Russia Ukraine War hansi madan heri sonu death
Hansi News Live : रूस यूक्रेन युद्ध में हरियाणा के हिसार जिले के हांसी क्षेत्र के नजदीकी गांव मदनहेड़ी के युवक की मौत हो गई थी। मृतक का शव बुधवार को एयरलिफ्टिंग के जरिए भारत भेजा गया और मदन हेड़ी में गमगीन माहौल में उसका अंतिम संस्कार किया गया। गांव के युवक की मौत से पूरे गांव की गलियां सुनसान नजर आई और गांव के किसी भी घर में चूल्हा नहीं जला। मृतक सोनू के साथ उसका एक साथी भी गार्ड की नौकरी करने के लिए रूस गया था लेकिन उसे भी जबरदस्ती युद्ध में उतार दिया। जिसका अभी तक कोई अता-पता नहीं चल पाया है।
मदन हेड़ी निवासी 28 वर्षीय सोनू की मौत रूस यूक्रेन युद्ध में होने के बाद उसका शव बुधवार को भारत पहुंचा और उसके पैतृक गांव में ही उसका अंतिम संस्कार किया गया। जैसे ही सोनू का शव गांव पहुंचा तो हर किसी की आंखें नम हो गई। उसके परिवार की महिलाएं अपने लाडले को याद करके रो रही थी तो कोई कह रहा था कि सोनू ने विदेशी भाषा सीख कर बड़ा आदमी बनने के सपने संजोए थे।
मदन हेड़ी निवासी सोनू विदेशी भाषा सीखने के लिए रूस जाने की ऐसी गलती कर दी की वहां से वह दोबारा जिंदा नहीं लौट सका। सोनू की मौत पर अनेक राजनीतिक और सामाजिक संगठनों ने भी गहरा दुख प्रकट किया है और भारत सरकार से मांग की है कि रूस में जितने भी हरियाणा सहित अन्य राज्यों के युवा फंसे हुए हैं उन्हें तुरंत ही भारत लाया जाए। ताकि उनके परिजन चैन की नींद सो सके।

हिसार जिले के गांव मदन हेड़ी निवासी 28 वर्षीय सोनू मई 2024 में विदेशी भाषा का कोर्स करने के लिए स्टडी वीजा पर रूस गया था। सोनू का कोर्स पूरा होने वाला था और वह वापस अपने वतन लौटने की तैयारी कर रहा था। लेकिन रूस यूक्रेन युद्ध में विदेशियों को फ्रंट पर रखने की नीति के तहत उसे जबरदस्ती रूस की सेना में भर्ती कर लिया गया। सोनू ने रूस के अधिकारियों से काफी गुहार लगाई और अपने वतन लौटने की इच्छा जताई लेकिन रूस का कोई भी अधिकारी उसके मासूमियत भरी आंखों में उसके दर्द को नहीं समझ सका और उसे जबरदस्ती युद्ध में उतार दिया। इस बात की जानकारी करने से पहले खुद सोनू ने अपने परिजनों से फोन पर हुई बातचीत में दी थी।
यूक्रेन द्वारा रुस पर किए गए ड्रोन हमले में रूस की सेवा में भर्ती सोनू पर अटैक किया गया जिसके कारण उसकी मौत हो गई। रूस सेवा के कमांडर ऑफिसर ने सोनू की मौत की पुष्टि करते हुए इसकी सूचना उसके परिजनों को दी और एयरलिफ्टिंग के जरिए बुधवार को उसका शव उसके पैतृक गांव मदन हेडी पहुंचा। जैसे ही सोनू का शव गांव में पहुंचा तो गांव में मातम पसर गया। सोनू के गांव ही नहीं बल्कि आसपास के दर्जनों गांव से लोग उसे श्रद्धांजलि देने के लिए मदन हेड़ी पहुंचे। सोनू की मौत से गांव के युवाओं में भारत सरकार और रूस के प्रति गुस्सा देखने को मिला।
ग्रामीण युवाओं ने कहा कि न जाने कितने युवा रूस में फंसे हुए हैं और रूस की सेना में उन्हें जबरदस्ती भर्ती करके युद्ध में उतर जा रहा है। जबकि कोई पढ़ने के लिए तो कोई अन्य कोई नौकरी करने के लिए गया था। वहां पर फंसे युवा और उनके परिजन स्थानीय सरकार के साथ-साथ भारत सरकार से भी गुहार लगा चुके हैं कि उनके बच्चों को सकुशल वतन लाया जाए लेकिन भारत सरकार इस मामले में कोई भी कम नहीं उठा रही है।
उन्होंने अपने एक भाई को तो खो दिया है जबकि उनके ही गांव का अमन अब भी वहां पर फंसा हुआ है। अमन के मामा ने बताया कि अमन की वापसी के लिए वह प्रदेश के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, भारत सरकार में विदेश मंत्री और प्रधानमंत्री सहित एंबेसी में भी गुहार लगा चुके हैं। लेकिन अभी तक उन्हें कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला है। पिछले दिनों अमन की एक वीडियो भी सामने आई थी जिसमें वह कह रहा था कि वह युद्ध नहीं करना चाहता और अपने वतन लौटना चाहता है लेकिन रूस सेना के अधिकारी जबरदस्ती उसे युद्ध में उतर रहे हैं।
सोशल मीडिया पर वायरल हो रही वीडियो में मदन हेड़ी निवासी अमन कह रहा है कि उसे गार्ड की नौकरी के लिए बुलाया गया था। 25 अगस्त को उसे भर्ती कर ट्रेनिंग पर भेज दिया गया और करीब 10 दिन ट्रेनिंग देने के बाद अचानक से उसे रूस यूक्रेन युद्ध में उतार दिया। उसकी आंखों के सामने हर रोज ड्रोन और मिसिलों से अटैक हो रहे हैं जिसमें कई लोगों की जान जा चुकी है। उसे भी अपनी जान का खतरा सता रहा है और उसने रोते हुए भारत सरकार से उसे वापस भारत लाने की गुहार लगाई है।
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