Rabi Krishi Mela Hisar 2025 CM Nayab singh saini
नस्ल संरक्षण योजना के तहत 50 पशुपालकों को 40 हजार रुपये तक की अनुदान राशि के चैक किए वितरित
Hisar News Abtak : हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने किसानों का आह्वान किया कि कृषि में विविधीकरण को अपनाएं तथा मोटे अनाज की पैदावार को प्राथमिकता दें। हरियाणा सरकार हमेशा किसानों के साथ खड़ी है और कृषि को लाभकारी बनाने के लिए लगातार ठोस कदम उठा रही है। मुख्यमंत्री ने किसानों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि औषधीय पौधों, मधुमक्खी पालन, मशरूम उत्पादन, सब्जी, फूल एवं फल की खेती जैसे विकल्प अपनाकर किसान अपनी आमदनी को कई गुना बढ़ा सकते हैं। उन्होंने आश्वस्त किया कि सरकार इस दिशा में किसानों को हर संभव सुविधा और प्रोत्साहन उपलब्ध कराती रहेगी।
मुख्यमंत्री रविवार को हिसार में चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित रबी कृषि मेला का ( Rabi Krishi Mela Hisar 2025 ) शुभारंभ करने उपरांत उपस्थितजन को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने हर घर छाँव-हर घर फल योजना का भी शुभारंभ किया। इस योजना के तहत प्रदेश के 22 जिलों के 110 गांवों में 55000 फलदार पौधों का नि:शुल्क वितरण किया जाएगा।

Rabi Krishi Mela Hisar 2025 में मुख्यमंत्री ने लगभग 6 व्यक्तियों को पौधे प्रदान किए। इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने देशी गायों के संरक्षण और विकास तथा मुर्राह विकास योजना के अंतर्गत 50 पुशपालकों को 40 हजार रुपये तक की प्रोत्साहन राशि के डमी चैक का भी वितरण किया। साथ ही, 75 महिला उद्यमियों को डेयरी स्थापना स्वीकृति पत्र भी प्रदान किए। मुख्यमंत्री ने विश्वविद्यालय परिसर में दत्तोपंत ठेंगड़ी कृषि उद्यमिता स्थल का उद्घाटन किया। इसके अलावा, कल्पना चावला महिला छात्रावास और देवी अहिल्या बाई होलकर महिला छात्रावास का भी उद्घाटन किया गया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि खरीफ-2025 में राज्य में अत्यधिक वर्षा हुई है। इससे राज्य के कई हिस्सों में बाढ़ आई है। सरकार ने प्रभावित किसानों को राहत पहुंचाने के लिए ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल पर फसल नुकसान की जानकारी मांगी है। उन्होंने कृषि वैज्ञानिकों का आह्वान किया कि वे विभिन्न फसलों के ऐसी किस्में विकसित करें, जो जलभराव को भी झेल सकें और सूखे की स्थिति में भी पैदावार दे सकें।
उन्होंने कहा कि सरकार ने किसान हित में नकली बीज व कीटनाशकों पर रोक लगाने के लिए कानून बनाया है। यहां उपस्थित बीज व कीटनाशक बनाने वाली कंपनियों के प्रतिनिधियों से अनुरोध है कि वे नकली बीज व कीटनाशकों की रोकथाम में प्रदेश सरकार का सहयोग करें।
उन्होंने कहा कि भावांतर भरपाई योजना के तहत अब तक 29,864 किसानों को 135 करोड़ रुपये से अधिक की राशि भावांतर के रूप में दी है। हरियाणा देश का पहला राज्य है, जिसने बागवानी किसानों को भी मौसम की अनिश्चितताओं के जोखिम से मुक्त किया है। इसके लिए मुख्यमंत्री बागवानी बीमा योजना में 21 फसलें शामिल की गई हैं।
नायब सिंह सैनी ने कहा कि यह विश्वविद्यालय पूरे देश के लिए गौरव का केंद्र है, जहां वैज्ञानिक लगातार कृषि विकास और किसानों की समस्याओं पर शोध कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि Rabi Krishi Mela Hisar 2025 किसानों और वैज्ञानिकों के बीच संवाद का महत्वपूर्ण मंच है, जिसमें नई तकनीकों, फसल विविधीकरण और प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन की जानकारी मिलेगी, इससे लागत घटेगी और उत्पादन बढ़ेगा। आज सरकार, कृषि वैज्ञानिकों और किसानों को मिलकर यह सुनिश्चित करना होगा कि खेती का हर कदम प्रकृति के संतुलन के साथ आगे बढ़े।
मुख्यमंत्री ने कहा कि समय की मांग है कि किसान ऐसी फसलों की पैदावार करें, जिसमें पानी की कम जरूरत होती है। ऐसी फसलों को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने मेरा पानी मेरी विरासत योजना वर्ष 2020 में शुरू की है। इस योजना के तहत वैकल्पिक फसलें लेने या खेत खाली छोडऩे वाले किसानों को 8 हजार रुपये प्रति एकड़ वित्तीय सहायता दी जाती है। इस योजना के तहत 2 लाख 20 हजार एकड़ में धान की जगह वैकल्पिक फसलें बोने पर किसानों को 157 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता दी गई है।
उन्होंने कहा कि पानी की बचत के लिए वर्षा जल संचयन, ड्रिप और स्प्रिंकलर जैसी माइक्रो इरिगेशन तकनीकों को बढ़ावा दिया जा रहा है। माइक्रो इरीगेशन तकनीकों पर 85 प्रतिशत तक सब्सिडी दी जाती है। किसानों को तालाब बनाने के लिए भी 85 प्रतिशत तक अनुदान दिया जाता है। इसके अलावा, सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट्स के शोधित पानी को सिंचाई के लिए इस्तेमाल करने की 27 योजनाएं तैयार की हैं। इनमें से 11 पूरी हो चुकी हैं। इनसे सिंचाई के लिए एक स्थायी जल स्रोत मिलेगा, नहरों पर दबाव कम होगा और भूजल का दोहन भी घटेगा।
मुख्यमंत्री से पहले मैं एक किसान हूँ, मेरे लिए किसान हित सर्वोपरि : मुख्यमंत्री
नायब सिंह सैनी ने कहा कि वे किसान के बेटे हैं, उन्होंने खेत-खलिहान में काम किया है। इसलिए किसानों की समस्याओं को अच्छी तरह से समझते हैं। मुख्यमंत्री से पहले वे एक किसान हैं और किसान हित उनके लिए सर्वोपरि हैं। उन्होंने कहा कि किसान हित में हरियाणा में सभी 24 फसलों की खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य पर की जाती है। ‘प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि’ योजना के तहत हरियाणा के लगभग 20 लाख किसानों के खातों में 6 हजार 917 करोड़ रुपये की राशि डाली गई है। पिछले 10 सीजन में 12 लाख किसानों के खातों में एम.एस.पी. पर फसल खरीद के 1 लाख 48 हजार करोड़ रुपये डाले हैं।

नायब सिंह सैनी ने कहा कि फसल खराब होने पर किसानों को मुआवजे व प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के क्लेम के रूप में 15,145 करोड़ रुपये की राशि दी है। जबकि पहले की सरकार ने अपने 10 साल के कार्यकाल में किसानों की तरफ बेरुखी रवैया अपनाते हुए फसल खराबे के लिए केवल 1155 करोड़ रुपये का मुआवजा दिया था। उन्होंने कहा कि सरकार ने वर्ष 2024 में सभी खरीफ फसलों के लिए हर किसान को 2 हजार रुपये प्रति एकड़ की दर से 1,345 करोड़ रुपये का बोनस दिया है। ऐसा हरियाणा के इतिहास में पहली बार हुआ है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि खरीफ-2025 में राज्य में अत्यधिक वर्षा हुई है। इससे राज्य के कई हिस्सों में बाढ़ आई है। सरकार ने प्रभावित किसानों को राहत पहुंचाने के लिए ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल पर फसल नुकसान की जानकारी मांगी है। उन्होंने कृषि वैज्ञानिकों का आह्वान किया कि वे विभिन्न फसलों के ऐसी किस्में विकसित करें, जो जलभराव को भी झेल सकें और सूखे की स्थिति में भी पैदावार दे सकें।
उन्होंने कहा कि सरकार ने किसान हित में नकली बीज व कीटनाशकों पर रोक लगाने के लिए कानून बनाया है। यहां उपस्थित बीज व कीटनाशक बनाने वाली कंपनियों के प्रतिनिधियों से अनुरोध है कि वे नकली बीज व कीटनाशकों की रोकथाम में प्रदेश सरकार का सहयोग करें।
उन्होंने कहा कि भावांतर भरपाई योजना के तहत अब तक 29,864 किसानों को 135 करोड़ रुपये से अधिक की राशि भावांतर के रूप में दी है। हरियाणा देश का पहला राज्य है, जिसने बागवानी किसानों को भी मौसम की अनिश्चितताओं के जोखिम से मुक्त किया है। इसके लिए मुख्यमंत्री बागवानी बीमा योजना में 21 फसलें शामिल की गई हैं।
हरियाणा खेती, बागवानी, पशुपालन और मत्स्य पालन में देश का अग्रणी राज्य : कृषि मंत्री श्याम सिंह राणा
कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्याम सिंह राणा ने Rabi Krishi Mela Hisar 2025 में कहा कि भारत कृषि प्रधान देश है और किसानों की मेहनत से ही देश की अर्थव्यवस्था सुदृढ़ होती है। इसी उद्देश्य से देशभर में कृषि पखवाड़ा मनाया जा रहा है, जिसके तहत प्रदेशभर के गांवों में जाकर किसानों को उन्नत कृषि तकनीक, जैविक व प्राकृतिक खेती और बागवानी, पशुपालन एवं मत्स्य पालन के बारे में जागरूक किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार किसानों के हित में निरंतर काम कर रही है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने धान खरीद 1 अक्तूबर की बजाय 22 सितम्बर से करने की घोषणा की है ताकि किसानों को समय पर उनकी उपज का लाभ मिल सके। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने देशी गाय पर 35,000 रुपये तक की सब्सिडी और प्रति पशु 4,000 रुपये की सहायता राशि प्रदान कर रही है।
उन्होंने कहा कि समय के साथ साथ रासायनिक खेती के दुष्परिणाम सामने आ रहे हैं, जिससे भूमि की उर्वरता और मानव स्वास्थ्य प्रभावित हो रहा है। यदि खेती की दिशा नहीं बदली गई तो एक अध्ययन के अनुसार 2040 तक कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा हर घर तक पहुँच सकता है। इसलिए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर पूरे देश में कृषि पखवाड़ा मनाया जा रहा है, ताकि प्राकृतिक खेती और स्वस्थ जीवन को बढ़ावा दिया जा सके।
कृषि मंत्री ने कहा कि हरियाणा चारों प्रमुख कृषि क्षेत्रों — खेती, बागवानी, मत्स्य पालन और पशुपालन में देश में अग्रणी है। बिना समुद्र तट वाले 17 राज्यों में हरियाणा मत्स्य पालन में दूसरे स्थान पर है। राज्य की प्रसिद्ध मुर्रा और साहीवाल नस्ल विश्व स्तर पर पहचान बना चुकी हैं। वहीं, गन्नौर में 3,000 करोड़ रुपये की लागत से बन रही अंतरराष्ट्रीय बागवानी मंडी हरियाणा को वैश्विक बाजार से जोड़ेगी।
उन्होंने कहा कि इस मेले में किसानों को बीज, उन्नत कृषि यंत्र, फसल सुरक्षा उपाय, सब्जी एवं बागवानी, नर्सरी और विभिन्न कृषि तकनीकों से अवगत कराया जाएगा। उन्होंने किसानों से अपील की कि वे प्राकृतिक खेती की ओर कदम बढ़ाएं ताकि आने वाली पीढिय़ों के लिए सुरक्षित और स्वस्थ भविष्य सुनिश्चित हो सके।
कृषि, बागवानी, पशुपालन एवं मत्स्य पालन के एकीकृत विकास से किसानों की आय में होगी वृद्धि : राजा शेखर वुंडरू
कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ राजा शेखर वुंडरू ने कहा कि यह आयोजन इस उद्देश्य से किया गया है कि किसान कृषि, बागवानी, पशुपालन एवं मत्स्य पालन से संबंधित नवीनतम जानकारी और शोध से लाभान्वित हो सकें।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने इस बात पर विशेष बल दिया है कि किसान केवल परंपरागत खेती तक सीमित न रहकर पशुपालन, मत्स्य पालन और बागवानी को भी अपनाएं ताकि उनकी आय के स्रोत बढ़ सकें। आज के इस कृषि मेले में यही संदेश दिया जा रहा है कि एकीकृत दृष्टिकोण से ही किसान की आमदनी में वृद्धि हो सकती है।
उन्होंने कहा कि कृषि में उत्तम बीज की उपलब्धता और शोध कार्यों पर राज्य सरकार विशेष ध्यान दे रही है। गेहूं, सरसों और अन्य फसलों के साथ-साथ बागवानी में भी उच्च गुणवत्ता वाले सब्जियों के बीज पर शोध हो रहा है और कई नई वैरायटी सामने आई हैं। इसी तरह पशुपालन में देशी नस्लों के संरक्षण और सुधार पर भी सरकार बल दे रही है ताकि रोग-प्रतिरोधक क्षमता वाली बेहतरीन नस्लें किसानों को उपलब्ध हो सकें। मत्स्य पालन के क्षेत्र में भी बड़े पैमाने पर कार्य हो रहा है। हाल ही में 22 बड़े तालाबों में मछली बीज (फिंगरलिंग्स) छोड़े गए हैं। इसके साथ ही उत्तम ब्रीड स्टॉक मछलियों की उपलब्धता के लिए अन्य राज्यों से भी नस्लें मंगाई गई हैं।





इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री रणबीर सिंह गंगवा, पूर्व कैबिनेट मंत्री डॉ कमल गुप्ता, विधायक सावित्री जिंदल, विधायक रणधीर पनिहार, हकृवि के उपकुलपति प्रोफेसर बीआर कंबोज, उपायुक्त अनीश यादव, पुलिस अधीक्षक शशांक कुमार सावन, बागवानी विभाग से अर्जुन सैनी, नगराधीश हरिराम, जिला परिषद के चेयरमैन सोनू सिहाग डाटा, महापौर प्रवीण पोपली, पूर्व मंत्री अनूप धानक, हिसार जिलाध्यक्ष आशा खेदड़, हांसी जिलाध्यक्ष अशोक सैनी, सहित अनेक गणमान्य नेता एवं नागरिक उपस्थित रहे।
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