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Haryana Monsoon Weather : 13 से 16 अगस्त तक मानसून की रफ्तार तेज़, हरियाणा के ज्यादातर इलाकों में बारिश के आसार

By sunilkohar

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Haryana Monsoon Weather forecast 13 to 16 august 2025

 

Hisar weather update : चौधरी चरणसिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय, हिसार के कृषि मौसम विज्ञान विभाग ने 13 से 16 अगस्त तक हरियाणा के मौसम को लेकर ताज़ा पूर्वानुमान ( Haryana Monsoon Weather ) जारी किया है। विभागाध्यक्ष डॉ. मदन खीचड़ के अनुसार, मानसून की सक्रियता में हल्की बढ़ोतरी देखने को मिलेगी, जिससे राज्य के विभिन्न हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है।

मानसून टर्फ़ की मौजूदा स्थिति

मौसम बुलेटिन के अनुसार, मानसून टर्फ़ की उत्तर-पश्चिमी सीमा इस समय भटिंडा, पटियाला, देहरादून, उत्तर-पूर्व अरुणाचल प्रदेश और हिमालय की तलहटी के आसपास बनी हुई है। यह पोज़िशन हरियाणा में बारिश ( Haryana Monsoon Weather ) के लिए अनुकूल परिस्थितियां बना रही है।

 

विशेषज्ञों का कहना है कि जब मानसून टर्फ़ थोड़ा दक्षिण की ओर खिसकता है तो नमी वाली हवाएं बढ़ जाती हैं और बरसात की संभावना भी बढ़ जाती है।

13 अगस्त का मौसम पूर्वानुमान


उत्तरी हरियाणा के जिले – अंबाला, यमुनानगर, करनाल, कुरुक्षेत्र, पंचकूला और आसपास के क्षेत्रों में हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है।

पश्चिमी व दक्षिणी हरियाणा के जिले – सिरसा, फतेहाबाद, भिवानी, महेन्द्रगढ़, रेवाड़ी, झज्जर, चरखी दादरी और हिसार में कहीं-कहीं हल्की बारिश हो सकती है।

14 से 16 अगस्त – बारिश का दूसरा दौर

14 अगस्त से मानसून टर्फ का दूसरा सिरा भी बंगाल की खाड़ी की तरफ थोड़ा नीचे आने की संभावना है। इससे पूर्वी दिशा से आने वाली नमी भरी हवाएं पूरे हरियाणा में बरसात के हालात बनाएंगी।

इन तीन दिनों में –

राज्य के ज्यादातर इलाकों में हवाओं और गरज-चमक के साथ हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है।

नमी बढ़ने से दिन का तापमान 1 से 3 डिग्री तक घट सकता है, जिससे गर्मी से राहत मिलेगी।

रात का तापमान थोड़ा बढ़ सकता है, क्योंकि बादल छाए रहने से जमीन का तापमान तेजी से कम नहीं होगा।

किसानों के लिए महत्वपूर्ण सलाह
कृषि मौसम विज्ञान विभाग ने किसानों को मौसम के मद्देनज़र कुछ खास सुझाव भी दिए हैं –

धान की फसल – बारिश के दिनों में धान की खेतों में जलभराव न होने दें, ताकि जड़ों को नुकसान न हो।

कपास की फसल – पानी खड़ा होने से सफ़ेद मक्खी व अन्य कीटों का प्रकोप बढ़ सकता है, इसलिए निकासी व्यवस्था रखें।

फल और सब्जियां – मौसम में नमी बढ़ने से कीट व फफूंदी जनित रोगों की संभावना रहती है, अत: समय पर दवा का छिड़काव करें।

पशुपालन – लगातार नमी और ठंडक में पशुओं को भीगने से बचाएं, ताकि बीमारियां न फैलें।

बारिश का असर – शहरी और ग्रामीण इलाकों में
हरियाणा में 13 से 16 अगस्त के बीच होने वाली बारिश से जहां किसानों को फसल में नमी की पूर्ति होगी, वहीं शहरी इलाकों में भी इसका असर देखने को मिलेगा।

ग्रामीण इलाकों में – धान, कपास और सब्जी की फसलों को पानी की आपूर्ति प्राकृतिक रूप से मिलेगी।

शहरी इलाकों में – कुछ निचले क्षेत्रों में जलभराव की समस्या भी उत्पन्न हो सकती है, खासकर रोहतक, गुरुग्राम और फरीदाबाद जैसे शहरों में।

पिछले साल की तुलना में मौसम का रुझान
2024 के इसी समय हरियाणा में बारिश सामान्य से कम थी और तापमान अधिक था। इस बार, अगस्त के मध्य में मानसून की अच्छी सक्रियता से मौसम वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि सीजनल बारिश का औसत सामान्य के करीब रहेगा।

वातावरणीय बदलाव के कारण
मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, बंगाल की खाड़ी से आने वाली नमी और उत्तर भारत की मानसून टर्फ की स्थिति में बदलाव बारिश को प्रभावित करते हैं। पश्चिमी विक्षोभ का असर इस बार सीमित है, लेकिन स्थानीय नमी और तापमान में गिरावट बारिश को बढ़ावा दे रही है।

लोगों के लिए सावधानियां
गरज-चमक के समय खुले मैदान में खड़े न हों।

तेज़ हवाओं के दौरान पेड़ों के नीचे और बिजली के खंभों से दूर रहें।

सड़क पर जलभराव होने पर वाहन धीमी गति से चलाएं।


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