Shubham Housing Company made farmer homeless Hisar News
हिसार जिले के गांव पंद्याल में एक किसान पर Shubham Housing Company ने बकाया भुगतान ना करने पर कारवाई करते किसान को परिवार सहित घर से बाहर निकालने का मामला सामने आया है। जिसकी वजह से किसान को परिवार सहित एक रात गली में बितानी पड़ी। इसकी सूचना मिलते ही संयुक्त किसान मोर्चा के नेता मौके पर पहुंचे और किसान के घर पर लगे ताले को खोलकर पुनः घर में प्रवेष करवाया।

मिली जानकारी के मुताबिक हिसार जिले के गांव पंद्याल निवासी किसान सुरेष कुमार ने बताया कि उस पर Shubham Housing Company का करीब ढाई लाख रूपए बकाया है। बाढ़ की चपेट में फसल खराब होने के कारण वो इन रूपयों का भुगतान नहीं कर पाया। कंपनी ने उसे व उसके परिवार को घर से बाहर निकालकर घर को सील कर दिया। जिसकी वजह से वो बेघर हो गया है।
किसान सुरेष कुमार ने आरोप लगाते हुए कहा कि उसने Shubham Housing Company के अधिकारियों से काफी गुहार लगाई, लेकिन उसकी एक ना सुनी और उसे सड़क पर फेंक दिया। जिसकी वजह से उसे परिवार सहित रात भर सड़क पर बितानी पड़ी।
इसकी सूचना संयुक्त किसान मोर्चा बाडो पट्टी टोल कमेटी को लगी तो सुबह किसान मौके पर पहुंचे और बेघर किसान की सुध ली। किसान नेता सरदानंद राजली ने बताया कि बाडोपट्टी टोल कमेटी, अखिल भारतीय किसान सभा, खेत मजदूर यूनियन, भ्याण खाप के नेता व ग्रामीण पंघाल गाँव पहुंचे और Shubham Housing Company द्वारा लगाए गए ताले खुलवाकर किसान सुरेश कुमार के परिवार को पुनः घर में प्रवेश करवाया। किसान परिवार बीपीएल कार्ड धारक है। परिवार में सुरेश कुमार, उनकी पत्नी संतोष देवी, पुत्र हरीश कुमार, पुत्रवधू मोनिका और पौत्र खुशवंत शामिल हैं।
परिवार ने बताया कि शुभम हाउसिंग कंपनी से 5 लाख 60 हजार रुपये का 7 साल के लिए ऋण लिया गया था, जिसमें से अब तक 2 लाख 34 हजार रुपये किस्तों में अदा किए जा चुके हैं। लेकिन गांव में जलभराव और आर्थिक संकट के कारण शेष किस्तें समय पर नहीं भर पाईं, जिसके बावजूद कंपनी ने पूरे मकान को सील कर दिया। घर के अंदर जरूरी राशन, कपड़े और जीवनोपयोगी सामान भी बंद कर दिया गया था।
संयुक्त किसान मजदूर बाडोपट्टी टोल कमेटी के अध्यक्ष सरदानन्द राजली ने जारी एक प्रेस बयान में बताया कि सरकार की सह पर कंपनियां किसानों पर मनमानी कर रही हैं।
उन्होंने कहा पंघाल गांव जलभराव से बुरी तरह प्रभावित है। सरकार ने राहत अवधि में किसानों को किसी प्रकार की कार्रवाई से मुक्त रखने का वादा किया था, लेकिन इसके विपरीत कंपनियां गरीब किसानों को सड़कों पर ला रही हैं। यह अमानवीय और अन्यायपूर्ण है।

किसान आंदोलन ने वर्षों से जिस “कंपनी राज” के खिलाफ आवाज उठाई थी, आज वही सच्चाई बनकर सामने है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि प्रशासन और Shubham Housing Company ने अपनी नीतियां नहीं सुधारीं तो बाडोपट्टी टोल कमेटी इस घटनाक्रम को संयुक्त किसान मोर्चा, हिसार के संज्ञान में लाकर बड़ा आंदोलन छेड़ने को बाध्य होगी।
मुख्य मांगे
1. शुभम हाउसिंग कंपनी द्वारा मकान की सीलिंग को तत्काल प्रभाव से हटाया जाए और परिवार को उसके घर में स्थायी रूप से रहने दिया जाए।
2. सरकार द्वारा घोषित राहत अवधि की पालना सुनिश्चित की जाए और किसानों के विरुद्ध अमानवीय कार्रवाई तुरंत रोकी जाए।
3. आर्थिक रूप से कमजोर किसानों के लिए किस्तों का पुनर्निर्धारण व ऋण स्थगन की नीति बनाई जाए।
मौके पर मकान मालिक हरीश सिहाग, संतोष देवी, अखिल भारतीय किसान सभा के राज्य उपाध्यक्ष शमशेर सिंह नंबरदार, सरदानन्द राजली, भ्याण खाप के युवा अध्यक्ष नरेश भ्याण, खेत मजदूर यूनियन के जिला सचिव रोहतास राजली, सत्यवान रेडू, किसान नेता बलजीत सिंह सिहाग, ऋषिकेश राजली, सत्यपाल शर्मा, उदय सिंह सरोहा, दीपक अत्री, प्रदीप असरावा, विनोद पूनिया, रामफल नंबरदार, अमित शर्मा, सविन शर्मा आदि अनेक किसान नेता और ग्रामीण मौजूद रहे।