Captain Abhimanyu mother Parmeshwari Devi passed away
कैप्टन अभिमन्यु को लगा मातृ शौक
Narnaund News : हरियाणा के पूर्व वित्त मंत्री एवं नारनौंद से विधायक रहे कैप्टन अभिमन्यु ( Captain Abhimanyu ) की मां परमेश्वरी देवी का शुक्रवार को निधन हो गया। उनके निधन की खबर सुनते ही कैप्टन समर्थकों में शौक की लहर दौड़ गई। परमेश्वरी देवी प्रमुख समाजसेवी स्वर्गीय चौधरी मित्र सेन आर्य की धर्मपत्नी थी। परमेश्वरी देवी का भरपुर परिवार है और उनके बेटे बड़े बिजनेसमैन होने के साथ-साथ उनके बेटे कैप्टन अभिमन्यु राजनेता भी हैं।
सूत्रों से पता चला है कि पूर्व वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु की मां काफी उम्रदराज हो चुकी थी और उनका शरीर भारी होने की वजह से वह उठने बैठने में भी असहाय महसूस कर रही थी। इसके साथी उम्र होने के कारण उनका स्वास्थ्य भी इन दोनों काफी प्रभावित रहता था। लेकिन उम्र के इस पड़ाव में भी वह बड़ी ही हंसमुख और समाज सेवा की भावना रखती थी। वह परिवार के सभी कार्यक्रमों में हिस्सा लेकर अपने बेटों का मार्गदर्शन भी करती रहती थी। परमेश्वरी देवी के निधन से चौधरी मित्र से आर्य के परिवार को काफी कमी खलेगी। ( Latest Narnaund News in Hindi )
जानकारी के मुताबिक परमेश्वरी देवी का शुक्रवार को निधन हुआ है और उनका अंतिम संस्कार चौधरी मित्र सेन आर्य के पैतृक गांव खांडा खेड़ी में शनिवार की सुबह 10 बजे किया जाएगा। उनके निधन पर न उनसे भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं नगर पालिका अध्यक्ष शमशेर लोहान कुकन, पूर्व विधायक प्रोफेसर रामभगत, भाजपा नेता बिजेंद्र लोहान, भाजपा नेता कुलदीप गौतम, टैगोर स्कूल के निदेशक धर्मपाल सिंह, उपासना स्कूल के प्रिंसिपल जगदीश भैरो सहित अनेक राजनेताओं और सामाजिक संगठनों के लोगों ने गहरा दुख प्रकट किया है। परमेश्वरी देवी को श्रद्धांजलि देने के लिए गांव खांडा खेड़ी में भी कैप्टन अभिमन्यु समर्थकों का भारी तांता देखने को मिलेगा। ( Latest Hansi News in Hindi )
89 वर्ष पूर्व जींद ज़िले के जुलानी गाँव में हमारी माँ परमेश्वरी देवी का जन्म हुआ था। छोटी उम्र में हमारी नानी का देहांत हो गया , इस कारण माँ का बचपन कभी अपने गाँव व कभी पानीपत ज़िले के सींख पाथरी गाँव में बीता। बचपन में माँ के नाना ने इन्हें घुड़ सवारी सिखायी , जिस कारण से आज भी माँ अपने फार्म पर घोड़े हमेशा पालती आयी हैं।
हम नौ भाई बहनों के अतिरिक्त माँ ने परिवार के कई बेटे बेटियों को अपनी औलाद की तरह पालन पोषण किया है। पूरे कुनबे की माँ का सम्मान इन्हें मिलता है। पिता के निधन के बाद भी माँ कभी कमजोर नहीं हुई और हमें पिताजी की कमी महसूस नहीं होने दी। एक बेहद अनुशासित जीवन शैली, प्रत्येक सामाजिक मर्यादा व व्यवहार का पालन माँ के सहज दिनचर्या का हिस्सा है। अत्यंत ममतमायी, करुणामूर्ति, दृढ़ इच्छाशक्ति , सहज , सरल, सकारात्मक ऊर्जा का भण्डार, बाल हृदय ना जाने कितने रूप हैं माँ के! परिवार के सारे खेत ज़मीन की देखभाल अकेले स्वयं रोज़ाना सुबह से शाम तक किसानी में व्यस्त रहती हैं। गेहूं , चना , दालें, सब्ज़ियाँ, फल आदि की जैविक खेती करती हैं। हमेशा कर्मयोग की प्रेरणा देती हैं। हर सुबह डेढ़ घंटे प्राणायाम योगासन आदि करते हुए, अपने स्वयं चलने में समर्थ ना होते हुए भी , व्हील चेयर पर घूम कर सक्रिय रहती थी। ( Latest Hisar News in Hindi )
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