Hisar Accident : Chita se shav uthakar le gayi police
Hisar Accident News : हिसार में सड़क हादसे में घायल व्यक्ति की उपचार के दौरान मौत हो गई। जब उसके परिजन अंतिम संस्कार करने श्मशान घाट पहुंचे तो वहां पर पुलिस पहुंच गई और शव को कब्जे में लेकर अपने साथ ले गई। पुलिस मृतक के शव का पोस्टमार्टम करवाने के बाद परिजनों के हवाले कर दिया जिसके बाद अंतिम संस्कार की प्रक्रिया पूरी की गई।
सेक्टर 13 निवासी संजय ने बताया कि उसके पिता 73 वर्षीय सुंदर श्याम नहर विभाग में नौकरी करते थे और वह सेवानिवृत्त कर्मचारी थे। 19 अगस्त को उसके पिता अपने पोते के साथ मंदिर में गए हुए थे और जब वह वापस घर आए तो सड़क क्रॉस करते समय अज्ञात स्कूटी सवार ने उसके पिता को टक्कर मार दी (Hisar Accident)।
स्कूटी की टक्कर लगने से उसके पिता गंभीर रूप से घायल हो गए जिन्हें उपचार के लिए हिसार के खनिज हॉस्पिटल में भर्ती करवाया गया। संजय ने आरोप लगाया कि उसने और अस्पताल की तरफ से हादसे की सूचना पुलिस को दी गई थी। लेकिन शिकायत करने के बावजूद भी पुलिस नहीं पहुंची। उपचार के दौरान शुक्रवार की रात को उसके पिता की मौत हो गई।
संजय के मुताबिक Hisar Accident में घायल उसके पिता की मौत के बाद उन्होंने तुरंत ही पुलिस को इसकी सूचना दी लेकिन पुलिस नहीं पहुंची। सुबह तक इंतजार करने के बाद फिर से उन्होंने पुलिस को सूचना दी लेकिन पुलिस की कोई ठोस जवाब नहीं मिला। संजय ने बताया कि शनिवार को वह अपने परिजनों और रिश्तेदारों के साथ मिलकर उसके पिता का अंतिम संस्कार करने के लिए सेक्टर 16-17 स्थित श्मशान घाट में गए हुए थे और वहां पर अंतिम संस्कार करने की प्रक्रिया चल रही थी किसी दौरान दो गाड़ियों में पुलिस वहां पर पहुंच गई और शव को उठाकर अपने साथ ले गई।
संजय ने आरोप लगाया कि हादसे की सूचना देने और बार-बार फोन करने के बाद भी सिविल लाइन थाना पुलिस की तरफ से कोई कर्मचारी ना ही तो उनके बयान दर्ज करने के लिए हॉस्पिटल आया और ना ही Hisar Accident में घायल उसके पिता की कोई जानकारी ली। संजय ने आरोप लगाया कि हिसार की सिविल लाइन थाना पुलिस सुरक्षा और सहयोग का झूठा दावा कर रही है लेकिन वह असल में जनता का किसी भी प्रकार से सहयोग नहीं कर रही।
पुलिस ने मृतक बुजुर्ग सेवानिवृत्त कर्मचारी सुंदर श्याम के शव का हिसार के नागरिक अस्पताल में पोस्टमार्टम करवाने के बाद शव को परिजनों को सौंप दिया। इसके बाद अंतिम संस्कार की प्रक्रिया को पूरा किया गया। लेकिन पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े जरुर हो गए हैं कि आखिरकार पुलिस ऐसे किस मामले में उलझी हुई थी कि उसने Hisar Accident में घायल की 25 दिन तक कोई सुध नहीं ली।
इस संबंध में सिविल लाइन थाना प्रभारी विशाल सिंह से बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि हद से की शिकायत मिली थी और उसके आधार पर अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी थी। पुलिसकर्मी हॉस्पिटल भी गए थे लेकिन घायल बयान देने की स्थिति में नहीं था और उसकी हालत गंभीर बनी हुई थी इसलिए परिजनों की शिकायत पर मामला दर्ज किया गया था। जब गुर्जर की मौत की सूचना मिली तो पुलिस श्मशान घाट पहुंची और उसके शव को पोस्टमार्टम के लिए सिविल हॉस्पिटल लेकर आई थी। जहां पर उसके शव का पोस्टमार्टम करवाने के बाद शव को परिजनों के हवाले कर दिया।
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