What is the government scheme for cancer patients? Cancer Victims Pension Scheme
हरियाणा कैंसर पीड़ित पेंशन योजना, सभी आयु वर्ग के स्टेज 3 और 4 के कैंसर पीड़ितों को दिया जा रहा है योजना का लाभ
हरियाणा सरकार (Government Scheme ) की ओर से स्टेज 3 व 4 के सभी आयु वर्ग के कैंसर पीड़ितों को मासिक पेंशन ( Haryana Cancer Victims Pension Scheme) उपलब्ध करवाई जा रही है। यह सहायता उन कैंसर मरीजों को दी जा रही है जिनके परिवार की वार्षिक आय तीन लाख रुपए तक है। इससे प्रदेश के कैंसर पीड़ितों को मदद मिलेगी। सरकार के निर्णय के अनुसार यदि कैंसर पीड़ित मरीज किसी अन्य प्रकार की सामाजिक सुरक्षा पेंशन या वृद्धावस्था सम्मान भत्ता योजना का लाभ ले रहा है तो उसे भी अतिरिक्त रूप से मासिक पेंशन मिलेगी।
डीसी अभिषेक मीणा ने यह जानकारी देते हुए बताया कि पेंशन सीधे बैंक खातों में सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन व्यवस्था (पीएफएमएस) के जरिये स्थानांतरित की जाएगी। इस योजना के लाभ के लिए परिवार पहचान पत्र में दर्शाई गई वार्षिक आय के तथ्यों से मिलान किया जाएगा। सिविल सर्जन कार्यालय की कमेटी द्वारा सत्यापित दस्तावेजों को सरल केंद्र के माध्यम से अपलोड करना होगा। आवेदक को राशन कार्ड, वोटर कार्ड, पैन कार्ड, पासपोर्ट, बैंक पासबुक, टेलीफोन, पानी, बिजली या अन्य उपयोगिता वाले बिल, जिसमें घर का पता अंकित हो या भू-रिकॉर्ड के दस्तावेज, परिवार पहचान पत्र को सरल केंद्र में साथ लाना होगा। आशा वर्कर, एएनएम मरीज के जीवित होने के प्रमाण पत्र को सत्यापित करेगी जिसे स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों द्वारा प्रति हस्ताक्षर किया जाएगा। इसके बाद कैंसर पीडि़त मरीज की पेंशन शुरू हो जाएगी। उन्होंने जिला के कैंसर की स्टेज तीन व चार से पीडि़त मरीजों से सरकार की इस योजना का लाभ उठाने का आह्वान किया है।
योजना का लाभ लेने के लिए पात्रता
डीसी ने बताया कि योजना के तहत भारत का नागरिक और समय-समय पर जारी सरकारी निर्देशों के अनुसार हरियाणा का वास्तविक निवासी, आवेदक के पास परिवार पहचान पत्र (पीपीपी)- पारिवारिक आईडी होनी चाहिए, स्टेज तीन व चार के सभी कैंसर पीडि़त इस योजना के तहत पात्र होंगे, ऐसे रोगी जिनके परिवार की आय अन्य सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजनाओं की राशि को छोडकऱ प्रति वर्ष 3 लाख रुपये से कम है, योजना का लाभ लेने के पात्र होंगे।
आवेदन करने की प्रक्रिया
डीसी ने बताया कि योजना के तहत भारत का नागरिक और समय-समय पर जारी सरकारी निर्देशों के अनुसार हरियाणा का वास्तविक निवासी, आवेदक के पास परिवार पहचान पत्र (पीपीपी)- पारिवारिक आईडी होनी चाहिए, स्टेज तीन व चार के सभी कैंसर पीडि़त इस योजना के तहत पात्र होंगे, ऐसे रोगी जिनके परिवार की आय अन्य सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजनाओं की राशि को छोडकऱ प्रति वर्ष 3 लाख रुपये से कम है, योजना का लाभ लेने के पात्र होंगे।
आवेदन करने की प्रक्रिया
डीसी ने बताया कि आवेदक को सभी संबंधित दस्तावेजों के साथ सरल पोर्टल यानी https://saralharyana.gov.in/ पर ऑनलाइन आवेदन जमा करना होगा। ऑनलाइन आवेदन जिला सिविल सर्जन को भेजा जाएगा। सिविल सर्जन आवेदक की स्वास्थ्य स्थिति की जांच और सत्यापन करेगा यानी आवेदक कैंसर के तीसरे और चौथे चरण का रोगी है या नहीं? यदि आवेदक कैंसर के तीसरे और चौथे चरण का रोगी नहीं पाया जाता है तो सिविल सर्जन अपने निष्कर्ष देकर आवेदन को खारिज कर देगा। यदि आवेदक तीसरे और चौथे चरण का कैंसर का रोगी है तो सिविल सर्जन आवेदन प्राप्त होने पर आगे की आवश्यक कार्रवाई के लिए संबंधित डीएसडब्ल्यूओ को आवेदन अग्रेषित करेगा। सिविल सर्जन द्वारा सत्यापन के बाद संबंधित डीएसडब्ल्यूओ अपने स्तर पर पीपीपी के माध्यम से डेटा की जांच करेगा। संबंधित डीएसडब्ल्यूओ सरल हरियाणा विभाग के पोर्टल पर लाभार्थी के पक्ष में स्टेज तीन और चार कैंसर रोगियों के लिए वित्तीय सहायता ऑनलाइन स्वीकृत करेगा और विशिष्ट पेंशन पहचान संख्या तैयार करके लाभार्थी को प्रदान की जाएगी।
योजना से संबंधित अन्य नियम एवं शर्तें
डीसी ने बताया कि कैंसर पीड़ितों को दी जाने वाली वित्तीय सहायता सरकार द्वारा समय-समय पर अधिसूचित वृद्धावस्था सम्मान भत्ते के समतुल्य होगी तथा पात्र चरण तीन व चार कैंसर रोगियों के बैंक खाते में मासिक आधार पर पीएफएमएस के माध्यम से सीधे हस्तांतरित की जाएगी। लाभार्थी (चरण तीन व चार कैंसर रोगी) को तब तक वित्तीय सहायता मिलती रहेगी जब तक रोगी जीवित है तथा कैंसर के चरण तीन व चार से पीड़ित है।
डीसी ने बताया कि कैंसर पीड़ितों को दी जाने वाली वित्तीय सहायता सरकार द्वारा समय-समय पर अधिसूचित वृद्धावस्था सम्मान भत्ते के समतुल्य होगी तथा पात्र चरण तीन व चार कैंसर रोगियों के बैंक खाते में मासिक आधार पर पीएफएमएस के माध्यम से सीधे हस्तांतरित की जाएगी। लाभार्थी (चरण तीन व चार कैंसर रोगी) को तब तक वित्तीय सहायता मिलती रहेगी जब तक रोगी जीवित है तथा कैंसर के चरण तीन व चार से पीड़ित है।
इन स्थितियों में तुरंत रोक दी जाएगी मासिक वित्तीय सहायता
क) यदि कोई लाभार्थी योजना की पात्रता मानदंडों के किसी भी नियम व शर्त का उल्लंघन करता हुआ पाया जाता है।
ख) यदि किसी भी स्तर पर यह पाया जाता है कि पेंशन लाभार्थी द्वारा दी गई किसी गलती या गलत या अपूर्ण जानकारी के कारण स्वीकृत की गई थी या जिस स्थिति/परिस्थिति के लिए सहायता दी गई थी, वह अब मौजूद नहीं है।
ग) लाभार्थी की मृत्यु होने पर।
घ) यदि रोगी कैंसर से ठीक हो जाता है। संबंधित सिविल सर्जन रोगी के ठीक होने या न होने की पुष्टि करने के बाद हर साल कैंसर प्रमाण पत्र की पुष्टि करेगा।
क) यदि कोई लाभार्थी योजना की पात्रता मानदंडों के किसी भी नियम व शर्त का उल्लंघन करता हुआ पाया जाता है।
ख) यदि किसी भी स्तर पर यह पाया जाता है कि पेंशन लाभार्थी द्वारा दी गई किसी गलती या गलत या अपूर्ण जानकारी के कारण स्वीकृत की गई थी या जिस स्थिति/परिस्थिति के लिए सहायता दी गई थी, वह अब मौजूद नहीं है।
ग) लाभार्थी की मृत्यु होने पर।
घ) यदि रोगी कैंसर से ठीक हो जाता है। संबंधित सिविल सर्जन रोगी के ठीक होने या न होने की पुष्टि करने के बाद हर साल कैंसर प्रमाण पत्र की पुष्टि करेगा।
योजना का गलत तरीके से लाभ लेने पर 12 प्रतिशत वार्षिक ब्याज के साथ की जाएगी रिकवरी
डीसी ने बताया कि यदि आवेदक द्वारा अपने आवेदन पत्र में दी गई गलत जानकारी के आधार पर वित्तीय सहायता स्वीकृत करवाई गई है या मासिक वित्तीय सहायता रोकने के पैरा में उल्लिखित किसी अन्य कारण से सहायता रोक दी गई है, तो जिला समाज कल्याण अधिकारी को ऐसे व्यक्ति द्वारा गलत तरीके से निकाली गई राशि को 12 प्रतिशत प्रति वर्ष ब्याज सहित वसूलने का अधिकार होगा। ऐसे व्यक्ति या उसके परिवार के सदस्य (जैसे पति/पुत्र आदि) से या हरियाणा भूमि राजस्व अधिनियम के तहत भूमि राजस्व के बकाया के रूप में वसूली की जा सकती है।
डीसी ने बताया कि यदि आवेदक द्वारा अपने आवेदन पत्र में दी गई गलत जानकारी के आधार पर वित्तीय सहायता स्वीकृत करवाई गई है या मासिक वित्तीय सहायता रोकने के पैरा में उल्लिखित किसी अन्य कारण से सहायता रोक दी गई है, तो जिला समाज कल्याण अधिकारी को ऐसे व्यक्ति द्वारा गलत तरीके से निकाली गई राशि को 12 प्रतिशत प्रति वर्ष ब्याज सहित वसूलने का अधिकार होगा। ऐसे व्यक्ति या उसके परिवार के सदस्य (जैसे पति/पुत्र आदि) से या हरियाणा भूमि राजस्व अधिनियम के तहत भूमि राजस्व के बकाया के रूप में वसूली की जा सकती है।
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