Fatehabad bhuna Dispute in three villages over underground pipeline, people of Jandali met ADC
Fatehabad Bhuna News : फतेहाबाद जिले के गांव जांडली के सैकड़ों ग्रामीण ने लघु सचिवालय में प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के दौरान उन्होंने चंद्रावल के किसानों द्वारा बिछाई जा रही पाइपलाइन का विरोध किया। इस दौरान ग्रामीणों ने अपनी मांग को लेकर एडीसी अनुसार को ज्ञापन सौंपा। जिसमें उन्होंने बताया कि उनके गांव के खेतों से चंद्रावल के किसान 25 साल पहले ट्यूबवेल लगाकर उसका पानी अंडरग्राउंड पाइपलाइन से अपने खेतों में लेकर गए। जब उनके गांव में जल स्तर नीचे गया तो सभी ने ट्यूबवेल बंद कर दिए। इसके उपरांत अब गांव चंद्रावल के तीन-चार किसान नियमों का हवाला देकर फिर से पाइपलाइन बिछाना चाहते है जो जांडली के ग्रामीण किसी भी सूरत में होने नहीं देंगे।
गांव जांडली से आए ग्रामीण सुरेंद्र, नरेंद्र कुमार, रामनिवास, राजेंद्र सिंह, रामकुमार, धर्मपाल, बलवीर, कुलदीप ने बताया कि गांव जांडली खुर्द प्रदेश सरकार द्वारा जल स्तर के मामले में रेड जोन घोषित किया हुआ है। यह इलाका अनकमांड रकवा है। यहां सिर्फ सबमर्सिबल का ही सहारा है। गांव चंद्रावल के दो किसान महेंद्र सिंह व चरण सिंह गांव जांडली खुर्द के खेतों से अपने खेतों में पानी लगाने के लिए सबमर्सिबल ट्यूबवेल लगा कर दो भूमिगत पाइप लाइन बिछाना चाहते हैं। इसका पूरा गांव विरोध कर रहा है। पहले उनके गांव का जल स्तर महज 50 फीट था, जो अब लगभग 225 फीट पर चला गया है। यह पाइपलाइन बिछने से पानी का स्तर और नीचे चला जाएगा। क्योंकि यह पाइप लाइन वे अपने खेतों में धान की फसल पकाने के लिए लेकर जा रहे हैं, जिसमें बहुत अधिक पानी की जरूरत पड़ेगी। ( Bhuna News Today )
पाइपलाइन को लेकर तीन गांवों में विवाद
पाइपलाइन को लेकर गांव जांडली व चंद्रावल में ही नहीं गोरखपुर में जांडली में भी विवाद है। जांडली से गुजरती नहर के पास से चंद्रावल के कई किसान ट्यूबवेल लगाकर चंद्रावल में खेती कर रहे है। इसके लिए अंडरग्राउंड पाइपलाइन बिछाई हुई है। वहीं गांव गोरखपुर नहर के पास से जांडली कलां के कई किसान ट्यूबवेल की अंडर ग्राउंड पाइपलाइन लेकर आए हुए है। करीब सात-आठ साल पहले गोरखपुर के किसानों ने जांडली के 40 किसानों की पाइपलाइन काट दी। इसके बाद जांडली के किसानों ने चंद्रावल के किसान की पाइपलाइन काट दी। उस दौरान सरकार का अंडरग्राउंड पाइपलाइन को लेकर नियम नहीं था। ऐसे में कोई भी पाइपलाइन वापस नहीं जुड़ी।
सरकार का नियम, शिकायत पर डीसी को जुड़वानी होगी पाइपलाइन
करीब दो साल पहले प्रदेश सरकार ने पंजाब सरकार की तर्ज पर राइट टू वे एक्ट बना दिया। इस नियम के तहत एक किसान अपने एक खेत से दूसरे खेत में अंडरग्राउंड पाइपलाइन ले जा सकता है। बीच में आने वाले कोई भी किसान उसका विरोध नहीं करेगा। चलती हुई पाइपलाइन को कोई काट देता है तो डीसी को शिकायत देने के बाद डीसी की जिम्मेदारी है कि वो उसे वापस जुड़वाए। बनाए गए नियम में जो कमेटी गठित होगी। उसकी चेयरमैन डीसी होगी। उनके साथ सहायक भूमि संरक्षण विभाग के अधिकारी सचिव की जिम्मेदारी दी हुई है। अलावा वन विभाग व लोक निर्माण विभाग के अधिकारी शामिल करते हुए पाइपलाइन जुड़वाई जाएगी। कमेटी किसी भी दूसरे विभाग के अधिकारी को ड्यूटी मजिस्ट्रेट नियुक्त करते हुए पाइपलाइन जुड़वाई जाती है। अब परेशानी यह है कि चंद्रावल के मामले में भूना के पंचायती राज विभाग के एसडीओ को ड्यूटी मजिस्ट्रेट नियुक्त किया हुआ है। दो बार वे जांडली के ग्रामीणों के विरोध के चलते पाइपलाइन नहीं जुड़वा पाए। जबकि पूरी पुलिस फोर्स के साथ गए थे।
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