Haryana News : Farmers are worried due to non-lifting of wheat
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!गेहूं का उठान न होने से किसान परेशान
Haryana News : सरकार और ठेकेदार की मिली भगत की वजह से किसानों के गेहूं की पेमेंट रुकी हुई है और सरकार व प्रशासन उठाना होने का बहाना बनाकर किसानों को परेशान करने पर लगे हुए हैं। जबकि सरकार दावा कर रही थी कि वह 48 से बेहतर घंटे के अंदर किसने की फसल खरीद की पेमेंट उनके खातों में पहुंचा देगी। लेकिन 10 से 15 दिन भी जाने के बावजूद भी आज तक किसानों को उनकी फसल का भुगतान नहीं किया गया है। ये बातें नारनौंद में किसानों की समस्याओं पर चर्चा करते हुए भारतीय किसान नौजवान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष अभिमन्यु कोहाड़ ने कहे।
उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार झूठी घोषणाओं का पिटारा बनकर रह गई है। सरकार जनता के बीच में तो दावे करती है कि किसानों की फसल का भुगतान 48 से बेहतर घंटे के अंदर कर दिया जाएगा। लेकिन जब धरातल पर देखते हैं तो सरकार के दावे केवल हवा हवाई ही नजर आते हैं। सरकार की घोषणाएं जुबान पर अलग होती हैं और कागजों में लग पाई जाती हैं। 48 से बेहतर घंटे में गेहूं की फसल का भुगतान करने का दावे भाजपा सरकार के झूठे साबित हो रहे हैं जिसकी वजह से किसान परेशान हो चुका है और वह खेत और मंडी के चक्कर काटने के लिए मजबूर है।
अभिमन्यु कोहाड़ ने कहा कि किसान की गेहूं की फसल मंडी में बिकने के 10 से 15 दिन बाद भी उसकी फसल का भुगतान नहीं हो रहा। किस को यह समझ में नहीं आ रहा है कि वह गेहूं की फसल का भुगतान लेने के लिए मंडी के चक्कर काटे या खेत में दूसरी फसल की बिजाई की तैयारी करें। इसलिए किसान कभी मंडी तो कभी खेत के चक्कर में उलझ कर रह गया है। परंतु सरकार ठेकेदार से मिली भगत करके जानबूझकर गेहूं के उत्थान में देरी कर रही है। किसने की फसल का समय पर भुगतान और मंडी से फसलों का समय पर उत्थान होने को लेकर उन्होंने 2 अप्रैल को ज्ञापन भी सौंपा था लेकिन सरकार इसको हलके में ले रही है। अगर जरूरत पड़ी तो भारतीय किसान नौजवान यूनियन के सदस्य किसानों की आवाज बनकर सड़कों पर उतरने के लिए मजबूर होंगे।
उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने जब किसानों के लिए काले कानून बनाए तो उन्होंने विरोध किया था लेकिन अब भाजपा सरकार ने किसानों के हित में जो नकली खाद बीज दवाइयां इत्यादि के लिए बनाया गया कानून का स्वागत भी किया है। उन्होंने कहा कि दुकानदार और फैक्ट्री मालिक मिलकर किसानों को चूना लगा रहे हैं और उसे नकली खाद, बीज और दवाइयां देकर उसकी खून पसीने की मेहनत को चूसने में लगे हुए हैं। जब किस किसी फसल की बिजाई करता है तो उसे पर भारी भरकम खर्च पहले करना पड़ता है और नकली बीज और दवाइयां व खाद की वजह से उसकी फसल ग्रोथ नहीं कर पाती और ना ही उपज देती है जिससे किसान को भारी नुकसान उठाना पड़ता है। लेकिन भाजपा सरकार ने किसान हित में बनाई गई इस कानून का वह स्वागत करते हैं। उन्होंने कहा कि काफी दुकानदार नकली बीज को अच्छी पैकिंग कर किसानों को ऊंचे दामों में भेज देते हैं लेकिन जब उसके पकाने का समय आता है तो उसे केवल भूसा ही मिलता है। जो दुकानदार या कंपनी किस को नकली बीज खाद व दवाइयां दे रहे हैं और साबित होने पर उन्हें कड़ी सजा मिलनी चाहिए। इसमें अभी और सुधार की जरूरत है और सरकार को इस करना चाहिए ताकि किसान बेचनाते होकर अपने खेत के लिए उचित खाद बीज खरीदने में हिचके ना।
पंजाब हरियाणा के बीच चल रहे जल विवाद को लेकर अभिमन्यु कोहाड़ ने कहा कि पानी पर सबका हक है और हर किसी को उसका हक मिलना चाहिए। भीषण गर्मी के मौसम में जनता के हलक सूख रहे हैं और हमारे राजनेता पानी को लेकर अपनी राजनीतिक चमकाने में लगे हुए हैं। जिस समय पानी का बंटवारा हुआ था उसे समय जमीन स्तर का पानी का लेवल काफी ऊंचा था और पानी भी पीने योग्य होता था। लेकिन आज जमीन के पानी का लेवल काफी नीचे जा चुका है और अधिकतर स्थानों पर गांव के आसपास पीने योग्य पानी भी नहीं है। राज्य और केंद्र सरकार को इस मसले का हाल करना चाहिए ताकि पानी से पहले हलक की प्यास बुझाई जा सके और उसके बाद इसका प्रयोग बड़े-बड़े कंपनियों की वजह खेती के लिए किया जाए। ताकि अन्य उत्पादन में कोई दिक्कत ना आए। अगर हमारे देश में अंत पैदा करने मैं दिक्कत होगी तो हमारे अनाज के भंडारण खाली हो जाएंगे।
उन्होंने दुनिया की सबसे बड़े सिंधु जल समझौते का जिक्र करते हुए कहा कि वह सिंधु जल समझौता उसे समय के मुताबिक हुआ था लेकिन आज भारत ही नहीं दुनिया के हालातो में काफी तेजी से बदलाव हुआ है। इस पर दोबारा से विश्लेषण करने की जरूरत है और ब्यास, सतलुज और रावी नदियों का पानी जो पहले से पाकिस्तान जा रहा है और उसे पर हिंदुस्तान का हक है सरकार को उसे हिंदुस्तान की जनता और किसानों को देने के लिए ठोस कदम उठाने की मांग की। क्योंकि इन तीनों ही नदियों के पानी पर भारत का हक है।
उन्होंने राकेश टिकैत के साथ हु इस द कामूकी की भी कड़े शब्दों में निंदा करते हुए कहा कि हमारे देश के संविधान में इस तरह की हरकतों का कोई स्थान नहीं है। अभिमन्यु कोहाड़ ने कहा कि सरकार एक तरफ तो किसानों को उनकी मांगों को लेकर बातचीत के लिए बुलाती है और दूसरी तरफ धोखे से उन्हें गिरफ्तार कर लेती है। सरकार दौगुली नीति अपनाकर देश की जनता को गुमराह करने में लगी हुई है। सरकार को चाहिए कि उसने जो किसानों और मजदूरों से वायदे किए थे उसे जल्द से जल्द पूरा करें ताकि किसान मजदूर की आर्थिक हालत भी ठीक हो सके।
इस अवसर पर उनके साथ किसान नेता हर्षदीप गिल, बलवान लोहान, शीलू लोहान, मास्टर सतबीर, सतीश माजरा, सुरेंद्र लोहान, विनोद जंगी, दशरथ मलिक इत्यादि मौजूद थे।
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