा ने विभाग पर दबाव बनाकर अपने करीबियों की एजेंसियों के पक्ष में काम करवाया है। आरोप यह भी लगाया गया कि Tender Allotment (टेंडर आवंटन) में भी गड़बड़ी की गई है और पारदर्शिता का अभाव है।
ठेकेदारों ने कहा कि विभाग में एक “दोहरा सिस्टम” चल रहा है — एक सिस्टम चहेते ठेकेदारों के लिए और दूसरा आम ठेकेदारों के लिए। इस कारण विभागीय कामों की गति भी प्रभावित हो रही है क्योंकि कई ठेकेदारों ने नई परियोजनाएं लेने से हाथ खींच लिए हैं।
फोन पर ठेकेदारों ने लगाई गुहार
जब चीफ इंजीनियर पंवार मौके से चले गए तो ठेकेदारों ने उनके मोबाइल नंबर पर कॉल कर अपनी समस्याओं को सुनने की गुहार लगाई। पंवार ने फोन पर आश्वासन दिया कि वे ठेकेदारों की मांगों को गंभीरता से लेकर शीघ्र समाधान करवाएंगे।
ठेकेदारों ने कहा —
“ठेकेदारों की पेमेंट से जुड़ी समस्याएं विभाग के संज्ञान में हैं। जल्द ही मीटिंग बुलाकर सभी लंबित भुगतानों पर फैसला लिया जाएगा और स्थिति सामान्य की जाएगी।”
हालांकि ठेकेदारों ने इस आश्वासन पर भरोसा जताने से इंकार कर दिया और चेतावनी दी कि यदि जल्द पेमेंट नहीं हुई तो वे राज्य स्तर पर आंदोलन (Statewide Protest) शुरू करेंगे।
दो साल से लटकी पेमेंट से ठप पड़े कई प्रोजेक्ट
जानकारी के मुताबिक हरियाणा जनस्वास्थ्य विभाग के कई प्रोजेक्ट्स की पेमेंट 2023 से अटकी हुई है। इस कारण बरवाला, हिसार, फतेहाबाद और आसपास के इलाकों में पानी व सीवरेज से जुड़े कई कार्य आधे अधूरे पड़े हैं।
कई ठेकेदारों ने आर्थिक तंगी के कारण मजदूरों को काम पर लगाना बंद कर दिया है। विभाग की तरफ से कई बार सिर्फ फाइलें आगे बढ़ाने की बात कही जाती रही है, लेकिन वास्तविक भुगतान नहीं हुआ।
Impact Analysis — Development Works पर सीधा असर
Water Supply Projects रुके: ठेकेदारों का आरोप है कि भेदभाव की वजह से उनकी पेमेंट रुकने से कई गांवों में पेयजल पाइपलाइन बिछाने का कार्य अधूरा पड़ा है।
Sewerage Network अधर में: अधिकारियों की मिलीभगत की वजह से अधूरी सीवरेज लाइन के कारण बरसात में जलभराव की समस्या बढ़ी।
नए Tender में ठेकेदारों की रुचि घटी: पेमेंट न मिलने से कई ठेकेदार नए टेंडर में भाग लेने से कतराने लगे हैं।
आर्थिक संकट: छोटे ठेकेदार कर्ज में डूबे हैं, बैंक रिकवरी नोटिस तक पहुंच गए।
रोजगार पर असर: सैकड़ों मजदूरों की रोज़ी-रोटी प्रभावित हुई।
सरकार के लिए चुनौती
यह विरोध हरियाणा सरकार के लिए एक नई राजनीतिक और प्रशासनिक चुनौती बनकर उभरा है। एक ओर ठेकेदार आंदोलन की चेतावनी दे रहे हैं तो दूसरी ओर जनता को अधूरे विकास कार्यों का खामियाज़ा भुगतना पड़ रहा है।
विशेषज्ञों का कहना है कि यदि जल्द समाधान नहीं हुआ तो सरकार को न केवल विकास कार्यों में देरी, बल्कि राजनीतिक नुकसान भी झेलना पड़ सकता है।
बरवाला में ठेकेदारों द्वारा चीफ इंजीनियर का घेराव कोई साधारण घटना नहीं है — यह पूरे जनस्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली पर उठे सवालों का संकेत है। दो साल से लंबित भुगतान, मंत्री पर पक्षपात के आरोप और विकास कार्यों की रफ्तार में आई गिरावट यह दिखाती है कि सिस्टम में गहरी समस्या है।
अगर सरकार ने जल्द पारदर्शी और ठोस कदम नहीं उठाए तो यह विरोध आंदोलन का रूप ले सकता है, जिसका सीधा असर जनता और आगामी चुनावी समीकरणों पर पड़ेगा।
चीफ इंजीनियर टीआर पंवार ने बताया कि ठेकेदारों की समस्याओं का जल्द समाधान करवा दिया जाएगा। उन पर जो आरोप लगाए गए हैं वो पूरी तरह से निराधार हैं। अधिकारी निष्पक्ष तरीके से अपना काम कर रहे हैं। विकास कार्यों में पूरी पारदर्शिता बढ़ती जा रही है और कोई भी भ्रष्टाचार सहन नहीं किया जाएगा।
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